भाई दूज का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के स्नेह और अटूट रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहन को स्नेह स्वरूप उपहार प्रदान करते हैं।
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भाई दूज आरती का महत्व (Importance of Bhai Dooj Aarti)
भाई दूज की आरती का विशेष महत्व होता है। यह आरती करने से भाई की रक्षा, समृद्धि और उन्नति की प्रार्थना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और आरती से यमराज और यमुनाजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे भाई को दीर्घायु और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
भाई दूज की आरती (Aarti of Bhai Dooj:):
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे, यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही, तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो, नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी, मन ‘बेचैन’ भय है तुम बिन वैतरणी ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
भाई दूज आरती कैसे करें ? (How to perform Bhai Dooj Aarti?)
- सबसे पहले भगवान गणेश और यमराज की पूजा करें।
- एक स्वच्छ स्थान पर भाई को बिठाकर तिलक और अक्षत लगाएं।
- भाई की आरती करें और उनकी सुख-समृद्धि की कामना करें।
- भाई को मिठाई खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें।
- भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसके सुख की प्रार्थना करें।
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यमराज और यमुना से जुड़ी पौराणिक कथा (Mythological story related to Yamraj and Yamuna)
शास्त्रों के अनुसार, भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर पधारे थे। यमुना ने प्रेमपूर्वक अपने भाई को तिलक लगाया और भोजन कराया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई को तिलक कर स्नेहपूर्वक भोजन कराएगी, उसके भाई की उम्र लंबी होगी और उसे कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
भाई दूज की विविध परंपराएँ (Various Traditions of Bhai Dooj)
भारत में भाई दूज का त्योहार विभिन्न रूपों में मनाया जाता है।
- कुछ स्थानों पर बहनें अपने भाई के हाथों की पूजा करती हैं।
- कुछ क्षेत्रों में बाजरा कूटने की परंपरा है, जिसे शुभ माना जाता है।
- बहनें यमराज और यमुना माता की पूजा कर अपने भाई की समृद्धि की कामना करती हैं।
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यमुना माता को प्रसन्न करने के लिए विशेष आरती (Special Aarti to please Mother Yamuna)
यदि आप भी भाई दूज का पर्व मनाते हैं, तो यमुना माता को प्रसन्न करने के लिए इस आरती का पाठ करें। यह आरती पढ़ने से मां यमुना का आशीर्वाद मिलता है और भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम व सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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