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श्री ऋणमोचन मंगल स्तोत्र (Shri Rinmochan Mangal Stotra)

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श्री ऋणमोचक मंगल स्तोत्र भगवान मंगल (भौम) की कृपा प्राप्त करने हेतु एक अत्यंत प्रभावशाली स्तुति है। मंगल ग्रह शक्ति, साहस, भूमि, पराक्रम, क्रोध और समृद्धि का कारक माना गया है। यदि किसी व्यक्ति पर ऋण का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा हो, आय के स्रोत रुक गए हों, या जीवन में आर्थिक समस्याएं बनी Read More

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श्री अंगरक स्तोत्र (Shri Angarak Stotra)

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Shri Angarak Stotra (श्री अंगारक स्तोत्र) स्कंद पुराण से लिया गया एक दिव्य स्तोत्र है, जो मंगल ग्रह की शांति और अनुकूलता के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह स्तोत्र संस्कृत भाषा में रचा गया है और इसके ऋषि विरूपांगिरस हैं, देवता अग्नि हैं तथा छंद गायत्री है। इसका नियमित पाठ विशेष रूप से Read More

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षोडशी हृदय स्तोत्र (Shodashi Hridaya Stotra)

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षोडशी हृदय स्तोत्र” एक अत्यंत रहस्यमय और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो श्रीललिता त्रिपुरसुंदरी के परम दिव्य स्वरूप “षोडशी” की स्तुति में रचा गया है। इस स्तोत्र की रचना स्वयं भगवान शिव ने देवी पार्वती को बताई थी, जब उन्होंने कलियुग में धर्म-कर्म से विमुख हो चुके लोगों के उद्धार का उपाय पूछा। तब भगवान शिव Read More

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षोडशी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् (Shodashi Ashtottar Shatnam Stotram)

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“षोडशी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्” एक अत्यंत गोपनीय और शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसमें देवी त्रिपुरा सुन्दरी (षोडशी) के 108 दिव्य नामों का उल्लेख है। यह स्तोत्र देवी उपासना की श्री विद्या परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। इसमें देवी की सौंदर्य, शक्ति, ज्ञान, करुणा, और ब्रह्म स्वरूपा होने की महिमा का सुंदर वर्णन किया Read More

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षट्पदी स्तोत्र (Shatpadi Stotra)

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भारतीय संस्कृति में विवाह केवल एक सामाजिक अनुबंध नहीं, बल्कि आत्मा के स्तर पर एक गहरा और पवित्र बंधन है। हिंदू धर्म में इसे संस्कार माना गया है — जहाँ दूल्हा और दुल्हन सात वचनों के साथ जीवनभर की जिम्मेदारियों, कर्तव्यों और प्रेम की शपथ लेते हैं। इसी संदर्भ में षट्पदी — यानि छह पंक्तियों Read More

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शैलपुत्री देवी स्तोत्रं (Shailputri Devi Stotram)

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माँ शैलपुत्री नवदुर्गा के प्रथम स्वरूप हैं। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है। “शैल” का अर्थ होता है पर्वत और “पुत्री” अर्थात बेटी — इस प्रकार शैलपुत्री का अर्थ है पर्वतराज हिमालय की पुत्री। यह देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, जो पूर्व जन्म में सती थीं और अगले जन्म में Read More

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शुक्र स्तोत्रम् (Shukra Stotra)

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शुक्र ग्रह, जिसे संस्कृत में शुक्राचार्य कहा जाता है, नौ ग्रहों में से एक प्रमुख शुभ ग्रह माना गया है। यह ग्रह दैत्यों के गुरु हैं और जीवन में ऐश्वर्य, कला, प्रेम, सौंदर्य, विवाह और भोग-विलास से संबंधित सभी विषयों पर प्रभाव डालता है। ज्योतिषशास्त्र में शुक्र वृषभ (Taurus) और तुला (Libra) राशियों का स्वामी Read More

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शिवाष्टकम स्तोत्र (Shivashtakam Stotra)

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शिवाष्टकम स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने वाला अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। भगवान शिव को प्रसन्न करना अत्यंत सरल है, और जब वे प्रसन्न हो जाते हैं तो अपने भक्तों के सभी दुखों का अंत कर देते हैं। उनकी कृपा से जीवन के सभी कष्टों, दुखों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है तथा Read More

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शिवापराधक्षमा स्तोत्र (Shiv Apradh Kshamapan Stotra)

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शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अत्यंत प्रभावशाली प्रार्थना है, जिसमें भगवान शिव से जीवन में जाने-अनजाने में हुए पापों, दोषों और अपराधों के लिए क्षमा मांगी जाती है। यह स्तोत्र आत्म-स्वीकृति, पश्चाताप और शिव की करुणा को प्राप्त करने का एक दिव्य मार्ग है। इसमें भक्त अपने शारीरिक, मानसिक, वाणी, इंद्रियों Read More

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शिवमानस पूजा स्तोत्र (Shiv Manas Puja Stotra)

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शिव मानस पूजा स्तोत्र आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अत्यंत भावपूर्ण स्तोत्र है, जिसमें भक्त भगवान शिव की मानसिक पूजा (मन में की गई पूजा) का वर्णन करता है। यह स्तोत्र इस भाव को प्रस्तुत करता है कि यदि किसी के पास पूजा की सामग्री उपलब्ध न हो, तो भी वह केवल मन, श्रद्धा और Read More