
देवास का नाम सुनते ही मन में एक पवित्र और अलौकिक भाव उमड़ता है। “देवास” — एक ऐसा नगर जिसका नाम ही बताता है कि यह देवताओं का वास (Deva + Vaas) है। यहाँ की हर गली, हर मोड़ और हर हवा के झोंके में भक्ति की सुगंध बसती है।
मध्य प्रदेश के इस पवित्र नगर में स्थित कैला देवी मंदिर, जिसे स्थानीय लोग केला माता मंदिर भी कहते हैं, श्रद्धा और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रतीक है। मंदिर के आँगन में कदम रखते ही एक अनोखी शांति का अनुभव होता है — जैसे माँ स्वयं अपनी ममता भरी दृष्टि से आपके मन की सारी पीड़ा मिटा रही हों।
भक्त कहते हैं कि जो व्यक्ति सच्चे मन से माँ कैला देवी का दर्शन करता है, उसके जीवन से संकट दूर होते हैं और उसके हृदय में नई ऊर्जा और आत्मबल का संचार होता है।
सिद्धेश्वर मंदिर, नेमावर (Siddheshwar Temple, Nemawar)
इतिहास और स्थापना (History & Origin)

कैला देवी मंदिर की स्थापना की कहानी भी उतनी ही प्रेरणादायक है जितनी कि देवी की महिमा।
यह मंदिर 1 दिसंबर 1995 को साई दास बाबा जी, कमल किशोर नागर जी और कई संतों एवं साधुओं के पवित्र सान्निध्य में स्थापित किया गया था। उस समय यहाँ एक छोटा सा मठ था, और कुछ ही देवताओं की मूर्तियाँ प्रतिष्ठित थीं —
- भगवान गणेश जी रिद्धि-सिद्धि माता के साथ
- साई बाबा
- माँ कैला देवी (केला माता)
- चामुंडा देवी
- भैरव बाबा
इन देवताओं की मूर्तियाँ अत्यंत सरलता और भक्ति भाव से स्थापित की गई थीं। धीरे-धीरे भक्तों की आस्था, सेवा और समर्पण से यह स्थान एक भव्य धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हुआ।
आज यह मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि देवास की पहचान है। हर आने वाले व्यक्ति को यहाँ शांति, ऊर्जा और माँ के आशीर्वाद का अनुभव होता है।
पुष्पगिरी तीर्थ दिगंबर जैन मंदिर
शिव मंदिर – महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्वरूप (The Divine Shiva Shrine)

कैला देवी मंदिर परिसर का सबसे शक्तिशाली और रहस्यमय कोना है — शिव मंदिर, जिसे “महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग” के नाम से भी जाना जाता है।
किंवदंती है कि इस शिव मंदिर की स्थापना स्वयं जगतगुरु आदि शंकराचार्य जी के कर-कमलों से की गई थी। मंदिर के केंद्र में स्थापित शिवलिंग अद्वितीय है — कहा जाता है कि यह उसी ज्योतिर्लिंग का प्रतीक है जो उज्जैन के महाकाल मंदिर में स्थित है।
मंदिर के सामने विशाल आकार लिए नंदी महाराज विराजमान हैं, जो सदैव अपने आराध्य महादेव के दर्शन में लीन रहते हैं। शिव मंदिर की रचना दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में की गई है — ऊँचे शिखर, पत्थर की नक्काशी और कलात्मक स्तंभ इसे अद्भुत बनाते हैं।
हर महाशिवरात्रि पर यहाँ हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। रात्रि जागरण, अभिषेक, और विशेष श्रृंगार के दौरान मंदिर का वातावरण “हर हर महादेव” के जयकारों से गूँज उठता है। उस क्षण ऐसा लगता है जैसे स्वयं कैलाश पर्वत की ऊर्जा यहाँ प्रवाहित हो रही हो।
ख्योनी वन्यजीव अभयारण्य, देवास
वास्तुकला और परिसर की बनावट (Architecture & Design)
कैला देवी मंदिर की वास्तुकला परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम है।
- मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार संगमरमर और पत्थर की नक्काशी से सजाया गया है।
- भीतर प्रवेश करते ही एक विशाल प्रांगण दिखाई देता है, जहाँ भक्त आरती और भजन में सम्मिलित होते हैं।
- गर्भगृह में माँ कैला देवी की मूर्ति लाल वस्त्रों में सुसज्जित है, उनके चारों ओर दीपों की आभा एक दिव्य प्रकाश फैलाती है।
- मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ, कलात्मक चित्र और पौराणिक प्रसंग अंकित हैं।
- परिसर में हनुमान जी की 51 फीट ऊँची प्रतिमा भक्तों के आकर्षण का केंद्र है — उनका विराट रूप देखते ही श्रद्धा उमड़ पड़ती है।
- मंदिर के पीछे की ओर सुंदर बगीचा और ध्यान स्थल बने हैं, जहाँ शांति से बैठकर ध्यान किया जा सकता है।
मंदिर की रचना में दक्षिण और मध्य भारतीय कला का समावेश देखने को मिलता है — जो इसे अन्य मंदिरों से विशिष्ट बनाता है।
गिदिया खो झरना देवास — हरियाली में छिपा रोमांच और सौंदर्य
विशेषताएँ (Unique Features)

- नवीन और प्राचीन का संगम — यह मंदिर आधुनिक काल में बना होने के बावजूद प्राचीन धर्मस्थलों की पवित्रता को जीवित रखता है।
- 51 फीट ऊँची हनुमान प्रतिमा — यह देवास की पहचान बन चुकी है।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर — एक ही परिसर में देवी और शिव, दोनों की उपासना का अद्भुत उदाहरण।
- नित्य भजन-कीर्तन का आयोजन — मंदिर में रोज सुबह और शाम भजन, आरती और कीर्तन होते हैं।
- साई बाबा और चामुंडा देवी मंदिर — भक्तों के लिए आस्था का केंद्र।
- त्योहारों पर सजावट और दीपमालाएँ — नवरात्रि और दीपावली पर मंदिर स्वर्ग जैसा चमक उठता है।
आरती, भजन और पूजा विधि (Aartis & Rituals)
कैला देवी मंदिर में पूजा-पाठ की परंपरा अत्यंत अनुशासित और भक्तिपूर्ण है।
- सुबह की आरती (6:30 बजे) — भोर की पहली किरण के साथ शंख और घंटियों की ध्वनि वातावरण में गूंजती है।
- दोपहर की पूजा (12:00 बजे) — विशेष भोग और हवन के साथ देवी का श्रृंगार किया जाता है।
- शाम की आरती (7:00 बजे) — सैकड़ों दीपों की रौशनी में देवी की आराधना होती है।
- भजन संध्या – हर मंगलवार और शुक्रवार को भव्य भजन कार्यक्रम होता है।
- विशेष पूजा – नवरात्रि, पूर्णिमा और अमावस्या पर विशेष हवन और सामूहिक आरती की जाती है।
भक्त कहते हैं कि शाम की आरती के समय माँ के दरबार में जो कंपन महसूस होता है, वह हर भक्त के हृदय को छू जाता है।
पंवार छत्री — देवास का भव्य ऐतिहासिक नज़ारा
त्योहार और आयोजन (Festivals & Celebrations)
देवास का कैला देवी मंदिर पूरे वर्ष धार्मिक उत्सवों से सराबोर रहता है।
- नवरात्रि महोत्सव – माँ के नौ रूपों की पूजा, गरबा, भजन, कलश यात्रा और विशाल भंडारा।
- महाशिवरात्रि – भोलेनाथ का जलाभिषेक, रात्रि-जागरण और विशेष श्रृंगार।
- दीपावली और दीपोत्सव – हज़ारों दीपों से सजा मंदिर परिसर, अद्भुत दृश्य।
- साई बाबा गुरुवार भजन संध्या – भक्तों द्वारा सामूहिक भजन, आरती और प्रसाद वितरण।
- भंडारे और यज्ञ – समय-समय पर मंदिर समिति द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
हर त्योहार में मंदिर परिसर भक्तों की भीड़, जयकारों और भक्ति संगीत से भर जाता है।
मंदिर का समय (Temple Timings)
- सुबह खुलने का समय: 6:00 बजे
- दोपहर में बंद: 2:00 बजे तक
- शाम पुनः खुलता है: 4:30 बजे
