
देवास के पास स्थित बिलावली महाकालेश्वर मंदिर अपनी साधारण लेकिन भक्तिमय पृष्ठभूमि और रहस्यमय शिवलिंग के कारण स्थानीय श्रद्धा का केन्द्र है। यह वह स्थान है जहाँ लोग महाकाल के स्वरूप की शृंगारदार पूजा और मेलों-जुलूस के लिए आते हैं। यहाँ की परंपराएँ और ग्रामीण भक्ति का रंग भक्तों को आकर्षित करता है।
बिलावली का महाकालेश्वर मंदिर (अक्सर ‘बिलावली महाकाल’ कहा जाता है) ग्रामीण-आधारित एक प्राचीन शिवालय है। यहाँ का शिवलिंग स्थानीय मान्यताओं के अनुसार स्वयंभू माना जाता है और हर साल थोड़ा-थोड़ा बढ़ता दिखाई देता है। मंदिर में शृंगार दर्शन और मेलों के समय भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
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इतिहास (History)
स्थानीय कथाओं और भक्तों के अनुसार यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना बताया जाता है। यद्यपि इसके निर्माण की सटीक ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, किंतु ग्रामीणों की मान्यता है कि यह स्थान सदियों से भगवान शिव की आराधना का प्रमुख केंद्र रहा है।
वास्तुकला (Architecture)

मंदिर की वास्तुकला साधारण लेकिन आकर्षक है। पत्थर और ईंट से निर्मित यह मंदिर पारंपरिक ग्रामीण शैली का है। इसमें प्रदक्षिणा पथ, गर्भगृह और चबूतरे पर बने छोटे-छोटे मण्डप हैं। समय-समय पर स्थानीय भक्त इसे रंग-रोगन और फूलों से सजाते रहते हैं।
मंदिर की विशेषताएँ (Special Features of the Temple)
- यहाँ का शिवलिंग स्वयंभू और बढ़ता हुआ माना जाता है।
- महाशिवरात्रि पर यहाँ विशेष शृंगार और भव्य आरती होती है।
- श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार को भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं।
- यह स्थान शांत, हरियाली से भरा और आत्मिक शांति का अनुभव कराने वाला है।
मंदिर के अंदर देवी-देवता और देखने योग्य स्थल (Deities and Places Inside the Temple)

मुख्य गर्भगृह में भगवान महाकाल (शिवलिंग) विराजमान हैं। इसके अतिरिक्त परिसर में हनुमान जी, माता पार्वती और अन्य स्थानीय देवी-देवताओं के छोटे मंदिर भी हैं। शृंगार दर्शन के समय पूरा मंदिर दीपों, फूलों और रुद्राभिषेक की ध्वनि से गूंज उठता है।
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मंदिर के खुलने और बंद होने का समय (Temple Opening and Closing Time)
मंदिर का समय मौसम और स्थानीय व्यवस्थाओं के अनुसार बदलता रहता है। सामान्यतः यह सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। त्योहारों या विशेष अवसरों पर दर्शन का समय बढ़ा दिया जाता है।
आरतियाँ और भजन (Aarti and Bhajans)
सुबह और शाम आरती का आयोजन होता है। भजन, रुद्राभिषेक और महाशिवरात्रि की विशेष रात्रि पूजा यहाँ की प्रमुख पहचान हैं। महाशिवरात्रि के दिन यहाँ विशेष भोग, शृंगार और अखंड भजन संध्या आयोजित की जाती है।
मंदिर के प्रमुख कार्यक्रम और त्योहार (Festivals and Celebrations at the Temple)
- महाशिवरात्रि: वर्ष का सबसे बड़ा पर्व, जिसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
- श्रावण मास के सोमवार: विशेष पूजा और जलाभिषेक का आयोजन।
- नवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा: साधकों के लिए ध्यान और भजन का समय।
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मंदिर तक कैसे पहुँचे (How to Reach the Temple)
बिलावली, देवास शहर से लगभग 5–7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- रेलवे स्टेशन: देवास जंक्शन सबसे नज़दीकी स्टेशन है।
- बस और टैक्सी: देवास शहर से बिलावली तक ऑटो या टैक्सी आसानी से मिल जाती है।
- निकटतम हवाई अड्डा: इंदौर का देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट, जो लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
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मंदिर का पूरा पता (Complete Address)
महाकालेश्वर मंदिर, बिलावली, जिला देवास, मध्य प्रदेश – 455001
कब जाएँ (Best Time to Visit)
महाशिवरात्रि या श्रावण मास के सोमवार को यहाँ दर्शन का विशेष महत्व है। इसके अलावा मानसून के बाद (सितंबर से फरवरी) के बीच का समय यात्रा के लिए उपयुक्त माना जाता है।
आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby Tourist Places)
- बिलावली तालाब — सुंदर प्राकृतिक दृश्य और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध।
- देवास टेकरी (माँ चामुंडा और तुलजा भवानी मंदिर) — शहर का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, जो बिलावली से अधिक दूर नहीं है।
- मीठा तालाब और गोमती शाला क्षेत्र — देवास की पुरानी सांस्कृतिक धरोहरें।
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ध्यान देने योग्य बातें (Important Travel Tips)
- पूजा या प्रसाद चढ़ाने से पहले स्थानीय नियमों की जानकारी लें।
- मंदिर परिसर में स्वच्छता और शांति बनाए रखें।
- त्योहारों के समय भीड़ बहुत अधिक होती है, इसलिए पार्किंग और समय की योजना पहले बना लें।
- ग्रामीण इलाका होने के कारण यात्रा के लिए दिन का समय बेहतर रहेगा।
महाकालेश्वर मंदिर बिलावली, देवास की तस्वीरें (Images of Mahakaleshwar Temple Bilawali, Dewas)
निष्कर्ष (Conclusion)
बिलावली का महाकालेश्वर मंदिर भले ही आकार में छोटा हो, लेकिन इसकी आस्था, रहस्य और भक्ति का संसार बहुत बड़ा है। यहाँ का स्वयंभू और बढ़ता हुआ शिवलिंग भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक है। यदि आप देवास या उसके आसपास यात्रा कर रहे हैं, तो इस मंदिर की शांत और दिव्य अनुभूति अवश्य प्राप्त करें।