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श्री त्रिपुर सुंदरी स्तोत्रम् (Shri Tripura Sundari Stotram)

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त्रिपुरसुंदरी देवी को सौंदर्य, शक्ति और करुणा की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उन्हें “षोडशी” यानी सोलह वर्ष की अलौकिक कन्या भी कहा जाता है। त्रिपुरा का अर्थ होता है – तीन लोक या तीन नगर, और सुंदरि का अर्थ है – अति सुंदर नारी। इस तरह त्रिपुरसुंदरी का अर्थ हुआ – तीनों लोकों की Read More

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श्री गणेशा पंच्रात्नाम स्तोत्रं (Sri Ganesha Pancharatnam Stotram)

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“श्री गणेश पञ्चरत्नं स्तोत्रम्” एक अत्यंत प्रभावशाली और सुंदर स्तुति है जिसे आदिगुरु श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। इस स्तोत्र में भगवान गणेश के दिव्य स्वरूप, गुणों और कृपा का गान पाँच श्लोकों (इसलिए नाम “पञ्चरत्न” – पाँच रत्न) के माध्यम से किया गया है। प्रत्येक श्लोक में भगवान गणेश के विभिन्न Read More

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श्री गणेशा द्वादाशानमा स्तोत्रं (Shri Ganesha Dvadashanama Stotram)

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“श्रीगणेश द्वादश नाम स्तोत्रम्” एक अत्यंत पावन और प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश के बारह दिव्य नामों का उल्लेख किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ करने से साधक को श्रीगणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और उसके जीवन के समस्त विघ्न-बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों Read More

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श्री गणेशा अवतार स्तोत्रं (Shri Ganesha Avatara Stotram)

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“श्री गणेश अवतार स्तोत्रम्” एक अद्भुत और गूढ़ स्तोत्र है जो भगवान श्री गणेश जी के विभिन्न अवतारों का वर्णन करता है। इसे “आङ्गिरस ऋषि” द्वारा कहा गया है और इसमें गणपति के आठ प्रमुख अवतारों — जैसे वक्रतुण्ड, एकदन्त, महोदर, गजानन, लम्बोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण — की महिमा का विस्तार से वर्णन किया Read More

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श्री गणेश प्रातः समरणं स्तोत्रं (Shri Ganesh Pratah-Smaranam Stotram)

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“श्रीगणेश प्रातः स्मरणम् स्तोत्र” एक अत्यंत मंगलकारी स्तोत्र है जिसकी रचना प्राचीन काल में श्री गणेश जी के गुणगान के लिए की गई थी। इस स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से प्रातःकाल किया जाता है, जब मन शांत और पवित्र होता है। यह स्तोत्र केवल तीन श्लोकों का है, परंतु इसका प्रभाव अत्यंत व्यापक और Read More

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श्री गणपति स्तव: (Shri Ganapati Stavaha)

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श्री गणपति स्तव एक अत्यंत प्रभावशाली और पावन स्तोत्र है, जो भगवान गणेश की महिमा, शक्ति और करुणा का सार है। इसमें केवल आठ श्लोक हैं, परंतु इसका प्रभाव अत्यंत गहन है। यह स्तव मुख्यतः बुद्धि, स्मृति, सफलता, संकट नाश और आध्यात्मिक जागृति के लिए पढ़ा जाता है। विशेषकर 12 वर्ष से कम आयु के Read More

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श्री गंगा महिम्ना स्तोत्रं (Shri Ganga Mahimna Stotram)

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श्री गंगा महिमा स्तोत्र एक अत्यंत पावन और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो गंगा माता की दिव्यता, महिमा और कृपा का विस्तृत गुणगान करता है। यह स्तोत्र न केवल एक भक्तिपूर्ण स्तुति है, बल्कि आत्मशुद्धि, पापों के प्रक्षालन, और मोक्ष की प्राप्ति का साधन भी है। इसे देवगिरि आचार्य द्वारा रचित माना गया है। गंगा नदी Read More

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श्री कृष्णा लीला वर्णन स्तोत्रं (Shri Krishna-Leela Varnana Stotram)

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“श्री कृष्णलीला वर्णन स्तोत्रम्” भगवान श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं का भावपूर्ण और प्रभावशाली स्तुति-संग्रह है, जिसमें उनके बाल्यकाल से लेकर ब्रह्मलीन होने तक की दिव्य कथाएँ संक्षेप में वर्णित हैं। यह स्तोत्र श्रीकृष्ण के अवतरण, राक्षसों के संहार, गोपियों संग रासलीला, कंस वध, नरकासुर मर्दन, द्वारका की स्थापना, और महाभारत युद्ध में उनकी भूमिका जैसे Read More

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श्री कृष्णा माणसा पूजा स्तोत्रं (Sri Krishna Manasa Puja Stotram)

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“श्रीकृष्ण मानस पूजा स्तोत्रम्” एक अद्भुत भक्ति स्तोत्र है जिसमें भक्त अपने मन के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करता है। यह स्तोत्र वैदिक पूजा के उन तत्वों को समाहित करता है जिन्हें शुद्ध भावनाओं के साथ केवल “मन” द्वारा अर्पित किया जाता है — जैसे पाद्य (पैर धोना), अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, तिलक, Read More

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श्री कृष्णा कीलक स्तोत्र (Shree Krishna Keelak Stotra)

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श्रीकृष्ण कीलक स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को मानसिक शांति, आत्मिक बल और जीवन में शुभ फल प्रदान करता है। इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक पढ़ने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ 31 बार करने से मन एकाग्र होता है, विचारों में Read More