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पंख वाले पर्वतों का आख़िरी वारिस — अद्भुत मैनाक पर्वत की रहस्यमयी कथा (The Last Heir of the Winged Mountains — The Mysterious and Fascinating Legend of the Incredible Mainak Mountain)

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भारत की प्राचीन पौराणिक कथाएँ रहस्यों, चमत्कारों और अलौकिक घटनाओं से भरी हैं। इन्हीं में से एक है पंख वाले पर्वतों की अविश्वसनीय गाथा और उनमें से एकमात्र जीवित पर्वत मैनाक की कथा। यह कहानी न केवल अद्भुत है, बल्कि देवी पार्वती, पर्वतराज हिमालय और हनुमान जी से भी गहराई से जुड़ी हुई है। जब Read More

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जब पर्वत उड़ते थे आकाश में — पंख वाले पर्वतों का प्रचंड युग और इंद्र के वज्र का दिव्य प्रहार (A Thrilling Legend of Flying Mountains & Indra’s Thunderbolt)

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बहुत प्राचीन काल की बात है, जब पृथ्वी आज की तरह शांत, स्थिर और व्यवस्थित नहीं थी। उस समय के सभी पर्वत जीवित प्राणियों जैसे थे—विशाल, विराट और पंखों वाले पर्वत, जो अपनी इच्छा से आकाश में उड़ते थे। वे बादलों को चीरते हुए जहाँ चाहें वहाँ जा उतरते थे। यह दृश्य जितना अद्भुत था, Read More

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काल भैरव: समय के स्वामी और शिव के भयावह रक्षक (Kaal Bhairav – The Lord of Time and the Fierce Guardian of Shiva)

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हिंदू धर्म के रहस्यमयी लोक में एक ऐसा देवता हैं, जिनके नाम से ही दुष्ट कांप उठते हैं —वो हैं भगवान काल भैरव, जो समय, मृत्यु और न्याय के स्वामी माने जाते हैं।उनकी भक्ति से भय समाप्त होता है और अधर्मियों का विनाश होता है।उनकी जयंती, जिसे कालाष्टमी या काल भैरव जयंती कहा जाता है, Read More

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अप्सरा तारा और रुक्मन की अद्भुत कथा — कैसे मिली छिपकली को मुक्ति (The miraculous tale of Apsara Tara and Rukman — how the lizard attained liberation.)

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स्वर्गलोक में दो सुंदर अप्सराएँ रहती थीं — तारा और रुक्मन।दोनों बहनें थीं — एक धर्मपरायण और दूसरी चंचल स्वभाव की। तारा को भगवान की भक्ति, मंदिर-दर्शन और तप का बड़ा शौक था; जबकि रुक्मन भोग-विलास और आनंदमयी जीवन की इच्छुक थी। माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरण क्यों दबाती हैं? — एक अद्भुत रहस्य Read More

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रत्नावली के शब्दों ने बनाया तुलसीदास को “राम का तुलसीदास” — एक प्रेरक कथा (The Words of Ratnavali That Transformed Tulsidas into ‘Ram’s Tulsidas’ — An Inspiring Tale)

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भारत की भक्ति परंपरा में गोस्वामी तुलसीदास जी का नाम एक अमर दीपक की तरह जलता है। “रामचरितमानस” जैसे अमर ग्रंथ के रचयिता तुलसीदास जी जन्म से संत नहीं थे — बल्कि एक घटना ने उन्हें संत बना दिया। वह घटना थी — उनकी पत्नी रत्नावली के तीखे परंतु अमृत समान वचन। अप्सरा तारा और Read More

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आत्मदेव, धुंधुली और गोकर्ण की कथा (The Story of Atmadev, Dhundhuli, and Gokarna)

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बहुत समय पहले की बात है — एक ब्राह्मण आत्मदेव नाम से प्रसिद्ध था। वह धर्मपरायण, विद्वान और सज्जन था, परंतु उसकी पत्नी धुंधुली स्वभाव से क्रोधी, झगड़ालू और कठोर वचन बोलने वाली थी। आत्मदेव के जीवन का सबसे बड़ा दुख यह था कि उसके कोई संतान नहीं थी। गाँव और समाज के लोग उसे Read More

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तुलसी नामाष्टक स्तोत्र (Tulsi Namashtak Stotram)

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तुलसी नामाष्टक स्तोत्र में तुलसी माता के आठ पवित्र नामों का वर्णन किया गया है —वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपूजिता, विश्वपावनी, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी।इन नामों का स्मरण और स्तुति करने से तुलसी माता की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि एवं पवित्रता का वास होता है। वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपूजिता, विश्वपावनी ।पुष्पसारा, नंदिनी Read More

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माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरण क्यों दबाती हैं? — एक अद्भुत रहस्य और पौराणिक कथा (Why Goddess Lakshmi Massages Lord Vishnu’s Feet?)

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हिंदू धर्म के अनगिनत चित्रों और मूर्तियों में आपने देखा होगा कि माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरण दबा रही होती हैं। यह दृश्य जितना सुंदर लगता है, उतना ही रहस्यमयी भी है। क्या आपने कभी सोचा है कि धन और समृद्धि की देवी स्वयं अपने पति के चरण क्यों दबाती हैं? इसके पीछे छिपा Read More

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जब टूटा गणेश जी का दांत — ‘एकदंत’ बनने की रहस्यमयी कथा (The Mysterious Tale of How Lord Ganesha Became ‘Ekadanta’)

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हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, सिद्धिदाता और बुद्धि-विवेक के देवता के रूप में पूजा जाता है। हर शुभ कार्य की शुरुआत उनके नाम से होती है। लेकिन उनके स्वरूप में एक रहस्य छिपा है — वे केवल एक दांत वाले क्यों हैं?भगवान गणेश के “एकदंत” कहलाने के पीछे दो अद्भुत और सच्ची पौराणिक Read More

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कंदली वृक्ष की रहस्यमयी उत्पत्ति — ऋषि दुर्वासा और उनकी पत्नी कंदली की अद्भुत कथा (The Mysterious Origin of the Kandali Tree – The Tale of Sage Durvasa and His Wife Kandali)

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हिंदू धर्म में हर पेड़-पौधे का कोई न कोई आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व होता है। इनमें से एक है कंदली वृक्ष, जिसे हम आज केले का पेड़ कहते हैं।केला न केवल हमारे भोजन का हिस्सा है, बल्कि यह पूजा, व्रत और यज्ञ का भी एक अविभाज्य अंग है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पवित्र Read More