पार्वती पंचक स्तोत्र एक महत्वपूर्ण संस्कृत स्तोत्र है, जो माता पार्वती की महिमा और शक्ति का गुणगान करता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी माना जाता है जो विवाह संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं या अपने वैवाहिक जीवन में सुख और शांति की कामना करते हैं।
पार्वती पंचक स्तोत्र (Parvati Panchak Stotra):
धराधरेन्द्र नंदिनी शशांक मौलि संगिनी
सुरेशशक्ति वर्धिनी नितांतकान्त कामिनी ।
निशाचरेन्द्र मर्दिनी त्रिशूल शूल धारिणी
मनोव्यथा विदारिणी शिवम् तनोतु पार्वती ॥1॥
भुजंगतल्प शायिनी महोग्रकान्त भामिनी
प्रकाश पुंज दामिनी विचित्रचित्र कारिणी ।
प्रचण्ड शत्रु धर्षिणी दया प्रवाह वर्षिणी
सदा सुभाग्यदायिनी शिवम् तनोतु पार्वती ॥2॥
प्रकृष्ट सृष्ट कारिका प्रचण्ड नृत्य नर्तिका
पिनाक पाणि धारिका गिरीश शृंग मालिका ।
समस्त भक्त पालिका पीयूष पूर्ण वर्षिका
कुभाग्य रेख मार्जिका शिवम् तनोतु पार्वती ॥3॥
तपश्चरी कुमारिका जगत्परा प्रहेलिका
विशुद्ध भावसाधिका सुधा सरित्प्रवाहिका
प्रयत्न पक्ष पोषिका सदार्थि भाव तोषिका
शनि ग्रहादि तर्जिका शिवम् तनोतु पार्वती ॥4॥
शुभंकरी शिवंकरी विभाकरी निशाचरी
नभश्चरी धराचरी समस्त सृष्टि संचरी ।
तमोहरी मनोहरी मृगांक मौलि सुन्दरी
सदा ग्रता संचरी शिवम् तनोतु पार्वती ॥5॥
पार्वती पंचकं नित्यम्धेते यत् कुमारिका ।
दुष्कृतम् निखिलं हत्वा वरं प्राप्नोति सुंदरम्॥
हे गौरि! शंकरार्धांगी! यथा त्वं शंकर प्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्॥
॥ इति श्री पार्वती पंचक स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
पार्वती पंचक स्तोत्र के लाभ (Benefits of Parvati Panchak Stotra):
- विवाह में आने वाली बाधाओं का निवारण: इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से विवाह में आ रही अड़चनों का समाधान होता है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
- दांपत्य जीवन में सुख और शांति: यह स्तोत्र पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ाता है, जिससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: पार्वती पंचक स्तोत्र का पाठ मानसिक शांति और आत्मिक विकास में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पार्वती पंचक स्तोत्र पाठ की विधि (Method of reciting Parvati Panchak Stotra):
- समय: सुबह या शाम के समय को पाठ के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- स्वच्छता: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- स्थान: घर में किसी शांत और स्वच्छ स्थान पर माता पार्वती की मूर्ति या चित्र के सामने आसन लगाएं।
- पूजा सामग्री: दीपक, धूप, फूल और नैवेद्य (प्रसाद) तैयार रखें।
- पाठ: श्रद्धा और भक्ति के साथ पार्वती पंचक स्तोत्र का पाठ करें।
- नैवेद्य अर्पण: पाठ के बाद माता को नैवेद्य अर्पित करें और प्रसाद ग्रहण करें।
पार्वती पंचक स्तोत्र का महत्व (Importance of Parvati Panchak Stotra):
यह स्तोत्र माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है। इसके नियमित पाठ से न केवल विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह स्तोत्र भक्तों के मन में भक्ति और श्रद्धा का संचार करता है, जिससे वे आ