
केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मोतिसागर तालाब के किनारे बसा हुआ है और यहाँ के लोगों की आस्था का केंद्र माना जाता है। भैरवनाथ जी को यहाँ भक्त “भैरव बाबा” के नाम से पुकारते हैं। मंदिर का नाम “केवड़ा स्वामी” इसलिए पड़ा क्योंकि इसके आस-पास केवड़े के फूलों के बगीचे हैं, जिनकी सुगंध वातावरण को पवित्र और सुगंधित बनाती है।
मंशापूर्ण गणपति छिपिया गोशारी (आगर)
इतिहास (History)
मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना 1424 ईस्वी में झाला राजपूत वंश के राजा राघव देव द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि जब राजपूत लोग गुजरात से भैरव बाबा की मूर्ति लेकर आ रहे थे, तो मोतिसागर तालाब के पास उनकी गाड़ी का चक्का वहीं रुक गया। इसे भगवान की इच्छा मानकर यहीं मूर्ति की स्थापना कर दी गई। लगभग 600 साल पुराना यह मंदिर आज भी उसी मान्यता और आस्था के साथ खड़ा है।
बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर, आगर मालवा (Baba Baijnath Mahadev Temple, Agar Malwa)
वास्तुकला (Architecture)

मंदिर की संरचना पारंपरिक हिंदू शैली की है। इसका गर्भगृह और मंडप भक्तों के लिए विशेष आस्था का स्थान है।
- यहाँ भैरव बाबा की मूर्ति एक विशाल वृक्ष के तने में स्थापित है, जो इसे और अद्वितीय बनाती है।
- मंदिर परिसर में केवड़े के फूलों का बगीचा इसकी सुंदरता बढ़ाता है।
- मूर्ति को लोहे की जंजीरों से बाँधा गया है। मान्यता है कि भैरव बाबा बाहर निकलकर बच्चों के साथ खेलने चले जाते थे, इसलिए उन्हें जंजीरों से बाँधा गया।
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विशेषताएँ (Special Features)
- भैरव बाबा की मूर्ति को जंजीरों से बाँधना इस मंदिर की सबसे अनोखी परंपरा है।
- मंदिर का नाम आसपास लगे केवड़े के फूलों से जुड़ा है।
- भैरव बाबा से जुड़ी स्थानीय लोककथाएँ—जैसे बच्चों को खेलने के लिए बुलाना और तालाब में ले जाना—इस स्थान को रहस्यमयी और रोचक बनाती हैं।
- इसका जुड़ाव झाला राजपूतों के इतिहास से है, जो इसे ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाता है।
देवी-देवता और पूजा-अर्चना (Deities and Worship)
मुख्य देवता यहाँ भैरवनाथ जी हैं, जो भगवान शिव के भैरव रूप हैं।
- मंदिर में नियमित आरती और भजन-कीर्तन होते हैं।
- भैरव स्तुति और भजनों की गूंज वातावरण को भक्तिमय बनाती है।
- प्रसाद में फूल, केवड़े की खुशबू और भोग चढ़ाया जाता है।
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त्यौहार और कार्यक्रम (Festivals and Events)
- भैरव पूर्णिमा और अष्टमी के अवसर पर यहाँ विशेष मेले लगते हैं। इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
- विवाह के बाद नवविवाहित जोड़े यहाँ आशीर्वाद लेने आते हैं।
- विशेष अवसरों पर भजन-कीर्तन, झाँकी और प्रसाद वितरण होता है।
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आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby Attractions)
- मोतिसागर तालाब — मंदिर के पास ही स्थित है और अपने सुंदर नज़ारों से मन मोह लेता है।
- आगर शहर में बाबा बैजनाथ मंदिर, तुलजा भवानी मंदिर और गणेश मंदिर भी देखने लायक हैं।
- आसपास के उद्यान और प्राकृतिक स्थल घूमने योग्य हैं।
मंदिर तक कैसे पहुँचे (How to Reach)
- हवाई मार्ग (By Air): नज़दीकी एयरपोर्ट इंदौर का देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट है, जो लगभग 126 किमी दूर है।
- रेल मार्ग (By Train): नज़दीकी रेलवे स्टेशन उज्जैन है, जो लगभग 68 किमी की दूरी पर है।
- सड़क मार्ग (By Road): आगर-मालवा सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा है। इंदौर, उज्जैन और अन्य शहरों से बस व निजी वाहन आसानी से उपलब्ध हैं।
मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit)
- सर्दियों और वसंत का समय मंदिर यात्रा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
- भैरव पूर्णिमा और अष्टमी पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं, इसलिए इन दिनों दर्शन का अलग ही आनंद है।
- सुबह और शाम का समय पूजा-अर्चना और वातावरण के अनुभव के लिए सबसे अच्छा होता है।
मंदिर का पता (Temple Address)
- नाम (Name): केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर
- स्थान (Location): मोतिसागर तालाब के पास, आगर-मालवा जिला, मध्यप्रदेश
- नज़दीकी रेलवे स्टेशन (Nearest Railway Station): उज्जैन (~68 किमी)
- नज़दीकी एयरपोर्ट (Nearest Airport): इंदौर (~126 किमी)