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श्री चण्डी ध्वज स्तोत्रम् (Shri Chandi Dhwaj Stotram)

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“श्री चण्डी ध्वज स्तोत्र” अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है, जो देवी महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती — त्रिदेवी की संयुक्त उपासना का रूप है।इस स्तोत्र का वर्णन मार्कण्डेय ऋषि ने किया है, और इसमें चण्डी स्वरूपा देवी को सर्वब्रह्ममयी, त्रिगुणात्मक और सर्वशक्ति की अधिष्ठात्री बताया गया है।इसका मुख्य उद्देश्य साधक को राज्य, धन, ऐश्वर्य, विजय और सर्वकाम-सिद्धि Read More

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श्री पुण्डरीकाक्ष स्तोत्रम् (Sri Pundarikaksha Stotram)

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श्री पुण्डरीकाक्ष स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र वैष्णव स्तोत्र है, जिसका उल्लेख श्री वराह पुराण के षष्ठ अध्याय में मिलता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के पुण्डरीकाक्ष (कमलनयन) रूप की स्तुति करता है। “पुण्डरीकाक्ष” नाम का अर्थ है — वह जिनकी नेत्र कमल के समान सुंदर, कोमल और शुद्ध हैं। इस स्तोत्र में भगवान विष्णु को Read More

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कोडिन्ही: भारत का रहस्यमयी जुड़वां गांव (Kodinhi: India’s Mysterious Twin Village)

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भारत के केरल राज्य के मलप्पुरम जिले में एक ऐसा छोटा सा गांव है, जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। यह कोई आम गांव नहीं है, बल्कि यह ‘जुड़वां बच्चों का गांव’ यानी ट्विन्स विलेज के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस गांव का नाम है कोडिन्ही। शनि शिंगणापूर : भारत का अनोखा गांव Read More

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शनि शिंगणापूर : भारत का अनोखा गांव जहाँ दरवाजे नहीं हैं (Shani Shingnapur – The Village Without Doors in India)

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परिचय : विश्वास और रहस्य का संगम महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापूर एक ऐसा अद्भुत गाँव है जिसे पूरी दुनिया में इसके दरवाजे-रहित घरों और दुकानों के कारण जाना जाता है।यहाँ के लोग मानते हैं कि भगवान शनि उनकी रक्षा करते हैं, इसलिए उन्हें किसी ताले या सुरक्षा की आवश्यकता नहीं।सैकड़ों वर्षों Read More

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जाम्बुर गाँव : भारत की मिनी अफ्रीका का अद्भुत रहस्य (Jambur Village – The African Heart of Gujarat)

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परिचय : गिर जंगल के बीच एक अनोखी बस्ती गुजरात के गिर के घने जंगलों के बीच बसा है एक छोटा-सा लेकिन अद्भुत गाँव — जाम्बुर (Jambur)।यह गाँव किसी साधारण गाँव जैसा नहीं है; यहाँ की गलियों में अफ्रीका की धड़कन सुनाई देती है, चेहरों में अफ्रीकी आकर्षण झलकता है, और संगीत में भारत और Read More

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चण्डी स्तोत्र Chandi Stotram

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चण्डी स्तोत्र देवी महामाया चण्डिका को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली एवं दुर्लभ तांत्रिक स्तोत्र है।इसमें देवी दुर्गा, काली, गौरी, त्रिपुरासुंदरी, बगलामुखी, भैरवी, नीलसुंदरी आदि शक्ति के विविध स्वरूपों की स्तुति की गई है।यह स्तोत्र साधक को यह सिखाता है कि देवी के प्रसाद से वह सब प्राप्त किया जा सकता है जो संसार में दुर्लभ Read More

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चन्द्रशेखर अष्टक स्तोत्र (Chandrashekhara Ashtakam)

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“चन्द्रशेखराष्टकम्” एक अत्यंत प्रभावशाली और प्रसिद्ध शिव स्तोत्र है, जिसकी रचना मार्कण्डेय ऋषि ने की थी।यह स्तोत्र भगवान चन्द्रशेखर शिव (जिनके जटाओं में चन्द्र विराजमान हैं) की स्तुति में रचा गया है। कथा के अनुसार —जब बालक मार्कण्डेय को अपने अल्पायु (१६ वर्ष) का ज्ञान हुआ और मृत्यु समीप आई, तब उसने महायोगी भाव से Read More

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आद्यास्तोत्रम् (Adya Stotram)

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“आद्या स्तोत्र” एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली देवी स्तोत्र है, जो ब्रह्मयामल तंत्र में वर्णित है। यह स्तोत्र स्वयं भगवान ब्रह्मा और नारद जी के संवाद में प्रकट हुआ है। इसमें आद्या शक्ति (मूल आदिशक्ति, जिसे दुर्गा, महाकाली, पार्वती या विष्णुवल्लभा भी कहा गया है) की महिमा का वर्णन किया गया है।आद्या देवी को समस्त Read More

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श्री दक्षिणामूर्ति स्तोत्रम् (Dakshinamurthy Stotram)

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“श्री दक्षिणामूर्ति स्तोत्रम्” आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अद्भुत दार्शनिक और आध्यात्मिक स्तोत्र है।यह स्तोत्र भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति रूप की स्तुति में समर्पित है — जो मौन रूप से ज्ञान का उपदेश देने वाले गुरु हैं। भगवान दक्षिणामूर्ति “गुरुतत्त्व” के मूर्त स्वरूप हैं। वे वटवृक्ष (बड़ के पेड़) के नीचे दक्षिण दिशा की ओर Read More

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न्यासा दशकम् (Sri Nyaasa Dashakam)

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“न्यासा दशकम्” एक अत्यंत पवित्र वैष्णव स्तोत्र है, जिसे श्रीवैष्णव परंपरा में पूर्ण आत्मसमर्पण (शरणागति) के रूप में माना गया है। “न्यास” शब्द का अर्थ है — समर्पण या आत्मनिवेदन।यह स्तोत्र भगवान श्रीविष्णु (श्रीपति) के चरणों में अपनी आत्मा, शरीर और कर्मों को समर्पित करने का भाव व्यक्त करता है। इसमें भक्त अपने मन, वचन Read More