
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के सुंदर और शांत पहाड़ों के बीच बसा सैलाना, अपने केदारेश्वर महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 300 साल पुराने इस धार्मिक स्थल में कदम रखते ही ऐसा लगता है जैसे शांति, आस्था और प्रकृति का अद्भुत संगम हो रहा हो। आइए जानते हैं इस मंदिर की पूरी और सच्ची जानकारी—जो आपकी यात्रा को न केवल धार्मिक बल्कि रोमांचक भी बना देगी।
सैलाना-रतलाम के पहाड़ों की गोद में स्थित केदारेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस स्थान की विशेषता है चट्टान में खुदी गुफा, बारिश में झरने का दृश्य और स्वप्रकट शिवलिंग की मान्यता। जब आप यहाँ पहुँचते हैं तो ऐसा महसूस होता है मानो स्वयं भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति आसपास व्याप्त हो।
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मंदिर का इतिहास (History of the temple)
माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना सन् 1736 में सैलाना के राजा जयसिंह ने की थी। बाद में राजा दुलेसिंह (1859-95) ने इसका पुनर्निर्माण कराया और मंदिर परिसर तथा जलकुंड की सुंदर व्यवस्था पर लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए। मंदिर की गुफानुमा संरचना यह दर्शाती है कि यहाँ का निर्माण प्राकृतिक चट्टानों को तराशकर किया गया है। स्थानीय मान्यता के अनुसार यहाँ स्थित शिवलिंग स्वयम् प्रकट हुआ था।
मंदिर की विशेषताएँ (Temple Features)

मंदिर की सबसे अनोखी बात है कि यह एक चट्टान की गुफा में बना हुआ है, जिसके ऊपर से बरसात के समय एक झरना गिरता है। झरने और कुंड का दृश्य इतना मनमोहक है कि भक्त और पर्यटक दोनों मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहाँ की हरियाली और शांत वातावरण श्रद्धा के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों को भी आकर्षित करता है। स्व-प्रकाशित शिवलिंग होने की मान्यता के कारण भक्तों की आस्था यहाँ अटूट रहती है।
मंदिर की वास्तुकला (temple architecture)

मंदिर राजपूतकालीन शैली में निर्मित है। इसे अखंड चट्टान में तराशकर बनाया गया है। इसके स्तंभ, छतरियाँ और पत्थर पर उकेरे गए बारीक शिल्प इसकी प्राचीनता और कलात्मकता का प्रमाण हैं। आसपास का पहाड़ी मार्ग मंदिर तक पहुँचने को रोमांचक बनाता है। यह स्थान दर्शाता है कि कैसे मानव ने प्रकृति के बीच श्रद्धा का स्मारक गढ़ा।
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मंदिर के देवी-देवता और पूजा-पाठ (Temple deities and worship)
यहाँ प्रमुख देवता भगवान शिव हैं, जो ‘केदारेश्वर’ नाम से पूजित होते हैं। शिवलिंग के पास माता पार्वती, भगवान गणेश और श्री हनुमान जी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है और सावन मास तथा महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं। गुफा के भीतर गूंजते भजनों और आरतियों की ध्वनि भक्तों को आत्मिक आनंद का अनुभव कराती है।
मंदिर में होने वाले प्रमुख उत्सव (Major festivals held at the temple)
महा शिवरात्रि के दिन मंदिर का वातावरण अत्यंत भव्य हो जाता है। रात्रि-जागरण, भजन-कीर्तन और शिव-बारात के दृश्य भक्तों को भावविभोर कर देते हैं। सावन मास में हजारों कांवड़िये जल लेकर यहाँ पहुँचते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा पर भी यहाँ मेले जैसा आयोजन होता है।
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ध्यान देने योग्य बातें (Things to note)
सुबह के समय मंदिर पहुँचना सर्वोत्तम रहता है क्योंकि उस समय की शांति और प्रकाश का अनुभव अद्भुत होता है। बरसात में यहाँ का झरना अत्यंत आकर्षक लगता है, लेकिन उस दौरान फिसलन और गहराई से सावधान रहना चाहिए। गुफा मंदिर होने के कारण यहाँ उचित जूते पहनें और पहाड़ी रास्ते पर चलते समय सतर्क रहें। मंदिर परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।
कैसे जाएँ (How to go)
केदारेश्वर महादेव मंदिर सैलाना गाँव के पास, रतलाम जिले में स्थित है। यह रतलाम शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। रतलाम से सैलाना तक बस या टैक्सी आसानी से मिल जाती है। सैलाना से मंदिर तक थोड़ी चढ़ाई है जो पैदल पूरी की जाती है। निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम है और निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है।
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कब जाएँ (When to go)
बरसात के बाद का समय (जुलाई से सितंबर) यहाँ आने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि उस समय झरने और हरियाली का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। इसके अलावा अक्टूबर से फरवरी तक का मौसम भी दर्शनों के लिए उपयुक्त है।
मंदिर का पूरा पता (Full address of the temple)
केदारेश्वर महादेव मंदिर
सैलाना गाँव के पास, रतलाम जिला, मध्य प्रदेश – भारत
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निष्कर्ष (Conclusion)
केदारेश्वर महादेव मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि प्रकृति और आस्था का अद्भुत संगम है। यहाँ का झरना, गुफा, शांति और शिवलिंग की दिव्यता मिलकर हर यात्री को एक आत्मिक अनुभव कराते हैं। यदि आप ऐसा स्थान देखना चाहते हैं जहाँ इतिहास, भक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य एक साथ हों, तो सैलाना का यह केदारेश्वर मंदिर अवश्य देखें।
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