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त्रिपुर सुन्दरी वेद-पाद स्तोत्रम् (Tripura Sundari Veda-Pada Stotram)

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“त्रिपुर सुन्दरी वेद-पाद स्तोत्रम्” अद्वैत वेदान्त परंपरा के महान आचार्य श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक दिव्य स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवती ललिता त्रिपुरसुन्दरी की महिमा, स्वरूप, शक्ति और कृपा का स्तुतिपूर्वक वर्णन करता है। यह 110 मंत्रवत् श्लोकों में विस्तृत है, जिनमें देवी की श्रीविद्या, श्रीचक्र, चिन्मयी शक्ति, तथा साक्षात ब्रह्मस्वरूपिणी के रूप में Read More

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श्री त्रिपुरिसुन्दारी वेदसारा स्तोत्रं (Sri Tripurasundari Vedasara Stotram)

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श्री त्रिपुरसुंदरी वेदसार स्तोत्रम् एक अत्यंत पावन और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो आदिशक्ति माँ त्रिपुरसुंदरी की महिमा का सार प्रस्तुत करता है। यह स्तोत्र वेदों के सार को समेटे हुए, शक्ति की परम रूपा श्री ललिता त्रिपुरसुंदरी के विभिन्न दिव्य स्वरूपों, गुणों और लीलाओं का गुणगान करता है। माँ त्रिपुरसुंदरी को त्रिलोकसुंदरी, श्रीविद्या स्वरूपिणी, राजराजेश्वरी, Read More

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श्री त्रिपुर सुंदरी स्तोत्रम् (Shri Tripura Sundari Stotram)

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त्रिपुरसुंदरी देवी को सौंदर्य, शक्ति और करुणा की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उन्हें “षोडशी” यानी सोलह वर्ष की अलौकिक कन्या भी कहा जाता है। त्रिपुरा का अर्थ होता है – तीन लोक या तीन नगर, और सुंदरि का अर्थ है – अति सुंदर नारी। इस तरह त्रिपुरसुंदरी का अर्थ हुआ – तीनों लोकों की Read More