
मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित छोटा-सा, किन्तु ऐतिहासिक एवं मनोहारी स्थान सैलाना (जिला रतलाम) हमें अपनी ओर आकर्षित करता है – और उसी में एक प्रमुख आकर्षण है “कीर्ति स्तंभ”। यह मीनार-नुमा स्मारक न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है, बल्कि राजा-रजवाड़े वाले समय की संस्कृति एवं गौरव का प्रतीक भी है। यहाँ आने पर एक शांति, इतिहास और प्रकृति का सुंदर संगम देखने को मिलता है।
रोचक बात यह है कि यह स्थल आज भी लोगों के लिए “छिपा खजाना” माना जाता है — जहाँ भीड़ कम, पर सौंदर्य अपार है।
विरूपाक्ष (बिल्केश्वर) महादेव मंदिर, रतलाम: एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल
इतिहास (History)
सैलाना राज्य की स्थापना लगभग 1736 में हुई थी। उस समय के शासकों ने अपनी राजधानी में कई स्थापत्य और धार्मिक संरचनाएँ बनवाईं। कीर्ति स्तंभ भी उन्हीं में से एक है।
“कीर्ति” शब्द का अर्थ है “यश” या “गौरव” — यह स्तंभ सैलाना रियासत के वैभव और उनके गौरव का प्रतीक माना जाता है।
कहा जाता है कि यह स्तंभ पुराने जैन मठों और धार्मिक आयोजनों से भी जुड़ा रहा है। समय के साथ-साथ यह अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है।
यहाँ क्या देखें (What to see here)
- स्तंभ की संरचना: यह एक ऊँचा, नक्काशीदार और आकर्षक स्तंभ है जिसमें सुंदर नक़्क़ाशी, आकृतियाँ और कई स्तरों का डिजाइन देखने को मिलता है।
- सीढ़ियाँ और दृश्य: इसमें लगभग 180 सर्पिल सीढ़ियाँ हैं जो ऊपर तक जाती हैं। ऊपर से सैलाना और उसके आसपास के पहाड़ी इलाके का अद्भुत नजारा दिखाई देता है।
- प्राकृतिक सौंदर्य: स्तंभ के चारों ओर हरियाली, पुराने बगीचे और शांत वातावरण का अनुभव किया जा सकता है।
- सावधानी: कुछ लोगों के अनुसार यहाँ मधुमक्खियों के छत्ते पाए जाते हैं, इसलिए ऊपर चढ़ते समय सावधानी बरतें।
- सुविधाएँ सीमित: यहाँ खाने-पीने या बैठने की सुविधाएँ बहुत कम हैं, इसलिए आवश्यक चीजें साथ लेकर जाएँ।
खरमौर वन्यजीव अभ्यारण्य, सैलाना
पता, समय और प्रवेश (Address, timings and admission)
- पूरा पता: एसएच-10, सैलाना, जिला रतलाम, मध्य प्रदेश 457550
- खुलने का समय: प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
कैसे पहुँचे (How to reach)
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: रतलाम जंक्शन (सैलाना से लगभग 20 किमी दूर)
- सड़क मार्ग: रतलाम से एसएच 10 या एनएच 927A के माध्यम से टैक्सी, ऑटो या निजी वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- दिल्ली/इंदौर/मुम्बई से: पहले रतलाम तक ट्रेन या बस से आएँ, फिर वहाँ से टैक्सी या जीप से सैलाना जाएँ।
- स्थानीय सुझाव: सुबह जल्दी निकलें ताकि दिन की गर्मी में चढ़ाई करना आसान रहे।
कब जाएँ (When to go)
- घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है, जब मौसम ठंडा और सुखद रहता है।
- यदि आप भीड़ से बचना चाहते हैं, तो सप्ताह के मध्य दिनों में जाना बेहतर रहेगा।
- शाम के समय यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य बहुत मनमोहक लगता है।
आस-पास के दर्शनीय स्थल (Nearby places of interest)
- कैक्टस गार्डन, सैलाना: यहाँ विश्व-भर की कैक्टस प्रजातियों का विशाल संग्रह है।
- सैलाना पैलेस: पुरानी रियासत का महल, जिसमें स्थापत्य कला और ऐतिहासिक वैभव झलकता है।
- खरमौर वन्यजीव अभयारण्य: यहाँ दुर्लभ पक्षी “लेसर फ्लोरिकन” देखने को मिलता है।
- स्थानीय मंदिर और मठ: सैलाना की आध्यात्मिक संस्कृति को नजदीक से देखने का अवसर मिलता है।
श्री रामेश्वर महादेव साई मंदिर, रतलाम — आस्था, अध्यात्म और शांति का संगम
ध्यान देने योग्य बातें (Things to note)
- सीढ़ियाँ संकरी और घुमावदार हैं, इसलिए सावधानी से चढ़ें।
- जूते मजबूत और फिसलन-रोधी पहनें।
- पानी और स्नैक्स साथ रखें, क्योंकि आसपास दुकानें कम हैं।
- मधुमक्खियों से सावधान रहें और बच्चों को अकेले ऊपर न जाने दें।
- स्वच्छता का ध्यान रखें और कचरा न फेंकें।
- मोबाइल नेटवर्क कुछ जगहों पर कमजोर हो सकता है।
विरूपाक्ष (बिल्केश्वर) महादेव मंदिर, रतलाम: एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल
सैलाना, रतलाम के कीर्ति स्तंभ की तस्वीरें (Images of Kirti Stumbh Sailana, Ratlam)
निष्कर्ष (Conclusion)
यदि आप रतलाम या आसपास के क्षेत्रों में हैं और इतिहास, स्थापत्य कला व प्रकृति के संगम का अनुभव करना चाहते हैं, तो कीर्ति स्तंभ, सैलाना एक शानदार गंतव्य है। यहाँ का वातावरण शांत, दृश्य आकर्षक और इतिहास जीवंत है — एक ऐसी जगह जहाँ समय ठहर-सा जाता है।
धोलावड़ बाँध, रतलाम — एक रोचक और रोमांचक यात्रानिर्देश




























































