
कंबोडिया के सिएम रीप प्रांत में स्थित अंगकोर वाट विश्व के सबसे महान और अद्भुत धार्मिक स्मारकों में से एक है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि प्राचीन खमेर साम्राज्य की कला, वास्तुकला और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। यहाँ इतिहास जीवंत प्रतीत होता है — विशाल मूर्तियाँ, अद्भुत नक्काशी और एक ऐसा वातावरण जहाँ हर पत्थर भगवान विष्णु के वैभव की गाथा कहता है।
विशेषताएँ (Features)
- अंगकोर वाट विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है, जो लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा सुर्यवर्मन द्वितीय ने भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर के रूप में कराया था।
- यह मंदिर बाद में बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध हुआ।
- इसकी वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है — इसमें पाँच मुख्य शिखर हैं जो सुमेरु पर्वत का प्रतीक हैं, और इसे एक विशाल जलखाई (moat) ने घेर रखा है।
- दीवारों पर की गई नक्काशी (Bas-Reliefs) में रामायण, महाभारत और खमेर साम्राज्य के युद्ध दृश्यों का सुंदर चित्रण है।
इतिहास (History)

अंगकोर वाट का निर्माण लगभग 1116 ईस्वी के आसपास प्रारंभ हुआ और 1150 ईस्वी तक पूरा हुआ। इसे राजा सुर्यवर्मन द्वितीय ने अपने राज्य मंदिर और समाधि स्थल के रूप में बनवाया था।
खमेर साम्राज्य के पतन के बाद यह परिसर धीरे-धीरे वनस्पतियों में ढक गया, परंतु 19वीं सदी में फ्रांसीसी खोजकर्ताओं ने इसे पुनः खोजा। आज यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में संरक्षित है और कंबोडिया की पहचान बन चुका है।
माँ बगलामुखी माता मंदिर, नलखेड़ा (Maa Baglamukhi Mata Mandir, Nalkheda)
मंदिर के अंदर देखने योग्य स्थान और देवता (Places to see and deities inside the temple)

- मंदिर के केंद्र में पाँच ऊँचे शिखर हैं जो ब्रह्मांडीय पर्वत सुमेरु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- मंदिर की दीवारों पर देवताओं, अप्सराओं (स्वर्गीय नर्तकियों) और युद्ध दृश्यों की सुंदर नक्काशी है।
- गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति प्रतिष्ठित है।
- मंदिर के चारों ओर सुंदर उद्यान, जलखाई और शांत वातावरण इसे दिव्यता प्रदान करते हैं।
मंदिर में होने वाली आरतियाँ और उत्सव (Aartis and festivals held in the temple)
अंगकोर वाट में आज भी धार्मिक पूजा होती है। बौद्ध भिक्षु यहाँ प्रार्थना करते हैं और विशेष अवसरों पर दीपोत्सव जैसा वातावरण बनता है।
- विष्णु पूजा और बुद्ध वंदना दोनों ही परंपराएँ यहाँ देखने को मिलती हैं।
- कंबोडियन न्यू ईयर (अप्रैल में) और वेसाक बौद्ध पर्व पर मंदिर में भव्य आयोजन होता है।
- सूर्योदय के समय मंदिर के मुख्य द्वार से दिखाई देने वाला दृश्य अत्यंत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
Shri Kaal Bhairav Mandir, Ujjain – A Journey into Mystery, Faith, and Spiritual Power
मंदिर की टाइमिंग (Temple timings)
मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
सूर्योदय के समय यहाँ पहुँचना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि उस समय का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
मंदिर के आसपास देखने योग्य स्थान (Places to see around the temple)
- अंगकोर थॉम (Angkor Thom) – जयवर्मन सप्तम द्वारा निर्मित एक विशाल किला परिसर।
- ता प्रोम मंदिर (Ta Prohm) – पेड़ों की जड़ों से लिपटा रहस्यमयी मंदिर, जहाँ “टॉम्ब रेडर” फिल्म की शूटिंग हुई थी।
- बायोन मंदिर (Bayon Temple) – हजारों मुस्कुराते चेहरों वाली मूर्तियाँ यहाँ की खास पहचान हैं।
- सीएम रीप शहर (Siem Reap City) – मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर आधुनिक सुविधाओं, बाजारों और रेस्टोरेंट्स वाला क्षेत्र।
यात्रा गाइड (Travel guide)
- भारत से सीएम रीप तक पहुँचने के लिए दिल्ली, कोलकाता या मुंबई से फ्लाइट ली जा सकती है।
- सीएम रीप एयरपोर्ट से मंदिर तक टैक्सी या टुक-टुक से 20–30 मिनट में पहुँचा जा सकता है।
- प्रवेश के लिए Angkor Pass टिकट की आवश्यकता होती है, जो 1, 3 या 7 दिन के लिए लिया जा सकता है।
- हल्के कपड़े पहनें, सिर पर टोपी रखें और पानी साथ रखें क्योंकि यहाँ गर्मी अधिक होती है।
- सूर्योदय के समय भ्रमण सबसे अच्छा अनुभव माना जाता है।
- स्थानीय गाइड रखना उपयोगी है ताकि आप मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को अच्छी तरह समझ सकें।
Vrindavan Prem Mandir, Vrindavan
मंदिर का पता (Temple address)
पता: अंगकोर वाट मंदिर, सिएम रीप प्रांत, कंबोडिया
कैसे पहुँचे: सिएम रीप शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ध्यान देने योग्य बातें (Things to note)
- धार्मिक स्थल होने के कारण शालीन वस्त्र पहनें (कंधे और घुटने ढके हों)।
- मंदिर परिसर में शांति बनाए रखें और पूजा स्थल पर सम्मानपूर्वक व्यवहार करें।
- फोटोग्राफी के समय बौद्ध भिक्षुओं या स्थानीय लोगों से अनुमति अवश्य लें।
- सूर्योदय के समय अत्यधिक भीड़ होती है, इसलिए पहले से पहुँचना बेहतर है।
- गर्मी से बचने के लिए पानी, सनस्क्रीन और हल्के कपड़े रखें।
अंगकोर वाट सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि यह मानव सभ्यता की महानता, भक्ति और कला का ऐसा संगम है जो आत्मा को शांति और चित्त को विस्मय से भर देता है। यहाँ की यात्रा एक बार नहीं, कई बार करने योग्य है।



























































