ॐ नमो हनुमते भय भंजनाय मंत्र हनुमानजी को समर्पित है। यह मंत्र भय को दूर करने, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाने तथा नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए जपा जाता है।
ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्वशर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः।।
1. मुख्य हनुमान मंत्र:
ॐ नमो हनुमते भय भंजनाय सुखम् कुरु फट् स्वाहा
- अर्थ:
- ॐ: ब्रह्मांडीय शक्ति और ऊर्जा का स्रोत।
- नमो: प्रणाम, समर्पण।
- हनुमते: हनुमान जी को समर्पित।
- भय भंजनाय: भय का नाश करने वाले।
- सुखम् कुरु: सुख प्रदान करें।
- फट् स्वाहा: मंत्र की ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए शक्ति शब्द।
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः (Om Hreem Shreem Lakshmi Bhyo Namaha)
- लाभ:
- भय और नकारात्मकता को समाप्त करता है।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- जीवन की समस्याओं को दूर करता है और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
- इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति हर संकट से बाहर निकल सकता है।
ॐ वसुधरे स्वाहा मंत्र (Om Vasudhare Swaha mantra)
इस मंत्र का नियमित जप न केवल भय से मुक्ति दिलाता है, बल्कि आत्मबल और हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी की पूजा के समय जपना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
क्या आप इसे जपने की विधि या इसके प्रभाव के बारे में और जानना चाहेंगे?
2. अन्य हनुमान मंत्र और उनके लाभ:
(1) ॐ हं हनुमते नमः
- अर्थ: हनुमान जी को प्रणाम।
- लाभ:
- मन और आत्मा को शुद्ध करता है।
- हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का सरल मंत्र।
- भक्ति और ध्यान के लिए श्रेष्ठ।
ऊँ लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः (Om Lakshmi Narayanabhyam Namah)
(2) ॐ नमो भगवते हनुमते नमः
- अर्थ: हे भगवान हनुमान जी, आपको नमस्कार।
- लाभ:
- संकटों को दूर करता है।
- शत्रुओं और बाधाओं का नाश करता है।
- सफलता और मनोकामना पूरी करने में सहायक।
संतोषी मां महामंत्र: (Santoshi Mata maha mantra)
(3) ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रु संहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
- अर्थ:
- हे रुद्रावतार हनुमान जी, आप सभी शत्रुओं को नष्ट करें।
- सभी रोगों का नाश करें।
- हमें सफलता प्रदान करें और श्रीराम का दूत बनकर हमारा कल्याण करें।
काल भैरव गायत्री मंत्र (Kaal Bhairava Gayatri Mantra)
- लाभ:
- शत्रुओं और प्रतिद्वंद्वियों पर विजय दिलाने वाला मंत्र।
- रोग, कष्ट और दुर्भाग्य को दूर करता है।
- आत्मबल और साहस बढ़ाने वाला।
ॐ ऐं श्रीं भाग्योदयं कुरु कुरु श्रीं ऐं फट्।। (Om Aim Shreem Bhagyodayam Kuru Kuru Shreem Aim Phat)
मंत्र जाप की विधि
कालभैरव अष्टकम (Kaal Bhairav Ashtakam)
- सामग्री:
- एक लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति/चित्र।
- सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चने का भोग।
- दीपक और अगरबत्ती।
- विधि:
- मंगलवार या शनिवार को सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- एक साफ स्थान पर लाल आसन बिछाएं।
- हनुमान जी की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
- चमेली के तेल और सिंदूर से पूजा करें।
- मन को शांत करके मंत्र का 108 बार जप करें। (माला का उपयोग करें)।
- हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ होता है।
- अनुशासन:
- पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का जाप करें।
- नियमित जप करें, विशेषकर संकट के समय।
- हनुमान जी को गुड़-चने या तुलसी पत्ते का भोग लगाएं।
ॐ नीलांजन समाभासं शनि मंत्र (Om Nilaanjana Samaabhasam mantra)
हनुमान जी के मंत्रों से मिलने वाले परिणाम
ॐ दुं दुर्गायै नमः (Om Dum Durgayei Namaha)
- भयमुक्ति: जीवन में किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति।
- संकटमोचन: हर प्रकार के संकट और बाधाओं से रक्षा।
- आत्मबल: मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि।
- सफलता: कार्यों में सफलता और इच्छाओं की पूर्ति।
- शत्रु नाश: शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
हनुमान जी के ये मंत्र व्यक्ति को आत्मिक शक्ति, साहस और भक्ति प्रदान करते हैं। उनका जाप श्रद्धा और समर्पण के साथ किया जाए तो अवश्य मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
ॐ अन्तरिक्षाय नमः मंत्र (Om Antarikshaya Namah Mantra)





















































