
मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में रतलाम जिले के जावोरा कस्बे के बाहरी हिस्से में स्थित हुसैन टेकरी शरीफ दरगाह एक अनोखा धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल है, जहाँ हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय श्रद्धा और विश्वास के साथ आते हैं। यहाँ की हवा में रहस्य और भक्ति का अद्भुत संगम महसूस होता है। कहा जाता है कि यहाँ आने से व्यक्ति के भीतर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और मन को शांति मिलती है।
यह स्थान सिर्फ एक दरगाह नहीं बल्कि एक चमत्कारिक अनुभव है, जहाँ आस्था, रहस्य और एकता का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
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इतिहास (History)

इस दरगाह का निर्माण 19वीं शताब्दी में मोहम्मद इफ्तिखार अली खान बहादुर, जो जावोरा के नवाब थे, द्वारा कराया गया था।
कहानी के अनुसार, यहाँ एक बार रहस्यमय घुड़सवार आत्माएँ दिखाई दी थीं और अचानक एक तालाब बन गया था। इस घटना के बाद यह स्थान पवित्र माना गया।
दरगाह परिसर में कुल छह मजारें हैं — हज़रत फातिमा अल ज़हरा, इमाम हुसैन, हज़रत ज़ैनब, हज़रत अब्बास, हज़रत सकीना और इमाम अली की।
यहाँ “हाजिरी” नामक रस्में बहुत प्रसिद्ध हैं, जिनमें मानसिक परेशानियों और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए लोग आते हैं।
यह स्थान हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है और दोनों समुदायों के लोग यहाँ बड़ी श्रद्धा से आते हैं।
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देखने-योग्य स्थान (Places to visit)
- मुख्य परिसर – जहाँ छह प्रमुख मजारें स्थित हैं।
- छल्लों का पेड़ – श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने की आशा में यहाँ छल्ले बाँधते हैं।
- हाजिरी कक्ष – जहाँ मानसिक या आत्मिक शांति पाने के लिए विशेष रस्में होती हैं।
- चादर चढ़ाने का स्थान – भक्त अपनी श्रद्धा के प्रतीक स्वरूप चादर चढ़ाते हैं।
- स्थानीय मार्ग और बाजार – जावोरा के आस-पास का इलाका भी घूमने और स्थानीय जीवन को देखने लायक है।
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समय-सूची और प्रवेश (Timetable and Admission)
- खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 10:00 बजे तक
- प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
- विशेष अवसरों जैसे मुहर्रम और होलिका दहन के समय यहाँ भारी भीड़ रहती है। इन दिनों यात्रा की योजना पहले से बनाना उचित रहेगा।
पास में घूमने-योग्य स्थान (Places to visit nearby)
- रतलाम शहर – लगभग 40 किमी दूर स्थित यह शहर पर्यटन, भोजन और खरीदारी के लिए जाना जाता है।
- जावोरा का ग्रामीण इलाका – स्थानीय संस्कृति और बाजार देखने लायक हैं।
- मालवा क्षेत्र के अन्य धार्मिक स्थल – आसपास कई छोटे मंदिर और दरगाहें हैं जिनका भ्रमण किया जा सकता है।
कैसे पहुँचें (How to reach)
- रेलमार्ग से: नजदीकी रेलवे स्टेशन जावोरा रेलवे स्टेशन, जो दरगाह से लगभग 7.5 किमी दूर है।
- बस या सड़क मार्ग से: जावोरा बस स्टैंड से लगभग 6.5 किमी की दूरी पर स्थित है।
- वायुमार्ग से: नजदीकी एयरपोर्ट देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट (इंदौर) है, जो लगभग 176 किमी दूर है।
- निजी वाहन या टैक्सी से यात्रा सबसे सुविधाजनक मानी जाती है।
कब जाएँ (When to go)
- सर्वश्रेष्ठ समय: अक्टूबर से मार्च के बीच, जब मौसम सुहावना होता है।
- विशेष अवसरों पर: मुहर्रम और होलिका दहन के समय यहाँ विशेष रस्में और भीड़भाड़ देखने को मिलती है। यदि आप इस समय जाते हैं तो ठहरने की व्यवस्था पहले से कर लें।
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कुछ रोचक तथ्य (Some interesting facts)
- यह दरगाह “आध्यात्मिक अस्पताल” के रूप में प्रसिद्ध है। कई लोग यहाँ मानसिक और आत्मिक शांति पाने के लिए आते हैं।
- यहाँ हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय समान श्रद्धा से आते हैं — यह स्थान धर्म और मानवता की एकता का प्रतीक है।
- हर वर्ष हजारों श्रद्धालु यहाँ अपनी मुरादें लेकर आते हैं और “छल्ले बाँधने” या “हाजिरी” की रस्में निभाते हैं।
- होलिका दहन की रात को यहाँ विशेष “लोंबान” रस्म होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
पूरा पता (Full address)
हुसैन टेकरी शरीफ दरगाह
नीमच-महू रोड, जावोरा तहसील,
जिला रतलाम, मध्यप्रदेश – 457226, भारत।
श्री रामेश्वर महादेव साई मंदिर, रतलाम — आस्था, अध्यात्म और शांति का संगम




























































