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श्री सुब्रमन्य भुजंगा स्तोत्रं (Sri Subramanya Bhujanga Stotram)

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“श्री सुब्रह्मण्य भुजङ्ग स्तोत्रम्” भगवान स्कंद, कार्तिकेय, मुरुगन, या कुमारस्वामी को समर्पित एक अत्यंत मधुर और भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जिसकी रचना महाकवि कालिदास ने भुजङ्ग छंद में की है। यह स्तोत्र न केवल काव्य सौंदर्य में अद्वितीय है, बल्कि भाव और भक्ति की गहराई से भी परिपूर्ण है। इस स्तोत्र में भगवान स्कंद के विभिन्न Read More

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श्री सुब्रमन्य करावालाम्बा (Sri Subramanya Karavalamba)

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“श्री सुब्रह्मण्य करावलम्ब स्तोत्रम्” भगवान कार्तिकेय (सुब्रह्मण्य स्वामी) को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसकी रचना आदि शंकराचार्य जी ने की थी। इस स्तोत्र में भक्त भगवान सुब्रह्मण्य से करुणा, सुरक्षा और मार्गदर्शन की प्रार्थना करता है – ठीक वैसे ही जैसे कोई बालक अपनी माँ या पिता से सहायता माँगता है। भगवान सुब्रह्मण्य, Read More

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श्री सरस्वती स्तोत्रम् (Shri Saraswati Stotra)

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सरस्वती जी को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के अनेक उपाय हैं। माँ सरस्वती विद्या, संगीत, कला, बुद्धि और प्रकृति की देवी हैं। वे लक्ष्मी और पार्वती के साथ त्रिदेवी के रूप में जानी जाती हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव के कार्यों — सृष्टि, पालन और संहार — में सहायक होती हैं। Read More

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श्री संतान गोपाल स्तोत्र (Shri Santan Gopal Stotra)

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श्री सन्तानगोपाल स्तोत्र एक अत्यंत पुण्यदायी और फलदायक स्तोत्र है, जो विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह स्तोत्र श्रीकृष्ण जी के “सन्तानगोपाल” स्वरूप की स्तुति करता है। इस स्तोत्र का पाठ भक्तजन भगवान श्रीकृष्ण से संतान सुख, गर्भधारण की सफलता, और शिशु के Read More

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श्री शिव महिम्न स्तोत्र (Shri Shiv Mahimna Stotra)

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“शिव महिम्न स्तोत्र” हिन्दू धर्म के महान स्तोत्रों में से एक है, जो भगवान शिव की महिमा का अत्यंत प्रभावशाली और श्रद्धापूर्वक वर्णन करता है। इसकी रचना गंधर्व पुष्पदंत ने की थी, जो स्वयं शिवभक्त थे। यह स्तोत्र संस्कृत में लिखा गया है और कुल 43 श्लोकों में विभाजित है। पौराणिक कथा के अनुसार, गंधर्व Read More

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श्री शिवरामाष्टक स्तोत्रम् (Shri Shivramashtakam Stotra)

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श्री शिवरामाष्टक स्तोत्र भगवान शिव और भगवान श्रीराम को समर्पित एक प्रभावशाली स्तोत्र है। इसका नियमित पाठ विशेषकर 11 बार लगातार करने से बुद्धि का विकास होता है, ज्ञान में वृद्धि होती है और विद्यार्थियों को परीक्षाओं में उत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं। यह स्तोत्र आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली माना गया है। यह स्तोत्र Read More

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श्री शिव रुद्राष्टकम स्तोत्रं (Shri Shiva Rudrashtakam)

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“श्री शिव रुद्राष्टकम” एक अति प्रसिद्ध और प्रभावशाली स्तुति है, जिसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने भगवान शिव की आराधना में की थी। यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में रचा गया है और इसमें आठ श्लोक होते हैं — इसलिए इसे “अष्टकम” कहा जाता है। इस रचना में भगवान शिव के अद्वितीय स्वरूप, उनके सौंदर्य, तेज, Read More

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श्री शक्ति कृतं श्रीगानाधिश स्तोत्रं (Shiv Shakti-Kritam Shriganadhish Stotram)

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“शिवशक्ति कृत श्रीगणाधीश स्तोत्र” एक दिव्य और दुर्लभ स्तोत्र है, जिसकी रचना स्वयं भगवान शिव और शक्ति (माता पार्वती) ने की है। यह स्तोत्र भगवान गणेश की स्तुति में रचा गया है, जो समस्त विघ्नों का नाश करने वाले, सिद्धि-बुद्धि के दाता और समृद्धि प्रदान करने वाले देव हैं। इस स्तोत्र में भगवान गणेश के Read More

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श्री वेंकतेस्वारा वज्र कवचा स्तोत्रं (Sri Venkateswara Vajra-Kavacha Stotram)

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“श्री वेंकटेश्वर वज्र कवच स्तोत्र” एक दिव्य स्तोत्र है जो भगवान वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) की महिमा का बखान करते हुए उनके संरक्षण और कृपा की याचना करता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से मार्कण्डेय ऋषि द्वारा रचित माना जाता है, जिन्होंने स्वयं अनुभव किया कि भगवान वेंकटेश्वर का स्मरण और यह वज्र कवच, सभी प्रकार Read More

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श्री वेंकतेश्वारा मंगला स्तोत्रं (Sri Venkateswara Mangala Stotram)

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श्री वेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम् भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर रूप के बारह पावन नामों का स्तुति स्तोत्र है। यह स्तोत्र उन भक्तों द्वारा पढ़ा जाता है जो भगवान श्री वेंकटेश्वर की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। इसमें भगवान के विभिन्न दिव्य स्वरूपों और गुणों को स्मरण करते हुए उन्हें नमस्कार अर्पित किया गया Read More