श्री गणेश — विघ्नों के नाशक, बुद्धि और सिद्धि के अधिपति, प्रथम पूज्य देवता हैं। उनके विविध स्वरूपों में “महागणपति” का स्थान अत्यंत विशेष और रहस्यमयी है। यह स्वरूप केवल विघ्नहर्ता ही नहीं, बल्कि समस्त ब्रह्मांडीय शक्तियों के समन्वय का भी प्रतीक है। महागणपति स्तोत्र उन्हीं के इस महाशक्तिशाली रूप की स्तुति में रचा गया Read More
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