- रात बंद होने का समय: 10:00 बजे
त्योहारों या विशेष अवसरों पर मंदिर देर रात तक खुला रहता है।
देवास माता टेकरी मंदिर – आस्था, इतिहास और अद्भुत चमत्कार का संगम
कैसे पहुँचें (How to Reach)
स्थान:
Kailadevi Road, Ram Nagar Extension, Mishrilal Nagar,
Devas, Madhya Pradesh – 455001
रेल द्वारा:
देवास रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 1 किलोमीटर है। ऑटो या पैदल आराम से पहुँचा जा सकता है।
बस द्वारा:
देवास बस स्टैंड से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित। स्थानीय ऑटो, टैक्सी उपलब्ध हैं।
हवाई मार्ग:
निकटतम हवाई अड्डा इंदौर (35 किमी) है। वहाँ से देवास तक टैक्सी या बस सेवा उपलब्ध है।
गिदिया खो झरना देवास — हरियाली में छिपा रोमांच और सौंदर्य
पास के दर्शनीय स्थल (Nearby Attractions)
- टेकरी माता मंदिर – देवास की सबसे प्रसिद्ध शक्ति-पीठ, ऊँचाई से पूरा शहर दिखाई देता है।
- बड़ी माता मंदिर – नवरात्रि के समय हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
- छोटी माता मंदिर – देवी शक्ति का एक और रूप, शांत और आध्यात्मिक स्थल।
- देवास बड़ा बाजार – धार्मिक वस्तुएँ, प्रसाद, और स्मृति-चिन्हों की दुकानों से सजा क्षेत्र।
- हनुमान टेकरी – प्राकृतिक वातावरण और ध्यान के लिए प्रसिद्ध स्थान।
मंदिर में ध्यान देने योग्य बातें (Things to Keep in Mind)
- जूते मंदिर के बाहर ही उतारें।
- भीड़ में बच्चों और वृद्धों का ध्यान रखें।
- फोटोग्राफी करने से पहले पुजारी से अनुमति लें।
- पूजा सामग्री मंदिर के अधिकृत स्टॉल से ही लें।
- प्रसाद या दीपदान श्रद्धा से करें, दिखावे से नहीं।
- मंदिर में शांति बनाए रखें — माँ की उपासना ध्यान और विनम्रता से करें।
बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर, आगर मालवा (Baba Baijnath Mahadev Temple, Agar Malwa)
दर्शन का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit)
- सुबह 6 से 8 बजे – शांत वातावरण, आरती और पूजा के लिए श्रेष्ठ समय।
- शाम 7 बजे की आरती – दीपों की झिलमिलाहट और भजनों की गूँज का अद्भुत अनुभव।
- नवरात्रि और शिवरात्रि – सबसे भव्य और श्रद्धापूर्ण समय।
- अक्टूबर से फरवरी – मौसम सुहावना और यात्रा के लिए आदर्श।
मंदिर का सम्पूर्ण पता (Full Address)
कैला देवी मंदिर (केला माता मंदिर)
Kailadevi Road, Ram Nagar Extension, Mishrilal Nagar,
Devas, Madhya Pradesh – 455001
माँ तुलजा भवानी मंदिर, आगर-मालवा (Maa Tulja Bhavani Mandir, Agar-Malwa)
कैला देवी मंदिर, देवास की तस्वीरें (Images of Kaila devi Temple, Dewas)
समापन (Conclusion)
कैला देवी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है।
यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को माँ की ममता, शिव की शांति और भक्तों की भक्ति का संगम महसूस होता है।
देवास की पवित्र भूमि पर यह मंदिर आज “श्रद्धा की राजधानी” के रूप में जाना जाता है।
यदि आप कभी देवास जाएँ, तो कैला देवी मंदिर के दर्शन अवश्य करें।
एक बार माँ के दरबार में खड़े होकर “जय माता दी” कहने की अनुभूति जीवनभर आपके हृदय में गूँजती रहेगी।
मंशापूर्ण गणपति छिपिया गोशारी (आगर)
































































