
मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में स्थित यह शांत और पावन मंदिर — श्री शांतिनाथ देव को समर्पित — अपनी आस्था, वास्तु-शैली और आध्यात्मिक माहौल के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आने पर मन को गहरी शांति और सुकून का अनुभव होता है। इस ब्लॉग में आप जानेंगे इस मंदिर का इतिहास, वास्तुकला, विशेषताएँ, यहाँ के अनुष्ठान, त्यौहार, यात्रा मार्ग और आसपास के आकर्षक स्थल — ताकि आपकी यात्रा रोमांचक और यादगार बने।
श्री रामेश्वर महादेव साई मंदिर, रतलाम — आस्था, अध्यात्म और शांति का संगम
मंदिर का इतिहास (History of the Temple)
इस मंदिर का नाम भगवान शांतिनाथ स्वामी के नाम पर रखा गया है, जो जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर हैं।
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रतलाम के जैन समाज द्वारा वर्षों पूर्व किया गया था।
यह मंदिर विक्रम नगर क्षेत्र में स्थित है और रतलाम के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत, स्वच्छ और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण है, जहाँ भक्तजन ध्यान, पूजा और आराधना के लिए आते हैं।
केदारेश्वर महादेव मंदिर, सैलाना ,रतलाम
वास्तुकला और विशेषताएँ (Architecture and Features)
मंदिर की रचना पारंपरिक दिगंबर जैन वास्तुशैली में की गई है।
अंदर प्रवेश करते ही आपको ऊँचे-ऊँचे स्तंभ, सुंदर नक्काशी, गुंबद और आकर्षक शिखर दिखाई देंगे।
गर्भगृह में भगवान शांतिनाथ की भव्य मूर्ति स्थापित है, जिनके दर्शन से मन में शांति का भाव उत्पन्न होता है।
मंदिर परिसर में ध्यान और शांतिधारा के लिए अलग स्थान बनाए गए हैं।
पूरे परिसर में साफ-सफाई, अनुशासन और जैन धर्म की मर्यादा को प्रमुखता दी जाती है।
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देवी-देवता और मूलनायक (Deities and Main Idol)

इस मंदिर के मूलनायक भगवान शांतिनाथ स्वामी हैं।
इसके अलावा अन्य तीर्थंकरों की भी प्रतिमाएँ यहाँ प्रतिष्ठित हैं।
दिगंबर परंपरा के अनुसार, यहाँ पूर्ण श्रद्धा और शांति से पूजा करने का विशेष महत्व है।
पूजा, आरतियाँ और भजन (Worship, Aartis and Bhajans)
मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम की आरती होती है।
सुबह लगभग 5:30 बजे से 11:30 बजे तक और शाम को 6:00 बजे से 9:00 बजे तक दर्शन का समय रहता है।
आरती के समय वातावरण भक्ति और शांति से भर जाता है।
भक्तजन जैन भजनों और स्तुतियों का गायन करते हैं जिससे पूरा परिसर भक्तिमय हो उठता है।
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मंदिर में होने वाले कार्यक्रम और त्यौहार (Festivals and Events)
महावीर जयंती, पर्युषण पर्व, दस लक्षण पर्व जैसे प्रमुख जैन त्यौहारों पर मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
इन अवसरों पर प्रवचन, तप, समाज भोज, शोभायात्रा और विशेष आरतियाँ आयोजित की जाती हैं।
स्थानीय जैन समाज की सक्रिय भागीदारी के कारण मंदिर में पूरे वर्ष धार्मिक माहौल बना रहता है।
मंदिर का समय और पता (Temple Timings and Address)
मंदिर सुबह 5:30 बजे से 11:30 बजे तक और शाम को 6:00 बजे से 9:00 बजे तक खुला रहता है।
पूरा पता: श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, विक्रम नगर, रतलाम, मध्य प्रदेश – 457001
मंदिर में प्रवेश के समय शोर न करें, मोबाइल साइलेंट रखें और शाकाहारी व पारंपरिक वस्त्र पहनें।
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आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby Attractions)
रतलाम में कई अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थल भी हैं जिन्हें मंदिर दर्शन के बाद देखा जा सकता है।
आप पास के जैन मंदिरों, शहर के बाग-बगीचों और स्थानीय बाजारों की सैर कर सकते हैं।
रतलाम की मिठाइयाँ और स्थानीय व्यंजन भी प्रसिद्ध हैं जिन्हें अवश्य चखें।
मंदिर तक कैसे पहुँचें (How to Reach the Temple)
रेलमार्ग: रतलाम जंक्शन रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है, जहाँ से विक्रम नगर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: रतलाम तक बस और टैक्सी की सुविधाएँ नियमित रूप से उपलब्ध हैं।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है, जहाँ से रतलाम तक सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है।
शहर के अंदर ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा की मदद से मंदिर पहुँचना बहुत आसान है।
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मंदिर जाने का सही समय (Best Time to Visit the Temple)
मंदिर दर्शन के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त है।
सर्दियों और वसंत ऋतु (अक्टूबर से मार्च) में यहाँ का मौसम सबसे सुहावना रहता है।
त्यौहारों के समय मंदिर का वातावरण विशेष रूप से भव्य और मनोहर हो जाता है।
मंदिर में ध्यान देने योग्य बातें (Important Things to Keep in Mind)
- मंदिर में प्रवेश से पहले जूते बाहर उतारें।
- मोबाइल फोन साइलेंट मोड में रखें।
- किसी भी प्रकार का भोजन या पेय मंदिर के अंदर न लें।
- पूर्ण श्रद्धा और शांति से दर्शन करें।
- प्रसाद या भोग केवल शुद्ध शाकाहारी होना चाहिए।
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