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धन आकर्षित करने वाले मंत्र – आर्थिक समृद्धि के लिए वैदिक उपाय (Mantras to attract money – Vedic remedies for financial prosperity)

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धन की आवश्यकता हर युग में रही है। आज के समय में जहां महंगाई, ऋण और आर्थिक असंतुलन से व्यक्ति परेशान है, वहीं वैदिक शास्त्रों में ऐसे मंत्रों का उल्लेख मिलता है जो न केवल व्यक्ति के जीवन में धन की वृद्धि करते हैं, बल्कि समृद्धि, संतुलन और शांति भी लाते हैं। यह मंत्र केवल Read More

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महाकाल शनी मृत्युंजय (Mahakal Shani Mrityunjay Stotra)

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महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र एक ऐसा दिव्य स्तोत्र है जिसे स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। इसका नियमित पाठ मनुष्य को अकाल मृत्यु, गंभीर रोग, और शनि दोषों से बचाता है।यह स्तोत्र भगवान शिव के महाकाल स्वरूप और शनि देव के गूढ़ रहस्यों को प्रकट करता है। शिवजी ने कहा था कि Read More

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मयूरेश स्तोत्रम् (Mayuresh Stotra)

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श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता और कार्यसिद्धि देने वाला देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य, पूजा या अनुष्ठान की शुरुआत में उनका पूजन आवश्यक होता है।मयूरेश स्तोत्र गणपति जी के दुर्लभ स्तोत्रों में से एक है, जो विशेष रूप से चिंता, रोग, बाधा, विपत्ति, और कार्य में असफलता को दूर करता है। इस Read More

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मातंगी हृदय स्तोत्र (Matangi Hridaya Stotra)

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मातंगी हृदय स्तोत्र तंत्र परंपरा में अष्टमहाविद्याओं में एक प्रमुख देवी श्री मातंगी को समर्पित एक अत्यंत रहस्यमय, शक्तिशाली और कल्याणकारी स्तोत्र है। यह स्तोत्र स्वयं भगवान भैरव द्वारा देवी भैरवी को उपदेश रूप में प्रदान किया गया है, जिसमें उन्होंने मातंगी देवी के हृदयस्थ रूप की स्तुति का रहस्य उजागर किया है। मातंगी देवी Read More

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मातंगी स्तोत्र (Matangi Stotra)

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मातंगी स्तोत्र देवी मातंगी की स्तुति में रचा गया एक तांत्रिक एवं रहस्यात्मक स्तोत्र है। मातंगी दस महाविद्याओं में नवम स्थान पर विराजमान हैं और उन्हें शब्द शक्ति तथा वाणी की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। यह स्तोत्र देवी के अघोर, सौंदर्य, विद्या, तंत्र और सिद्धि स्वरूपों का वर्णन करता है। देवी मातंगी को त्रिलोक Read More

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मत्स्य स्तोत्र (Matsya Stotram)

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मत्स्य स्तोत्रम् भगवान विष्णु के प्रथम अवतार — मत्स्य रूप की स्तुति में रचा गया एक अत्यंत पवित्र स्तोत्र है। जब सृष्टि के प्रारंभ में महाप्रलय आया और वेद लुप्त हो गए, तब भगवान ने मछली (मत्स्य) का रूप धारण कर वेदों की रक्षा की और राजा सत्यव्रत (जो आगे चलकर वैवस्वत मनु बने) को Read More

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मंगल चण्डिका स्तोत्र (Mangal Chandika Stotra)

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‘चण्डी’ शब्द का अर्थ होता है — जो चतुर, दक्ष और रक्षण में निपुण हो। वहीं ‘मंगल’ शब्द शुभता और कल्याण का प्रतीक है। अतः जो देवी कल्याण में दक्ष हैं, विपत्तियों का नाश करती हैं, हर्ष और मंगल प्रदान करती हैं — उन्हें मंगल चण्डिका कहा जाता है। ‘चण्डिका’ शब्द देवी दुर्गा का भी Read More

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मंगला गौरी स्तोत्रं (Mangla Gauri Stotram)

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मंगला गौरी स्तोत्र देवी पार्वती जी के मंगलमयी स्वरूप — मंगला गौरी — को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली और मंगलकारी स्तोत्र है। यह स्तोत्र विशेष रूप से स्त्रियों के सौभाग्य, सुन्दर दांपत्य जीवन, शीघ्र विवाह, और संतान सुख के लिए फलदायक माना जाता है। मंगलवार के दिन देवी मंगला गौरी की उपासना का विशेष महत्व Read More

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मंगल ग्रह स्तोत्रम् (Mangal Stotra)

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मंगल स्तोत्र वैदिक परंपरा में एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है जो मंगल ग्रह (भौम) को समर्पित है। वैदिक ज्योतिष में मंगल को शक्ति, पराक्रम, भूमि, साहस, ऊर्जा, रक्त और भाई से संबंधित ग्रह माना गया है। मंगल देवता को “भूमिपुत्र” कहा जाता है क्योंकि वे पृथ्वी माता के पुत्र हैं। यह स्तोत्र उन सभी लोगों Read More

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मंगल गीतम (Mangal Gitam)

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“श्री मंगल गीतम” एक अत्यंत मधुर एवं भावपूर्ण भक्ति रचना है, जिसकी रचना महाकवि जयदेव ने की थी। यह स्तुति भगवान विष्णु के विविध अवतारों—विशेषतः श्रीकृष्ण और श्रीराम—की लीलाओं, सौंदर्य, करुणा और मंगलदायक स्वरूप का सुंदर वर्णन करती है। इस गीत में भगवान के विभिन्न रूपों की स्तुति करते हुए, भक्त उनके चरणों में पूर्ण Read More