अग्रसेन जयंती 2025 का पर्व इस वर्ष 22 सितंबर, सोमवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। यह दिन महाराजा अग्रसेन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो अग्रवाल और अग्रहरी समुदायों के आदि प्रवर्तक माने जाते हैं। उन्होंने समाज में समानता, अहिंसा, सहयोग और आर्थिक न्याय जैसे सिद्धांतों को स्थापित किया, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
यह पर्व हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास की चतुर्थी तिथि को आता है। इस दिन देशभर में, विशेष रूप से हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में, भव्य शोभायात्राएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पूजा-अर्चना, तथा सामाजिक सेवा के कार्य आयोजित किए जाते हैं।
कौपीन पंचकम (Kaupina Panchakam)
अग्रसेन जयंती केवल एक जन्मोत्सव नहीं, बल्कि यह समाज में भाईचारे, सहयोग और समान अधिकारों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। आइए, 2025 में हम इस पर्व को न केवल उत्सव के रूप में मनाएं, बल्कि महाराजा अग्रसेन के आदर्शों को भी अपने जीवन में उतारने का संकल्प लें।
अग्रसेन जयंती 2025: समरसता, समानता और सेवा का उत्सव
हर वर्ष की भांति, 2025 में भी अग्रसेन जयंती 22 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास की चतुर्थी तिथि को आता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में सितंबर-अक्टूबर के बीच पड़ती है ।
कृष्ण स्तोत्र (Krishna Stotra)
महाराजा अग्रसेन: एक युगपुरुष
महाराजा अग्रसेन सूर्यवंशी क्षत्रिय थे, जिन्होंने समाज की भलाई के लिए वैश्य धर्म को अपनाया। वे अग्रवाल और अग्रहरि समुदायों के पूर्वज माने जाते हैं। उनका शासनकाल सामाजिक न्याय, समानता और आर्थिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने प्रत्येक नए व्यापारी को एक ईंट और एक रुपया दान में देने की परंपरा शुरू की, जिससे समाज में सहयोग और भाईचारे की भावना बढ़ी ।
कमला स्तोत्रम् (Kamala Stotram)
पर्व का महत्व और आयोजन
अग्रसेन जयंती विशेष रूप से अग्रवाल, अग्रहरि, वैश्य और जैन समुदायों द्वारा मनाई जाती है। इस दिन विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
- भव्य शोभायात्राएं: नगरों में महाराजा अग्रसेन की झांकियां निकाली जाती हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: नृत्य, संगीत, नाटक आदि के माध्यम से उनके जीवन और शिक्षाओं को प्रस्तुत किया जाता है।
- सामाजिक सेवा: निःशुल्क चिकित्सा शिविर, रक्तदान, भोजन वितरण जैसे कार्य किए जाते हैं।
- धार्मिक अनुष्ठान: मंदिरों में विशेष पूजा और हवन का आयोजन होता है ।
कूर्म स्तोत्रम् (Kurma Stotram)
सरकारी मान्यता
अग्रसेन जयंती हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में राजकीय अवकाश के रूप में मान्यता प्राप्त है। इन राज्यों में सरकारी कार्यालय, स्कूल और अन्य संस्थान इस दिन बंद रहते हैं ।
कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotra)
आधुनिक संदर्भ में अग्रसेन जयंती
आज के समय में, अग्रसेन जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, आर्थिक समानता और सेवा भावना का प्रतीक बन गई है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज में सभी को समान अवसर और सम्मान मिलना चाहिए।
काशी पंचकम् स्तोत्र (Kashi Panchakam Stotra)
निष्कर्ष
अग्रसेन जयंती न केवल महाराजा अग्रसेन के जीवन और कार्यों का स्मरण है, बल्कि यह हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी देती है। आइए, इस अग्रसेन जयंती पर हम सभी समाज में समानता, भाईचारे और सेवा भावना को बढ़ावा देने का संकल्प लें।
काली ह्रदय स्त्रोत्र (Kali Hridaya Stotra)
काली पञ्चबाण स्तोत्र (Kali Panchbaan Stotra)
कालरात्रि देवी स्तोत्रं (Kaalratri Devi Stotram)
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