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श्री नृसिंहगिरि अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्रम् (Sri Narasimhagiri Ashtottara-Shatanama Stotram)

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“श्री नृसिंहगिरि अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्रम्” एक अत्यंत पवित्र एवं प्रभावशाली स्तोत्र है जिसमें भगवान नृसिंहगिरि जी महाराज के 108 दिव्य नामों का स्तवन किया गया है। यह स्तोत्र उन महान संत एवं आचार्य की महिमा का गुणगान है जिन्होंने वेद, उपनिषद, वेदांत, और अद्वैत दर्शन की गहराइयों में उतरकर आध्यात्मिक ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया। इस Read More

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श्री नारायण स्तोत्र (Narayana Stotra)

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नारायण स्तोत्र भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित एक अत्यंत पावन और प्रभावशाली स्तुति है। यह स्तोत्र भक्तों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है क्योंकि इसमें भगवान विष्णु के दिव्य स्वरूप, करुणा, और लीला का सुंदर वर्णन किया गया है। “नारायण” नाम स्वयं में सम्पूर्ण ब्रह्मांड का सार लिए हुए है और श्रीहरि विष्णु के Read More

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श्री नवनाग स्तोत्र (Shree Navnaag Stotra)

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Shri Navnaag Stotra (श्री नवनाग स्तोत्र) एक शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है जो नौ महान नागों के नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र न केवल नाग दोष, कालसर्प दोष, और राहु-केतु दोष से मुक्ति दिलाता है, बल्कि शत्रु बाधा, नजर दोष, और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा भी प्रदान करता है। यह मंत्र उन सभी Read More

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श्री नरसिम्हा प्राप्ति स्तोत्रं (Sri Narsimha Prapatti Stotram)

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“प्रपत्ति” का अर्थ होता है — पूर्ण समर्पण।“श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र” एक अत्यंत भावनात्मक और संक्षिप्त स्तोत्र है, जिसमें भक्त अपने जीवन के हर संबंध और सुरक्षा के लिए केवल भगवान नृसिंह को ही आधार मानता है। यह स्तोत्र न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मसमर्पण की चरम अवस्था को दर्शाता है। इस Read More

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श्री नरसिम्हा पंचामरुथा स्तोत्रं (Sri Narasimha Panchamrutha Stotram)

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“श्री नृसिंह पंचामृत स्तोत्र” एक दिव्य स्तोत्र है, जिसकी रचना स्वयं भगवान श्रीराम ने अहोबिल क्षेत्र में भगवान नृसिंह की स्तुति करते समय की थी। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के उग्र और रक्षक स्वरूप श्री नृसिंह भगवान की महिमा का सार है, जिसे “पंचामृत” अर्थात पाँच अमृततुल्य श्लोकों के रूप में वर्णित किया गया है। Read More

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श्री दशावतार स्तोत्रम् (Shri Dasavatara Stotra)

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श्री जयदेव कृत श्री दसावतार स्तोत्र भगवान विष्णु के दस महान अवतारों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र न केवल दिव्य काव्य है, बल्कि हर श्लोक में धर्म, शक्ति और दैवीय कार्यों का वर्णन है जो भगवान ने समय-समय पर अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए किए। यह स्तोत्र गीत-गोविंद नामक प्रसिद्ध Read More

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श्री दधि वामन स्तोत्रं (Sri Dadhi Vamana Stotram)

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श्री दधि वामन स्तोत्रम् एक अद्भुत स्तुति है जो भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित है। वामन भगवान विष्णु का पाँचवाँ अवतार माने जाते हैं, जो त्रेता युग में दैत्यराज बलि के अहंकार को शांत करने हेतु ब्रह्मचारी बालक के रूप में अवतरित हुए थे। यह स्तोत्र विशेष रूप से दधि (दही) और अन्न Read More

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श्री दत्तात्रेय स्तोत्र (Shri Dattatreya Stotra)

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भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश — त्रिदेवों के संयुक्त अवतार के रूप में पूजा जाता है। “दत्तात्रेय” नाम दो शब्दों से मिलकर बना है — “दत्त” अर्थात् दिया हुआ और “आत्रेय” अर्थात् महर्षि अत्रि के पुत्र। भगवान दत्तात्रेय का जन्म महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया के तप से हुआ था। उनके तीन मुख Read More

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श्री दत्तात्रेय अपराध क्षमापन स्तोत्र (Shri Dattatreya Apradh Kshamapan Stotra)

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भगवान दत्तात्रेय त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु और शिव — के संयुक्त अवतार हैं। वे ज्ञान, योग, भक्ति और तप की मूर्ति माने जाते हैं। “दत्तात्रेय” नाम दो भागों से बना है: “दत्त” यानी जिन्होंने स्वयं को समर्पित कर दिया, और “आत्रेय” यानी अत्रि ऋषि के पुत्र। उनका स्वरूप तीन मुख और छह भुजाओं वाला होता Read More

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श्री त्रिपुरिसुन्दारी वेदसारा स्तोत्रं (Sri Tripurasundari Vedasara Stotram)

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श्री त्रिपुरसुंदरी वेदसार स्तोत्रम् एक अत्यंत पावन और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो आदिशक्ति माँ त्रिपुरसुंदरी की महिमा का सार प्रस्तुत करता है। यह स्तोत्र वेदों के सार को समेटे हुए, शक्ति की परम रूपा श्री ललिता त्रिपुरसुंदरी के विभिन्न दिव्य स्वरूपों, गुणों और लीलाओं का गुणगान करता है। माँ त्रिपुरसुंदरी को त्रिलोकसुंदरी, श्रीविद्या स्वरूपिणी, राजराजेश्वरी, Read More