नवरत्न स्तोत्र का अर्थ है “नौ रत्नों के समान अमूल्य श्लोकों वाला स्तोत्र”। यह स्तोत्र श्रीवल्लभाचार्य जी द्वारा रचित माना जाता है और यह पुष्टिमार्ग (भक्ति मार्ग) का अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें कुल नौ श्लोक हैं — प्रत्येक श्लोक भक्ति, समर्पण और विश्वास का एक रत्न है। यह स्तोत्र सिखाता है कि जब भक्त Read More
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