
परिचय — बुंदेलखंड की शिव-आस्था का सिद्धपीठ (Introduction – A Sacred Abode of Lord Shiva in Bundelkhand)
दमोह ज़िले के शांत कस्बे बांदकपुर में स्थित देव श्री जागेश्वरनाथ महादेव मंदिर स्वयंभू शिवलिंग के लिए विख्यात है। शिवालय के ठीक सामने माँ पार्वती का मंदिर है—एक अद्वितीय व्यवस्था, जो ‘अर्धनारीश्वर’ की एकसूत्रता का सजीव बोध कराती है। मंदिर प्रांगण में नर्मदा-जल से भरी कांवड़ टोकरी की लंबी कतारें, विशाल सभागृह और अनेक उपमंदिर इस धाम को दिनभर जीवंत बनाए रखते हैं।
इतिहास — दीवान बालाजी राव की स्थापना व लोककथाएँ (History – Establishment by Diwan Balaji Rao & Local Legends)

स्थानीय परंपरा व जिला प्रशासन के अभिलेख बताते हैं कि दीवान बालाजी राव चंदोरकर ने यहाँ के स्वयंभू शिवलिंग पर भव्य मंदिर का निर्माण 1711 ई. में कराया। सामने लगभग 100 फ़ुट की दूरी पर पूर्वाभिमुख माँ पार्वती का मंदिर भी प्रतिष्ठित है। स्थल का प्राचीन महत्व लोककथाओं में और पीछे तक जाता है, पर सुस्पष्ट शिलालेखीय साक्ष्य 18वीं सदी के निर्माण को पुष्ट करते हैं।
स्थानीय जनश्रुति में 15 जनवरी 1938 के एक भूकंप के बाद स्वर्ण कलश के त्रिशूल से जलधारा फूटने की अद्भुत घटना भी वर्णित है, जिसे मेले में उपस्थित लोगों ने देखा—यह प्रसंग यहाँ की चमत्कार-लोककथा का अंग बन चुका है।
मंदिर-परिसर में प्रमुख देवी-देवता (Main Deities in the Temple Complex)
मुख्य भगवान शंकर (जागेश्वरनाथ) व माँ पार्वती के अतिरिक्त प्रांगण में—राधा-कृष्ण, देवी दुर्गा, कालभैरव, भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, देवी नर्मदा आदि के मंदिर स्थित हैं।
क्या-क्या देखें—दे्खने लायक चीज़ें (What to See – Major Attractions)
- मुख्य गर्भगृह का स्वयंभू शिवलिंग और विशाल सोने का कलश
- सामने का पार्वती मंदिर—शिव-पार्वती आमने-सामने विराजित होने का दुर्लभ उदाहरण
- परिसर भर में कांवड़-टोकरी रैक की लंबी पंक्तियाँ—बाँधकपुर की पहचान
Ram Ghat, Ujjain: A Center of Divine and Spiritual Journey
आरती व दैनिक कार्यक्रम (समय) (Aarti & Daily Schedule – Timings)
- मंदिर खुलने का समय:
- ग्रीष्म: सुबह 5:30 – रात 10:00
- शीत: सुबह 6:00 – रात 9:00
- महा-आरती: रोज़ाना शाम 7:30 बजे
- महाभिषेक पूजा: रात 10:00 – तड़के 3:00 बजे (विशेष रात्रि-पूजा)
- महाशिवरात्रि: पूजन प्रातः 4:00 बजे से आरम्भ
नोट: भीड़-भाड़ वाले पर्व/मेलों में समय परिवर्तित हो सकते हैं—यात्रा से पहले ताज़ा सूचना जाँच लें।
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मंदिर की विशेषताएँ (Special Features of the Temple)
- सिद्धपीठ माने जाने वाला प्राचीन शिवालय; बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश के प्रमुख शिव-तीर्थों में गिना जाता है
- शिव-पार्वती आमने-सामने—विरल स्थापत्य योजना
- स्थानीय लोककथा: 1938 की भूकंपीय घटना व कलश-त्रिशूल से जलधारा का प्रसंग
वार्षिक कार्यक्रम व त्यौहार (Annual Events & Festivals)
- बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि पर बड़ा मेला
- सोमवती अमावस्या पर विशेष भीड़/शिव-पूजा
- श्रावण-मास में कांवड़ियों का विशेष आगमन
कब जाएँ (Best Time to Visit)
