
मध्यप्रदेश का आगर मालवा जिला धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध है। यहाँ का सोमेश्वर महादेव मंदिर, ग्राम सुनारिया में स्थित है, जो अपनी अनोखी स्थिति और रहस्यमयी विशेषताओं के कारण विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर छोटी कालीसिंध नदी के बीचोंबीच स्थित है। बारिश के दिनों में जब नदी का पानी तेज बहाव के साथ शिवलिंग पर गिरता है और स्वयं भगवान का अभिषेक करता है, तो यह दृश्य भक्तों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं लगता।
यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि प्राकृतिक रमणीयता और पौराणिक गाथाओं से भी भरपूर है।
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इतिहास और पौराणिक मान्यताएँ (History and mythology)

कहा जाता है कि यह मंदिर पांडवकालीन है। पांडवों के अज्ञातवास के दौरान वे इस क्षेत्र में कुछ समय के लिए रुके थे। यहाँ पर भीम ने अपनी जनेऊ का ऊन नदी में डालकर उसका प्रवाह बदल दिया। पहले नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती थी। भीम द्वारा दिशा बदलने के बाद बारिश के मौसम में नदी पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हुई सबसे पहले भगवान शिव का अभिषेक करती है और फिर उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर लौट जाती है। यही कारण है कि स्थानीय लोग इसे महादेव का चमत्कार मानते हैं।
विशेष बात यह है कि आज भी यहाँ के पत्थरों पर भीम की जनेऊ के निशान मौजूद हैं, जिन्हें श्रद्धालु बड़ी आस्था से देखते हैं।
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मंदिर की विशेषताएँ (Temple Features)
- मंदिर नदी के बीच स्थित है, इसलिए बारिश में शिलाएँ डूब जाने के कारण यहाँ पहुँचना कठिन हो जाता है।
- बारिश के दिनों में दूर-दूर से लोग केवल इस चमत्कार को देखने आते हैं कि कैसे नदी स्वयं शिवलिंग का अभिषेक करती है।
- यहाँ मान्यता है कि जिस व्यक्ति के कर्म अच्छे नहीं होते, वह इस मंदिर तक पहुँच ही नहीं पाता और बीच में ही रुक जाता है।
- सावन और महाशिवरात्रि पर यहाँ भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है।
- नदी किनारे हर साल शिवरात्रि पर भव्य मेले का आयोजन होता है।
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वास्तुकला और संरचना (Architecture and Structure)
मंदिर का निर्माण प्राचीन पत्थरों और शिलाओं से हुआ है। गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जो अत्यंत पूजनीय है। मंदिर तक पहुँचने का मार्ग व्यवस्थित नहीं है। नदी पर रखी शिलाओं से होकर ही यहाँ पहुँचना संभव है। बारिश में ये शिलाएँ जलमग्न हो जाती हैं, जिससे यह और भी रहस्यमयी प्रतीत होता है।
मंदिर परिसर में देवी-देवता (Deities in the temple complex)
मुख्य शिवलिंग के अलावा यहाँ नंदी महाराज, गणेश जी और हनुमान जी की मूर्तियाँ भी हैं। आसपास के क्षेत्र में छोटे-छोटे शिवालय भी बने हुए हैं।
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आरतियाँ और भजन (Aartis and Bhajans)
प्रतिदिन सुबह और शाम को आरती होती है। सावन और महाशिवरात्रि पर विशेष रुद्राभिषेक और भजन संध्याएँ आयोजित होती हैं। शिवरात्रि के दिन पूरी रात जागरण, भजन और कीर्तन का आयोजन होता है।
प्रमुख त्यौहार और आयोजन (Major festivals and events)
महाशिवरात्रि – नदी किनारे विशाल मेले का आयोजन, जहाँ हजारों भक्त दर्शन हेतु आते हैं।
सावन माह – विशेष पूजन और धार्मिक अनुष्ठान।
श्रावणी सोमवार – झांकी और शोभायात्राएँ।
नवरात्रि – नदी किनारे माता दुर्गा की आराधना के साथ विशेष आयोजन।
मंदिर तक पहुँचने का मार्ग (Way to reach the temple)
सड़क मार्ग – आगर जिला मुख्यालय से लगभग 27 किमी दूरी पर ग्राम सुनारिया स्थित है। सुनारिया से 1 किमी दूर नदी के बीच यह मंदिर है।
रेल मार्ग – नजदीकी रेलवे स्टेशन उज्जैन और शाजापुर हैं।
हवाई मार्ग – निकटतम एयरपोर्ट इंदौर (देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट), लगभग 130 किमी।
मंदिर के खुलने का समय (Temple opening hours)
सुबह: 5:00 बजे से 12:00 बजे तक
शाम: 4:00 बजे से 9:00 बजे तक
सावन और महाशिवरात्रि पर समय बढ़ा दिया जाता है।
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मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय (Best time to visit the temple)
सावन माह और महाशिवरात्रि – यहाँ का वातावरण अलौकिक और भक्तिमय हो जाता है।
बारिश का मौसम – जब नदी का जलप्रवाह शिवलिंग का अभिषेक करता है।
अक्टूबर से मार्च तक का समय भी यात्रा के लिए उपयुक्त है।
आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby places of interest)
मोती सागर तालाब (बड़ा तालाब) – आगर का गौरव।
बैजनाथ महादेव मंदिर – प्राचीन शिव धाम।
राम मंदिर और हनुमान मंदिर – नजदीकी धार्मिक स्थल।
आसपास के गाँवों और घाटियों का प्राकृतिक सौंदर्य।
बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर, आगर मालवा (Baba Baijnath Mahadev Temple, Agar Malwa)
पूरा पता (Address)
सोमेश्वर महादेव मंदिर,
ग्राम सुनारिया, छोटी कालीसिंध नदी के मध्य,
जिला आगर मालवा,
मध्यप्रदेश – 465441
सोमेश्वर महादेव मंदिर, आगर मालवा की तस्वीरें (Images of Someshwar Mahadev Mandir, Agar Malwa)
निष्कर्ष (Conclusion)
सोमेश्वर महादेव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि पौराणिक कथाओं, प्राकृतिक चमत्कारों और आध्यात्मिक अनुभवों का अद्वितीय संगम है। यहाँ की अनोखी मान्यता – नदी द्वारा महादेव का अभिषेक, भीम की जनेऊ के निशान, और कर्म के आधार पर दर्शन की परंपरा – इसे विशेष बनाती है। यदि आप आगर मालवा की यात्रा करें तो इस पवित्र मंदिर के दर्शन अवश्य करें और दिव्य अनुभव प्राप्त करें।