
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के शांत, हरे-भरे कस्बा सैलाना में स्थित “कैक्टस गार्डन सैलाना” एक अनोखा बोटानिकल गार्डन है, जहाँ सामान्य फूल-पौधों की जगह कांटेदार, लेकिन आकर्षक कैक्टस और सुकुलेंट्स की दुनिया आपको एक नए अनुभव में ले जाती है। यहाँ प्रवेश करते ही आप एक अलग-सी दुनिया में पहुँच जाते हैं — सदियों पुराने महल की परछाईं में विशाल और विचित्र आकार के कैक्टस की कतारें आपकी आँखों को चकित कर देती हैं।
यह गार्डन न सिर्फ पौधों के प्रेमियों के लिए बल्कि शांतिप्रेमियों, परिवारों, फोटोग्राफरों और प्रकृति-प्रेमियों के लिए भी एक अद्भुत अनुभव है।
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स्थापना व इतिहास (Establishment and history)

यह गार्डन पुराने समय के सैलाना राज्य के शाही परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। मुख्य रूप से महाराजा दिग्विजय सिंह ने 1960 के दशक में इसकी पहल की थी। उन्होंने विदेशों से विभिन्न कैक्टस प्रजातियों के बीज मंगवाए और यहाँ के वातावरण में उन्हें विकसित करवाया।
कभी यहाँ 1000 से अधिक कैक्टस की प्रजातियाँ पाई जाती थीं, जो इसे एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन बनाती थीं। आज भी यहाँ कई दुर्लभ कैक्टस पौधे देखे जा सकते हैं।
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देखने-लायक बातें (Things to see)
- दुर्लभ कैक्टस प्रजातियाँ – यहाँ बेल कैक्टस, स्नेक कैक्टस, पीकॉक फेदर कैक्टस जैसी कई अनोखी प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं।
- विविधता और आकार – कुछ कैक्टस पौधे दो-तीन मीटर तक ऊँचे हैं, जिनके आकार और कांटे देखने लायक हैं।
- शाही वातावरण – यह गार्डन सैलाना पैलेस के परिसर में स्थित है, जिससे इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
- शांत माहौल – भीड़भाड़ से दूर यह जगह प्रकृति के बीच सुकून पाने के लिए उत्तम है।
- फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन जगह – अनोखे आकार और सुंदर पृष्ठभूमि फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
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विशेषताएँ (Features)

- यह गार्डन एशिया के सबसे पुराने और अनोखे कैक्टस गार्डनों में से एक माना जाता है।
- यहाँ लगभग 1200 से अधिक प्रकार के कैक्टस और सुकुलेंट्स हैं, जिनमें कई विदेशी प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
- यहाँ का सूखा लेकिन शांत वातावरण पौधों के अनुकूल है और यही इसकी खासियत है।
- यह गार्डन बच्चों और विद्यार्थियों को प्रकृति व वनस्पति विज्ञान के प्रति प्रेरित करता है।
समय व प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
- समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: लगभग ₹20 प्रति व्यक्ति
(त्योहारों या विशेष अवसरों पर समय में थोड़ा परिवर्तन हो सकता है)
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यहाँ कैसे पहुँचे (How to reach here)
- पता: सैलाना, जिला रतलाम, मध्य प्रदेश – 457550
- सड़क मार्ग: रतलाम शहर से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है। आप कार या बाइक से NH 927A (रतलाम-बांसवाड़ा मार्ग) से आसानी से पहुँच सकते हैं।
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम जंक्शन है, जहाँ से टैक्सी या ऑटो द्वारा सैलाना पहुँचा जा सकता है।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदौर का देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट है, जो लगभग 160 किमी दूर है।
जाने का सर्वोत्तम समय (Best time to go)
सैलाना का कैक्टस गार्डन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक माना जाता है। इस समय मौसम ठंडा और सुहावना रहता है।
गर्मियों में यहाँ का तापमान काफी बढ़ जाता है, इसलिए दोपहर के समय घूमने से बचें। सुबह या शाम का समय सबसे उपयुक्त है।
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ध्यान देने योग्य बातें (Things to note)
- कैक्टस पौधों को हाथ न लगाएँ — उनके कांटे बहुत तेज होते हैं।
- बच्चों को निगरानी में रखें ताकि वे पौधों के पास न जाएँ।
- आरामदायक जूते पहनें, क्योंकि जगह थोड़ी ऊबड़-खाबड़ हो सकती है।
- पानी की बोतल साथ रखें, क्योंकि आसपास खाने-पीने की सुविधाएँ सीमित हैं।
- फोटोग्राफी के लिए कैमरा या मोबाइल जरूर साथ रखें।
यात्रा सुझाव (Travel tips)
एक दिवसीय यात्रा (रतलाम से):
सुबह रतलाम से निकलें → लगभग 30 मिनट में सैलाना पहुँचें → 1-2 घंटे गार्डन में बिताएँ → पास के सैलाना महल और केदारेश्वर मंदिर देखें → दोपहर तक रतलाम लौट आएँ।
दो दिवसीय यात्रा:
पहले दिन सैलाना गार्डन और महल का भ्रमण करें।
दूसरे दिन रतलाम शहर में स्थानीय बाजार, भोजन और अन्य दर्शनीय स्थलों का आनंद लें।
खरमौर वन्यजीव अभ्यारण्य, सैलाना
सैलाना, रतलाम के कैक्टस गार्डन की तस्वीरें (Images of The Cactus Garden Sailana, Ratlam)
निष्कर्ष (Conclusion)
यदि आप प्रकृति, बागवानी या कुछ अलग अनुभव करना पसंद करते हैं, तो कैक्टस गार्डन सैलाना आपके लिए एक शानदार जगह है। यह जगह इतिहास, प्राकृतिक सुंदरता और ज्ञान का सुंदर संगम है।
अगली बार जब भी आप रतलाम या मध्य प्रदेश की यात्रा की योजना बनाएं, तो इस अनोखे बगीचे को अपनी यात्रा सूची में जरूर शामिल करें।