
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के देवास जिले में सोनकच्छ कस्बे के समीप स्थित पुष्पगिरी तीर्थ एक अत्यंत पवित्र और प्रसिद्ध जैन धार्मिक स्थल है। यह तीर्थ विशेष रूप से दिगंबर जैन समाज के लिए आस्था का केंद्र है। यहां का वातावरण इतना शांत और आध्यात्मिक है कि यहाँ पहुंचते ही मन श्रद्धा और भक्ति से भर उठता है। हरियाली से घिरा यह तीर्थ केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि प्रकृति, वास्तुकला और मानव सेवा का उत्कृष्ट संगम भी है।
इतिहास (History)
पुष्पगिरी तीर्थ की स्थापना आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज की प्रेरणा से हुई थी। कहा जाता है कि उन्हें एक स्वप्न में संकेत मिला कि सीहोर क्षेत्र से एक प्राचीन पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा मिलेगी। उसी प्रेरणा से इस तीर्थ की स्थापना की गई।
यह तीर्थ लगभग 250 एकड़ भूमि में फैला हुआ है, जिसमें मंदिर, धर्मशालाएं, शिक्षा संस्थान, अस्पताल और सेवा केंद्र शामिल हैं। समय के साथ यहाँ अनेक सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों का विस्तार हुआ और आज यह एक भव्य तीर्थ बन चुका है। इसे अतिशय क्षेत्र भी कहा जाता है, जहाँ कई भक्तों ने आध्यात्मिक अनुभव किए हैं।
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विशेषताएँ (Features)

- विशाल क्षेत्रफल और ऊँची पहाड़ी पर स्थित मंदिर परिसर।
- लगभग 23 फीट ऊँची भगवान पार्श्वनाथ जी की मूर्ति, जो पद्मासन मुद्रा में है।
- तीर्थ परिसर में अनेक जैन मंदिर, धर्मशालाएं, विद्यालय, आश्रम और अस्पताल मौजूद हैं।
- यहाँ के शांत वातावरण में ध्यान और साधना का विशेष महत्व है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर–भोपाल के समीप स्थित होने से यह स्थान आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- तीर्थ में सेवा कार्य, गौशाला, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी योजनाएँ भी चलाई जाती हैं।
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वास्तुकला एवं संरचना (Architecture and Structure)
पुष्पगिरी तीर्थ की वास्तुकला दिगंबर जैन परंपरा का अद्भुत उदाहरण है। मंदिरों की ऊँचाई, उनके शिखर और पत्थर की नक्काशी अत्यंत आकर्षक है।
मंदिरों में संगमरमर और ग्रेनाइट का उत्कृष्ट प्रयोग किया गया है।
मुख्य गर्भगृह में भगवान पार्श्वनाथ जी की विशाल मूर्ति स्थापित है।
मंदिर परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर हैं, जिनमें अन्य तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ विराजमान हैं।
परिसर में सुन्दर उद्यान, पगडंडियाँ और शिल्पकला से सुसज्जित मंडप हैं।
धर्मशाला, भोजनालय, पुस्तकालय और संग्रहालय जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
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मंदिर में देव-देवता और दर्शनीय स्थल (Deities and places to visit in the temple)
मुख्य देवता भगवान पार्श्वनाथ जी हैं, जिनकी प्रतिमा लगभग 23 फुट ऊँची है।
अन्य तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ जैसे शांतिनाथ, महावीर, आदिनाथ आदि भी यहाँ स्थापित हैं।
उपदेवता और यक्ष-यक्षिणी की सुंदर मूर्तियाँ यहाँ देखने योग्य हैं।
परिसर में ध्यान स्थल, शांत उद्यान और धर्म सभा मंडप विशेष रूप से आकर्षक हैं।
यहाँ का हर कोना भक्ति और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत है।
आरती, भजन और अनुष्ठान (Aarti, Bhajans and Rituals)
यहाँ प्रतिदिन सुबह और शाम की आरती होती है। भक्तजन मिलकर जैन भजनों और स्तोत्रों का गायन करते हैं।
आरती के समय घंटियों की ध्वनि और दीपों की रोशनी से पूरा परिसर प्रकाशमान हो उठता है।
विशेष अवसरों पर सामूहिक पूजा, प्रवचन और ध्यान सत्र भी आयोजित किए जाते हैं।
तीर्थ में शांति और अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाता है।
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प्रमुख त्योहार और कार्यक्रम (Major festivals and events)
पुष्पगिरी तीर्थ में अनेक धार्मिक त्योहार भव्य रूप से मनाए जाते हैं।
महावीर जयंती पर विशेष सजावट और शोभायात्रा निकाली जाती है।
दीपावली पर मंदिर दीपों से सुसज्जित होता है और रात्रि आरती का विशेष आयोजन होता है।
रथयात्रा, ध्वजारोहण और स्थापना दिवस के अवसर पर भव्य अनुष्ठान होते हैं।
सालभर ध्यान शिविर, प्रवचन, स्वास्थ्य शिविर और सेवा कार्य चलते रहते हैं।
मंदिर का समय (Temple Timings)
मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक दर्शनार्थ खुला रहता है।
तीर्थ परिसर वर्षभर खुला रहता है, परंतु मुख्य पूजा और दर्शन का समय सुबह से रात्रि तक ही है।
ध्यान देने योग्य बातें (Things to note)
मंदिर परिसर में शांति बनाए रखें और मोबाइल का प्रयोग न करें।
जूते-चप्पल मुख्य द्वार पर ही उतारें।
तीर्थ बड़ा है, इसलिए दर्शन के लिए पर्याप्त समय रखें।
यदि विशेष आयोजन हो, तो भीड़ अधिक होती है — पहले से योजना बनाएं।
परिसर में स्वच्छता और अनुशासन का विशेष ध्यान रखें।
तीर्थ में उपलब्ध भोजनालय और धर्मशाला की सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है।
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कैसे पहुँचें (How to reach)
सड़क मार्ग: पुष्पगिरी तीर्थ, सोनकच्छ से लगभग 4 किलोमीटर दूर इंदौर–भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन देवास है, जहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से तीर्थ तक पहुँचा जा सकता है।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है, जो लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दर्शन का सर्वोत्तम समय (Best time to visit)
मंदिर में सुबह के समय (6:00 से 9:00 बजे तक) दर्शन करना सबसे उत्तम माना जाता है, जब वातावरण अत्यंत शांत और दिव्य होता है।
शाम के समय (5:00 से 8:00 बजे तक) दीपों की रोशनी में मंदिर का सौंदर्य और बढ़ जाता है।
गर्मी और बरसात के मौसम में दोपहर के समय आने से बचें।
पूरा पता (Full address)
श्री दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र, पुष्पगिरी
ग्राम – पुष्पगिरी, सोनकच्छ
जिला – देवास, मध्य प्रदेश
पिन कोड – 455118