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श्री मंगलचरण स्तोत्र (Shri Mangla Charan Stotra)

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“श्री मंगलाचरण स्तोत्र” एक पवित्र स्तुति है, जो परमात्मा और गुरु की वंदना से आरंभ होती है। यह स्तोत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है, बल्कि यह मन, वाणी और आत्मा को भी शुद्ध करता है। इसे वैष्णव परंपरा में विशेष स्थान प्राप्त है, और यह भक्त को श्री चैतन्य महाप्रभु, राधा-कृष्ण और उनके Read More

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श्री भगवाच्छरण स्तोत्रम् (Shri Bhagavachharana Stotra)

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“श्री भगवच्छरण स्तोत्र” एक अत्यंत भावपूर्ण और आत्मनिरीक्षण से युक्त स्तोत्र है, जो मानव जीवन की क्षणभंगुरता, सांसारिक मोह के बंधनों, और आत्मा की परम सत्य की ओर उन्मुख होने की आवश्यकता को उजागर करता है। यह स्तोत्र न केवल एक प्रार्थना है, बल्कि एक साधक की आत्मस्वीकृति भी है, जहाँ वह अपनी भूलों, असमर्थताओं Read More

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श्री भगवती देवी स्तोत्रम् (Shri Bhagwati Devi Stotram)

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श्री भगवती देवी स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है जो देवी दुर्गा, शक्ति और भगवती को समर्पित है। माँ भगवती ममतामयी होती हैं, वे सदैव अपने भक्तों पर करुणा बरसाती हैं। जैसे एक माँ अपने बच्चों पर स्नेह रखती है, वैसे ही भगवती देवी भी अपने शरणागत भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। श्री Read More

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श्री प्रह्लाद कृतं गणेशा स्तोत्रं (Shri Prahlad Kritam-Ganesha Stotram)

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“श्री प्रह्लाद कृत गणेश स्तोत्र” एक दुर्लभ और गूढ़ तात्त्विक स्तोत्र है, जिसकी रचना भक्त प्रह्लाद जी ने भगवान गणेश की उपासना करते हुए की थी। यह स्तोत्र न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि गहन योगदर्शन, चित्तवृत्तियों, माया और मोक्ष के रहस्यों को भी अत्यंत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करता है। प्रह्लाद, जिन्हें भगवान Read More

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श्री प्रपन्न गीतम (Shri Prapanna Gitam)

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‘प्रपन्न’ शब्द संस्कृत का है, जिसका अर्थ होता है – पूर्णतः समर्पित व्यक्ति। वैदिक और भक्ति परंपराओं में यह मान्यता है कि जो व्यक्ति मन, वचन और कर्म से ईश्वर के चरणों में पूरी तरह समर्पित हो जाता है, वही सच्चा प्रपन्न कहलाता है। श्री रामानुजाचार्य जैसे महान आचार्यों ने भी इस ‘प्रपत्ति मार्ग’ को Read More

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श्री पांडुरंग स्तोत्र (Shri Pandurang Stotra)

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“श्री पांडुरंग स्तोत्र” एक अत्यंत भावपूर्ण और भक्ति से परिपूर्ण स्तोत्र है जो भगवान श्री पांडुरंग विट्ठल की स्तुति में रचा गया है। इसे प्रसिद्ध संत दासगणु महाराज ने रचा था, जो संत तुकाराम, नामदेव, ज्ञानेश्वर, एकनाथ आदि महान संतों की परंपरा से प्रभावित थे। यह स्तोत्र भगवान श्री पांडुरंग की महिमा, उनके विभिन्न अवतारों, Read More

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श्री परशुराम अशोत्तारा शातानमा स्तोत्रं (Shri Parashuram Ashtottara-Shatanama Stotram)

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श्री परशुराम अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्रम् भगवान परशुराम जी के 108 पवित्र नामों से युक्त एक दिव्य स्तोत्र है, जिसमें उनके तेजस्वी, पराक्रमी, ब्रह्मतेजयुक्त और भक्तवत्सल स्वरूप का गुणगान किया गया है। यह स्तोत्र न केवल भगवान परशुराम के विभिन्न रूपों और शक्तियों का वर्णन करता है, बल्कि उनके जीवन के महान कार्यों – जैसे क्षत्रियों के Read More

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श्री परशुराम स्तोत्र (Shri Parshuram Stotram)

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श्री परशुराम स्तोत्र एक शक्तिशाली स्तुति है जो भगवान परशुराम की महिमा का गान करती है। भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार हैं, जिन्हें क्रोध, न्याय, धर्म और ब्राह्मण तेज का प्रतीक माना जाता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उनकी पराक्रम, तपस्या, ज्ञान, और धर्म की रक्षा के लिए किए गए कार्यों का वर्णन Read More

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श्री नृसिंहगिरि अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्रम् (Sri Narasimhagiri Ashtottara-Shatanama Stotram)

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“श्री नृसिंहगिरि अष्टोत्तर-शतनाम स्तोत्रम्” एक अत्यंत पवित्र एवं प्रभावशाली स्तोत्र है जिसमें भगवान नृसिंहगिरि जी महाराज के 108 दिव्य नामों का स्तवन किया गया है। यह स्तोत्र उन महान संत एवं आचार्य की महिमा का गुणगान है जिन्होंने वेद, उपनिषद, वेदांत, और अद्वैत दर्शन की गहराइयों में उतरकर आध्यात्मिक ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया। इस Read More

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श्री नारायण स्तोत्र (Narayana Stotra)

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नारायण स्तोत्र भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित एक अत्यंत पावन और प्रभावशाली स्तुति है। यह स्तोत्र भक्तों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है क्योंकि इसमें भगवान विष्णु के दिव्य स्वरूप, करुणा, और लीला का सुंदर वर्णन किया गया है। “नारायण” नाम स्वयं में सम्पूर्ण ब्रह्मांड का सार लिए हुए है और श्रीहरि विष्णु के Read More