- श्रावण मास, महाशिवरात्रि, बसंत पंचमी—आध्यात्मिक माहौल चरम पर; भीड़ अधिक रहेगी
- शांत दर्शन के लिए: अक्टूबर–मार्च की सुबहें सुहावनी रहती हैं
पास-पड़ोस में घूमने लायक स्थान (Nearby Places to Visit)
- कुंडलपुर जैन तीर्थ (कुंडलगिरि) — 58/63 मंदिरों का समूह; दमोह से ~32–35 किमी, बांदकपुर से सड़कमार्ग ~26–35 किमी
- सिंहोरगढ़ (सिंगौरगढ़) किला — गोंडकालीन पहाड़ी दुर्ग
- नोहलेश्वर शिव मंदिर, नौहटा — 10वीं सदी का प्राचीन शिवालय
- फुतेरा/बेलाताल तालाब, वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य—दमोह शहर व आसपास के लोकप्रिय स्थल
ठहरने की व्यवस्था (होटल/आश्रम) (Accommodation – Hotels & Dharamshalas)
- मंदिर-परिसर व बांदकपुर में: सरकारी विश्राम भवन, पर्यटन धर्मशाला, नवीन धर्मशाला तथा श्री जागेश्वर धाम विश्राम भवन—तीर्थ-निवास की मूलभूत सुविधाएँ
- दमोह शहर (लगभग 16–20 किमी): अनेक बजट/मिड-रेंज होटल उपलब्ध
सुझाव: पर्व/श्रावण के समय अग्रिम बुकिंग करें और सीधे संपत्ति/धर्मशाला से फ़ोन पर समय-समय/नीतियाँ पुष्ट कर लें
पता (Address)
श्री जागेश्वरनाथ महादेव मंदिर, एम.पी. स्टेट हाईवे-14, बांदकपुर, ज़िला दमोह, पिन–470664, मध्यप्रदेश
कैसे पहुँचें (How to Reach)
सड़क से: दमोह—बांदकपुर राज्य/ज़िला मार्ग से जुड़ा; निजी वाहन/टैक्सी और लोकल बस उपलब्ध
रेल से: बांदकपुर (BNU) व दमोह (DMO) स्टेशन—बीना–कटनी सेक्शन पर। दमोह↔बांदकपुर रेल दूरी लगभग 16 किमी; 14–18 मिनट की लोकल/मेल गाड़ियाँ चलती हैं
वायु से: निकटतम हवाईअड्डा जबलपुर (JLR)—दमोह/बांदकपुर क्षेत्र से लगभग 130 किमी। जबलपुर से सड़क/रेल द्वारा संपर्क
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व्यावहारिक टिप्स (Practical Tips)
- भीड़ वाले दिनों में सुबह की आरती-पूर्व पहुँचना सुविधाजनक रहता है
- गर्भगृह में अभिषेक/दूध/जल अर्पण की स्थानीय व्यवस्था व नियम स्थल पर पंडित/प्रबंधक से पूछकर ही करें
- मंदिर के त्यौहार-मेले व समय की ताज़ा जानकारी यात्रा से पूर्व जाँच लें
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मंदिर की फ़ोटो (Photos of the Temple)
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बांदकपुर और आसपास घूमने की जगहें (Places to Visit in and Around Bandakpur)
- कुंडलपुर जैन तीर्थ (Kundalpur Jain Pilgrimage) – 58/63 प्राचीन जैन मंदिरों का समूह, भव्य आदिनाथ प्रतिमा और शांत पहाड़ी वातावरण।
- सिंहोरगढ़ किला (Singorgarh Fort) – गोंड राजाओं का ऐतिहासिक पहाड़ी किला, प्राकृतिक सुंदरता और लोककथाओं से भरपूर।
- नोहलेश्वर शिव मंदिर, नौहटा (Nohleshwar Shiv Temple, Nauhta) – 10वीं सदी का प्राचीन शिव मंदिर, अद्भुत पत्थर की नक्काशी।
- वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य (Veerangana Durgavati Sanctuary) – वन्यजीव प्रेमियों और ट्रेकिंग शौकीनों के लिए उपयुक्त स्थान।
- फुतेरा तालाब और बेलाताल (Futera & Belatal Lakes) – दमोह शहर के पास स्थित सुंदर झीलें, सूर्योदय/सूर्यास्त के लिए आदर्श।
- दमोह शहर के मंदिर और बाज़ार (Temples & Markets of Damoh City) – स्थानीय हस्तशिल्प, स्वादिष्ट नाश्ते और पुरानी गलियों का अनुभव।
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