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Chalisa माता सरस्वती जी के मंत्र

सरस्वती गायत्री मंत्र (Saraswati Gayatri Mantra)

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मां सरस्वती विद्या, बुद्धि और वाणी की देवी हैं, जिनकी पूजा विशेष रूप से विद्यार्थी, कलाकार और विद्वान करते हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से ज्ञान, कला और संगीत में सिद्धि प्राप्त होती है। श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र (Shri Hanuman Vadvanal Stotra) सरस्वती गायत्री मंत्र (Saraswati Gayatri Mantra): ॐ सरस्वत्यै Read More

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Chalisa विष्णु जी के मंत्र

शान्ताकारं मंत्र – श्री विष्णु स्तुति (Shantakaram Mantra – Shri Vishnu Stuti)

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“शान्ताकारं भुजगशयनं…” मंत्र (स्तुति) भगवान विष्णु की महिमा का अद्भुत स्तुति मंत्र है। यह न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि जीवन में समृद्धि, सफलता और सुरक्षा भी प्रदान करता है। जो भी श्रद्धा भाव से इस मंत्र का जाप करता है, उसे विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है और उसके सभी भय एवं Read More

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निर्वाण षटकम् (Nirvana Shatakam)

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निर्वाण षटकम् (Nirvana Shatakam) एक अत्यंत प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य (8वीं शताब्दी) ने रचा था। यह छह श्लोकों का एक शक्तिशाली ग्रंथ है, जो अद्वैत वेदांत (Advaita Vedanta) की मूल शिक्षा को सरल शब्दों में प्रकट करता है। इस स्तोत्र में आत्मा की शुद्धता, अमरता और अनंतता का वर्णन किया गया है। Read More

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स्वास्तिक मंत्र (Swastik Mantra)

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स्वस्तिक मंत्र शुभता और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। “स्वस्ति” का अर्थ होता है – कल्याण या मंगलमय स्थिति। यह माना जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण से मन और हृदय की शुद्धि होती है। मंत्रोच्चार के दौरान कुश (दर्भ) से जल का छिड़काव किया जाता है, जिससे पारस्परिक क्रोध और वैमनस्य शांत Read More

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अर्गला स्तोत्रम् (Argala stotram)

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॥ अथार्गलास्तोत्रम् ॥ ॐ अस्य श्रीअर्गलास्तोत्रमन्त्रस्य विष्णुर्ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः, श्रीमहालक्ष्मीर्देवता, श्रीजगदम्बाप्रीतयेसप्तशतीपाठाङ्गत्वेन जपे विनियोगः॥ ॐ नमश्चण्डिकायै॥ || मार्कण्डेय उवाच || ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥1॥ जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि। जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥2॥ मधुकैटभविद्राविविधातृवरदे नमः। रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥3॥ महिषासुरनिर्णाशि Read More

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श्री बटुक भैरव चालीसा (Shri Batuk Bhairav ​​Chalisa)

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॥ दोहा ॥विश्वनाथ को सुमिर मन । धर गणेश का ध्यान ।भैरव चालीसा रचूं । कृपा करहु भगवान॥बटुकनाथ भैरव भजं । श्री काली के लाल ।छीतरमल पर कर कृपा । काशी के कुतवाल॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्रीकाली के लाला । रहो दास पर सदा दयाला॥भैरव भीषण भीम कपाली । क्रोधवन्त लोचन में लाली॥ कर Read More

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विन्ध्येश्वरी चालीसा (Vindhyashwari Chalisa)

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श्री विंध्येश्वरी चालीसा के नियमित पाठ से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। श्री विंध्येश्वरी चालीसा का महत्व माँ दुर्गा के अनेक स्वरूपों में से एक हैं माँ विंध्यवासिनी, जो विंध्य पर्वत पर निवास करती हैं और भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति Read More

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माँ बगलामुखी चालीसा (Maa Baglamukhi Chalisa)

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माँ बगलामुखी को दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या के रूप में पूजा जाता है। श्री बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, वाक् शक्ति (बोलने की शक्ति) बढ़ती है, और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं। श्री बगलामुखी चालीसा का महत्व (Importance of Shri Baglamukhi Chalisa) माँ बगलामुखी को शत्रु Read More

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अन्नपूर्णा चालीसा (Annapurna Chalisa)

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माँ अन्नपूर्णा को समृद्धि और अन्न की देवी माना जाता है। श्री अन्नपूर्णा चालीसा का नियमित पाठ करने से सभी आर्थिक समस्याओं का नाश होता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। श्री अन्नपूर्णा चालीसा का महत्व (Importance of Shri Annapurna Chalisa) माँ अन्नपूर्णा, माँ जगदंबा का ही एक दिव्य स्वरूप हैं, जिनके Read More

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नर्मदा चालीसा (Narmada Chalisa)

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माँ नर्मदा को हिंदू धर्म में पावन और मोक्षदायिनी नदी के रूप में पूजा जाता है। श्री नर्मदा चालीसा का पाठ करने से जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। श्री नर्मदा चालीसा का महत्व (Importance of Shri Narmada Chalisa) सनातन धर्म में नदियों, पर्वतों और Read More