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काल भैरव: समय के स्वामी और शिव के भयावह रक्षक (Kaal Bhairav – The Lord of Time and the Fierce Guardian of Shiva)

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हिंदू धर्म के रहस्यमयी लोक में एक ऐसा देवता हैं, जिनके नाम से ही दुष्ट कांप उठते हैं —वो हैं भगवान काल भैरव, जो समय, मृत्यु और न्याय के स्वामी माने जाते हैं।उनकी भक्ति से भय समाप्त होता है और अधर्मियों का विनाश होता है।उनकी जयंती, जिसे कालाष्टमी या काल भैरव जयंती कहा जाता है, Read More

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अप्सरा तारा और रुक्मन की अद्भुत कथा — कैसे मिली छिपकली को मुक्ति (The miraculous tale of Apsara Tara and Rukman — how the lizard attained liberation.)

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स्वर्गलोक में दो सुंदर अप्सराएँ रहती थीं — तारा और रुक्मन।दोनों बहनें थीं — एक धर्मपरायण और दूसरी चंचल स्वभाव की। तारा को भगवान की भक्ति, मंदिर-दर्शन और तप का बड़ा शौक था; जबकि रुक्मन भोग-विलास और आनंदमयी जीवन की इच्छुक थी। माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरण क्यों दबाती हैं? — एक अद्भुत रहस्य Read More

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रत्नावली के शब्दों ने बनाया तुलसीदास को “राम का तुलसीदास” — एक प्रेरक कथा (The Words of Ratnavali That Transformed Tulsidas into ‘Ram’s Tulsidas’ — An Inspiring Tale)

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भारत की भक्ति परंपरा में गोस्वामी तुलसीदास जी का नाम एक अमर दीपक की तरह जलता है। “रामचरितमानस” जैसे अमर ग्रंथ के रचयिता तुलसीदास जी जन्म से संत नहीं थे — बल्कि एक घटना ने उन्हें संत बना दिया। वह घटना थी — उनकी पत्नी रत्नावली के तीखे परंतु अमृत समान वचन। अप्सरा तारा और Read More

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श्री नवनाथ स्तोत्र (Navnath Stotra)

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श्री नवनाथ स्तोत्र एक अत्यंत पवित्र और भक्तिपूर्ण प्रार्थना है, जिसमें नौ नाथ गुरुओं — जैसे कि मत्स्येन्द्रनाथ, गोरक्षनाथ, जालंधरनाथ, कानिफनाथ, चर्पटीनाथ, नागनाथ, भर्तृहरिनाथ, रेवणसिद्ध, गहिनीनाथ — को नमन किया गया है।यह स्तोत्र इन महान योगी गुरुओं के आध्यात्मिक महत्व, योगसिद्धियों और दिव्य गुणों का वर्णन करता है।इसका पाठ पापों का नाश करने, गुरु कृपा Read More

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आत्मदेव, धुंधुली और गोकर्ण की कथा (The Story of Atmadev, Dhundhuli, and Gokarna)

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बहुत समय पहले की बात है — एक ब्राह्मण आत्मदेव नाम से प्रसिद्ध था। वह धर्मपरायण, विद्वान और सज्जन था, परंतु उसकी पत्नी धुंधुली स्वभाव से क्रोधी, झगड़ालू और कठोर वचन बोलने वाली थी। आत्मदेव के जीवन का सबसे बड़ा दुख यह था कि उसके कोई संतान नहीं थी। गाँव और समाज के लोग उसे Read More

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नवनाग स्तुति (Navanaga Stuti)

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नवनागस्तुति एक प्राचीन स्तोत्र है जिसमें नौ महान नागों (सर्पों) की स्तुति की गई है। इन नागों के नाम हैं — अनन्त, वासुकि, शेष, पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक और कालिय।यह स्तुति विशेष रूप से सर्पदंश (साँप के काटने) से रक्षा के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस Read More

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एकाक्षी दुर्गा (Ekakshi Durga)

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एकाक्षी दुर्गा देवी दुर्गा का एक अत्यंत दुर्लभ और रहस्यमयी रूप है। यह स्तोत्र माता की असीम शक्ति और उनके विभिन्न रूपों की स्तुति करता है। इसमें देवी के उन स्वरूपों का स्मरण है जिन्होंने असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की। इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन के सभी संकट, भय और Read More

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तुलसी नामाष्टक स्तोत्र (Tulsi Namashtak Stotram)

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तुलसी नामाष्टक स्तोत्र में तुलसी माता के आठ पवित्र नामों का वर्णन किया गया है —वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपूजिता, विश्वपावनी, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी।इन नामों का स्मरण और स्तुति करने से तुलसी माता की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि एवं पवित्रता का वास होता है। वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपूजिता, विश्वपावनी ।पुष्पसारा, नंदिनी Read More

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तुलसीस्तुति: (Tulsi Stuti)

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तुलसी माता को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां भगवान विष्णु का वास होता है। तुलसी स्तुति के इन श्लोकों के माध्यम से हम तुलसी माता को प्रणाम करते हैं और उनसे पापों का नाश व पवित्रता की Read More

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पिप्पलस्तुति (Pippal Stuti)

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हिंदू धर्म में वृक्षों की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इन्हें जीवन, ऊर्जा और ईश्वर की उपस्थिति का प्रतीक माना गया है।इनमें से सबसे पवित्र और पूजनीय वृक्ष है पीपल (अश्वत्थ) — जिसे स्वयं त्रिदेवों का निवास स्थान कहा गया है। शास्त्रों में वर्णित है कि पीपल के मूल में भगवान ब्रह्मा, छाल में Read More