
भारत की भक्ति परंपरा में गोस्वामी तुलसीदास जी का नाम एक अमर दीपक की तरह जलता है। “रामचरितमानस” जैसे अमर ग्रंथ के रचयिता तुलसीदास जी जन्म से संत नहीं थे — बल्कि एक घटना ने उन्हें संत बना दिया। वह घटना थी — उनकी पत्नी रत्नावली के तीखे परंतु अमृत समान वचन। अप्सरा तारा और Read More





























