
मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में स्थित श्री राजराजेश्वरी माता मंदिर भक्तों की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। यहाँ का वातावरण इतना दिव्य है कि मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही मन स्वतः शांत और भक्तिमय हो जाता है। घंटियों की ध्वनि, धूप-दीप की खुशबू और नदी किनारे का शांत वातावरण मंदिर को और भी रहस्यमय बना देता है।
माँ राजराजेश्वरी, शक्ति का दिव्य स्वरूप मानी जाती हैं। शाजापुर का यह मंदिर उनकी भव्यता और महिमा का साक्षात प्रतीक है। मान्यता है कि यहाँ माँ के दर्शन मात्र से हर प्रकार की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
मक्सी पार्श्वनाथ जैन मंदिर: आस्था, इतिहास और अद्भुत वास्तुकला
इतिहास (History)

इस मंदिर का इतिहास लगभग 300 साल पुराना है।
सन 1781 में मणिबाई पालतन ने मंदिर निर्माण हेतु भूमि दान की थी। बाद में 1791 में ताराबाई ने मंदिर के विकास और संचालन के लिए 4106 रुपये का दान दिया। मंदिर के सामने बना सभा मंडप वर्ष 1734 में निर्मित हुआ था। यहाँ स्थापित माँ की मूर्ति लगभग 6 फीट ऊँची है।
किंवदंती है कि मंदिर निर्माण के समय खुदाई में माता के चरण और त्रिशूल प्राप्त हुए थे, जिसे दिव्य चमत्कार माना गया। यही कारण है कि इस मंदिर को गुप्त शक्तिपीठ भी कहा जाता है।
एक और खास बात यह है कि यहाँ पिछले 54 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है, जो माँ की अनंत शक्ति और भक्तों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।
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वास्तुकला (Architecture)
मंदिर की वास्तुकला प्राचीन शैली की है। मुख्य गर्भगृह और सभा मंडप अत्यंत भव्य हैं। सभा मंडप का निर्माण 1734 में किया गया था। माँ की मूर्ति 6 फीट ऊँची है, जो भक्तों को अपनी दिव्यता का अनुभव कराती है। मंदिर परिसर में धर्मशाला भी बनी हुई है, ताकि दूर-दराज़ से आने वाले भक्त विश्राम कर सकें। यह मंदिर चिलेर नदी के किनारे पश्चिमी दिशा में स्थित है, जिससे इसका वातावरण और भी पवित्र लगता है।
विशेषताएँ (Uniqueness)
- मंदिर में 54 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है।
- इसे गुप्त शक्तिपीठ कहा जाता है।
- नदी किनारे स्थित होने के कारण यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है।
- शाजापुर जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों में इसे विशेष स्थान प्राप्त है।
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मंदिर में देवी-देवता (Deities)
मंदिर में मुख्य रूप से माँ राजराजेश्वरी विराजमान हैं। इसके अलावा गणपति और रिद्धि-सिद्धि की पूजा भी यहाँ की जाती है। मंदिर परिसर में अन्य छोटे देवालय भी हैं।
आरती, भजन एवं पूजा (Aarti & Bhajans)
मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम आरती होती है। विशेष अवसरों और नवरात्रियों में भव्य आरतियाँ, कीर्तन और जागरण आयोजित किए जाते हैं। अखंड ज्योति के अवसर पर विशेष पूजा अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
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त्योहार और कार्यक्रम (Festivals & Events)
- नवरात्रि में माँ के नौ रूपों की विशेष पूजा और श्रृंगार होता है।
- विजयादशमी और दशहरे पर विशेष मेले और आयोजन होते हैं।
- दीपावली, होली जैसे पर्वों पर मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है।
- अखंड ज्योति महोत्सव यहाँ का प्रमुख वार्षिक उत्सव है।
मंदिर के दर्शन का समय (Timings)
मंदिर सुबह लगभग 6:00 बजे खुलता है और रात लगभग 8:00 से 9:00 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है। त्योहारों और विशेष अवसरों पर समय बढ़ा दिया जाता है।
आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby Places)
- करेड़ी माता मंदिर (लगभग 10 किमी दूरी पर)
- पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- शाजापुर के स्थानीय बाजार और पुरानी हवेलियाँ
- चिलेर नदी का प्राकृतिक वातावरण
मंदिर तक कैसे पहुँचे (How to Reach)
- रेल मार्ग: शाजापुर रेलवे स्टेशन नज़दीकी स्टेशन है। इसके अलावा बरचा और मक्सी स्टेशन भी पास में हैं।
- सड़क मार्ग: शाजापुर, आगरा–बॉम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-52) पर स्थित है।
- वायु मार्ग: नज़दीकी हवाई अड्डा इंदौर (लगभग 110 किमी) और भोपाल (लगभग 160 किमी) है।
मंदिर का पता (Full Address)
श्री राजराजेश्वरी माता मंदिर
लक्ष्मी नगर, शाजापुर, मध्य प्रदेश — 465001
मंदिर जाने का सही समय (Best Time to Visit)
सुबह सूर्योदय के बाद या शाम को आरती के समय मंदिर जाना सबसे अच्छा माना जाता है।
नवरात्रि और विजयादशमी के समय यहाँ का वातावरण सबसे अधिक भक्तिमय और भव्य होता है।
यात्रा के लिए सितंबर से नवंबर का मौसम सबसे उपयुक्त है।