
आप सभी का स्वागत है! आज हम बात करेंगे एक ऐसे पवित्र और ऐतिहासिक स्थल की जो श्रद्धा, इतिहास और शांति का अनोखा संगम है — महाराष्ट्र के नागपुर जिले के रामटेक में स्थित श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर।
यह स्थान न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि हर धार्मिक और आस्थावान व्यक्ति के लिए शांति का केंद्र है।
रामटेक की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ को समर्पित है। यह एक प्रसिद्ध “अतिशय क्षेत्र” है, अर्थात वह स्थान जहाँ दिव्य चमत्कार घटित होते हैं। मंदिर की भव्यता, शांति और प्राचीन स्थापत्य इसे विशेष बनाते हैं।
इतिहास (History)

श्री शांतिनाथ जैन मंदिर का इतिहास लगभग 11वीं–12वीं सदी का बताया जाता है। कहा जाता है कि एक समय भोंसले राजवंश के काल में एक मंत्री ने भगवान शांतिनाथ की मूर्ति की खोज करवाई थी और उसके बाद इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।
बाद के वर्षों में कई उप-मंदिर और कलात्मक स्तंभ बनाए गए। भोंसले शासकों के संरक्षण में यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से प्रसिद्ध हुआ।
विशिष्टताएँ (Special Features)
मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान शांतिनाथ की 13 फीट ऊँची विशाल मूर्ति है, जो खड्गासन मुद्रा में विराजमान है।
मंदिर परिसर में कई छोटे-बड़े उप-मंदिर हैं जिनकी शिल्पकला अत्यंत मनमोहक है।
पत्थर की नक्काशी, विशाल स्तंभ, सुन्दर तोरण और शांत वातावरण इस स्थल को अद्भुत बनाते हैं।
यहाँ एक ऊँचा ‘मनस्तंभ’ भी है, जो अहंकार-त्याग का प्रतीक माना जाता है।
श्री रामेश्वर महादेव साई मंदिर, रतलाम — आस्था, अध्यात्म और शांति का संगम
देवता और आध्यात्मिकता (Deities and Spiritual Significance)

मंदिर के मुख्य देवता भगवान शांतिनाथ हैं, जो 16वें तीर्थंकर हैं। उनके साथ अन्य तीर्थंकरों की भी मूर्तियाँ स्थापित हैं।
जैन धर्म के अनुसार यह स्थान आत्मशुद्धि, अहिंसा और ध्यान का प्रतीक है।
यहाँ न केवल जैन श्रद्धालु बल्कि अन्य धर्मावलंबी भी शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने आते हैं।
आरती और भजन (Aarti and Bhajans)
हर सुबह और शाम मंदिर में आरती, पूजन और भजन का आयोजन होता है।
शांत वातावरण में गूंजते जैन भजन मन को गहराई तक स्पर्श करते हैं।
भक्तों को प्रातःकाल की आरती का विशेष आनंद मिलता है जब मंदिर की घंटियों की ध्वनि पूरे क्षेत्र को पवित्र बना देती है।
खरमौर वन्यजीव अभ्यारण्य, सैलाना
कार्यक्रम और उत्सव (Events and Festivals)
यहाँ साल भर कई धार्मिक आयोजन होते हैं।
महावीर जयंती, कार्तिक शुक्ल पक्ष की रथयात्रा और चातुर्मास के अवसर पर विशेष उत्सव मनाए जाते हैं।
इन अवसरों पर हजारों श्रद्धालु मंदिर में एकत्र होकर भक्ति, तप और ध्यान में भाग लेते हैं।
मंदिर की समय-सारिणी (Temple Timings)
मंदिर प्रातः लगभग 5:30 बजे से 11:30 बजे तक और शाम 5:30 बजे से 8:30 बजे तक खुला रहता है।
त्योहारों या विशेष अवसरों पर यह समय बदल सकता है।
महालक्ष्मी मंदिर, रतलाम — माँ लक्ष्मी की भव्य आराधना का केंद्र
आसपास देखने योग्य स्थल (Nearby Attractions)
मंदिर के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं —
- रामटेक किला और रामगिरी पहाड़ी
- खिंडसी झील, जहाँ नौकायन और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है
- स्थानीय बाजार और अन्य ऐतिहासिक जैन मंदिर भी आसपास देखने योग्य हैं।
ध्यान देने योग्य बातें (Important Guidelines)
मंदिर में प्रवेश करते समय संयमित और सादे वस्त्र पहनें।
मोबाइल फोन को साइलेंट पर रखें और परिसर की पवित्रता का ध्यान रखें।
मांसाहार और किसी भी प्रकार की हिंसात्मक वस्तुओं से दूर रहें।
कचरा न फैलाएँ और परिसर की स्वच्छता बनाए रखें।
कैला देवी मंदिर, देवास – श्रद्धा, शक्ति और शांति का अद्भुत संगम
मंदिर का पता (Temple Address)
श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र
रामटेक, जिला नागपुर, महाराष्ट्र – 441106
वहाँ तक कैसे पहुँचें (How to Reach)
- हवाई मार्ग: नागपुर एयरपोर्ट मंदिर से लगभग 45 किमी दूर है।
- रेल मार्ग: रामटेक रेलवे स्टेशन से मंदिर लगभग 3-5 किमी की दूरी पर है।
- सड़क मार्ग: नागपुर से नियमित बसें और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग सुंदर और सुगम है।
यात्रा का सही समय (Best Time to Visit)
मंदिर दर्शन के लिए सुबह का समय सर्वोत्तम माना जाता है।
वर्षा ऋतु के बाद (जुलाई से सितंबर) यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है।
यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो त्योहारों के बाहर के दिनों में यात्रा करें।
यात्रा गाइड (Travel Guide)
- नागपुर से सुबह जल्दी रवाना हों और रामटेक पहुँचें।
- मंदिर में दर्शन करें और शांतिनाथ भगवान की विशाल प्रतिमा का दर्शन लें।
- आरती और भजन में शामिल हों।
- आसपास की पहाड़ियों और खिंडसी झील का भ्रमण करें।
- लौटते समय स्थानीय भोजनालयों में जैन भोजन का आनंद लें।
देवास माता टेकरी मंदिर – आस्था, इतिहास और अद्भुत चमत्कार का संगम
श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर न केवल एक तीर्थस्थल है बल्कि यह आत्मशुद्धि और आंतरिक शांति का केंद्र है।
यदि आप जीवन में कुछ क्षण सच्ची शांति के बिताना चाहते हैं, तो रामटेक का यह पवित्र स्थल आपके लिए आदर्श स्थान है।

























































