चंद्र देव की आरती करने से मन की सभी चिंताओं का नाश होता है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
गंगा जी की आरती (Ganga ji ki aarti)
चंद्र देव आरती का महत्व (Importance of Chandra Dev Aarti)
चंद्रदेव की पूजा और आरती करने से मन को शांति मिलती है तथा कुंडली में स्थित चंद्र दोष का निवारण होता है। प्रतिदिन श्रद्धा और भक्ति भाव से चंद्रदेव की आरती करने पर वे प्रसन्न होते हैं और साधक के जीवन से समस्त नकारात्मकता को दूर कर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखते हैं।
पार्वती माता की आरती (Parvati Mata ki aarti)
चन्द्र देव जी की आरती (Chandra Dev Ji ki aarti)
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
सीता जी की आरती (Sita ji ki aarti)
श्री गोरखनाथ संध्या आरती (Shri Gorakhnath Sandhya Aarti)
पंच परमेष्ठी जी की आरती (Panch Parmeshthi ji ki aarti)
झूलेलाल जी की आरती (Jhulelal ji ki aarti)
कैला माँ की आरती (Kaila Maa Aarti)
वैष्णो जी की आरती (Vaishno ji ki aarti)