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श्रीलक्ष्मी द्वादस नामा स्तोत्रं (Sri Lakshmi Dwadasa Nama Stotram)

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“श्रीलक्ष्मी द्वादश नाम स्तोत्रम्” एक दिव्य स्तोत्र है जिसमें माँ लक्ष्मी के बारह पावन नामों का वर्णन किया गया है। ये नाम न केवल देवी लक्ष्मी के स्वरूप और गुणों को प्रकट करते हैं, बल्कि साधक के जीवन में धन, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य और शुभता की वर्षा भी करते हैं। यह स्तोत्र वैष्णव परंपरा में अत्यंत Read More

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श्रीमद दिव्या परशुराम अष्टकम स्तोत्रं (Srimad Divya-Parshuram Ashtakam Stotram)

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“श्रीमद् दिव्य-परशुराम अष्टक स्तोत्र” भगवान परशुराम को समर्पित एक अद्भुत स्तुति है, जिसमें उनके दिव्य स्वरूप, पराक्रम, करुणा और भक्तवत्सल स्वभाव का गहन वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों (अष्टक) में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान परशुराम की महानता, उनके अवतारी स्वरूप तथा राक्षसों और अधर्मियों के विनाश के लिए उनके Read More

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श्रीकृष्ण केशादिपदम वर्णमा स्तोत्रं (Srikrishna Keshadipadam Varnana Stotram)

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“श्रीकृष्ण की शादीपाद-वर्णन स्तोत्रम्” एक दिव्य स्तोत्र है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप की “केश से लेकर चरणों तक” अत्यंत सुंदर और भक्तिपूर्ण वर्णना की गई है। यह स्तोत्र श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य, माधुर्य और करुणा का ऐसा अद्भुत चित्र प्रस्तुत करता है, जो भक्त के मन को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस स्तोत्र में Read More

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श्रीकृष्ण कृत दुर्गा स्तोत्रं (Sri krishna Krit Durga Stotram)

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“श्रीकृष्ण कृतं दुर्गा स्तोत्रम्” एक दिव्य स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा देवी दुर्गा की स्तुति में रचा गया है। यह स्तोत्र देवी की महाशक्ति, करुणा, रक्षण और सृष्टि-संहार की क्षमताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन करता है। इसमें माँ दुर्गा को जगतजननी, मूलप्रकृति, त्रिगुणात्मिका, ज्ञान और शक्ति की अधिष्ठात्री बताया गया है। यह स्तोत्र न केवल Read More

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श्री सर्वाकर्षण भैरव स्तोत्र (Swarnakarshan Bhairav Stotra)

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स्वर्णाकर्षण भैरव भगवान शिव के भैरव स्वरूपों में से एक अत्यंत प्रभावशाली और चमत्कारी रूप माने जाते हैं। जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट है – “स्वर्णाकर्षण”, अर्थात जो सोने (धन) को आकर्षित करते हैं। इनकी आराधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है जो आर्थिक तंगी, दरिद्रता या व्यापारिक Read More

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श्री हनुमत स्तोत्रम् (Shri Hanumat Stotra)

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श्री हनुमत स्तोत्र एक अत्यंत प्रभावशाली और दिव्य संस्कृत स्तुति है, जिसकी रचना आदि शंकराचार्य जैसे महान संत और दार्शनिक ने की थी। यह स्तोत्र परम भक्त श्री हनुमान जी की महिमा का गान करता है, जो अपने आराध्य भगवान श्रीराम के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं। वे राम नाम का निरंतर जप करते हैं Read More

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श्री हनुमत पंचारात्नाम स्तोत्रं (Sri Hanumat Pancharatnam Stotram)

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श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र एक दिव्य स्तोत्र है जो भगवान श्री हनुमान जी की महिमा, सौंदर्य, भक्ति, पराक्रम और उनके अमर योगदान की स्तुति करता है। “पञ्चरत्न” का अर्थ है “पाँच रत्न” – इस स्तोत्र में पाँच मुख्य श्लोक हैं जो हनुमान जी के पाँच अमूल्य गुणों को उजागर करते हैं, और अंत में एक Read More

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श्री स्तोत्र (Shri Stotra)

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श्री स्तोत्र का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों विष्णु पुराण और अग्नि पुराण में मिलता है। ऐसा कहा गया है कि महर्षि पुष्कर ने परशुराम जी को बताया था कि भगवान इन्द्र ने देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उन्हें इन्द्रलोक में स्थिर करने हेतु इस स्तोत्र का पाठ किया था। इस स्तोत्र के प्रभाव से देवी Read More

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श्री सूर्य मंडल अष्टकम स्तोत्रं (Shri Surya Mandala-Ashtakam Stotram)

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“श्री सूर्यमंडल अष्टक स्तोत्रम्” एक अत्यंत शक्तिशाली एवं पवित्र स्तोत्र है जो भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। यह स्तोत्र सूर्य के दिव्य मंडल—अर्थात् उनके तेज, ज्योतिर्मय स्वरूप और सृजनात्मक शक्तियों—का स्तुति करता है। इसमें कुल ग्यारह श्लोक हैं, जिनमें प्रत्येक श्लोक “तत्सवितुर्वरेण्यम्” (जो गायत्री मंत्र का भी मुख्य भाग है) से जुड़ा हुआ है Read More

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श्री सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्रं (Shri Surya Pratah-Smaran Stotram)

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“श्री सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्रम्” एक प्राचीन वैदिक स्तोत्र है जो प्रातःकाल सूर्य भगवान के ध्यान, स्तुति और वंदन हेतु रचा गया है। इस स्तोत्र में भगवान सूर्य के तेज, स्वरूप, शक्तियों और उनके लोकहितकारी गुणों का सुंदर वर्णन किया गया है। इसे प्रातःकाल स्मरण करने से मनुष्य को स्वास्थ्य, शुद्धता, शक्ति, सफलता और आत्मिक Read More