
मध्य प्रदेश का देवास जिला अपनी आध्यात्मिक पहचान के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। इन्हीं प्राकृतिक धरोहरों में से एक है ख्योनी वन्यजीव अभयारण्य, जहाँ हरियाली, रहस्यमयी जंगल, दुर्लभ पक्षी और जंगली जीव मिलकर एक अद्भुत अनुभव कराते हैं। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और रोमांच यात्रियों दोनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
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ख्योनी अभयारण्य का परिचय (Introduction)
ख्योनी वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के देवास और सीहोर जिलों की सीमाओं पर फैला हुआ है। यह लगभग 132 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला एक घना वन क्षेत्र है, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां का वातावरण शांत, रहस्यमय और रोमांच से भरा होता है — जैसे प्रकृति स्वयं यहाँ ध्यानमग्न होकर सांस ले रही हो।
स्थापना और इतिहास (Establishment & History)

ख्योनी वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1955 में की गई थी। यह क्षेत्र पहले एक आरक्षित वन था, जहाँ वन्य जीवों की बढ़ती संख्या और पारिस्थितिक महत्व को देखते हुए इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया।
वर्षों से यहाँ के जंगलों में वन्यजीवों की विविधता बढ़ी है, और अब यह मध्य प्रदेश के प्रमुख संरक्षण क्षेत्रों में से एक बन चुका है।
स्थानीय लोगों की मान्यता है कि “ख्योनी” नाम यहाँ के एक पुराने गाँव से पड़ा, जो इस अभयारण्य के भीतर स्थित था और बाद में प्राकृतिक संरक्षण के चलते विस्थापित कर दिया गया।
वन्यजीव और पक्षी जीवन (Wildlife & Birdlife)
यह अभयारण्य शेर या बाघ के लिए तो नहीं, लेकिन यहाँ के जंगलों में आपको तेंदुआ, नीलगाय, सांभर, चीतल, लोमड़ी, सियार, जंगली सूअर, खरगोश और कई दुर्लभ जीव देखने को मिलते हैं।
इसके अलावा, यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है — यहाँ मोर, मोरनी, किंगफिशर, ड्रोंगो, उल्लू, तोते आदि की कई प्रजातियाँ निवास करती हैं।
सर्दियों के मौसम में यहाँ प्रवासी पक्षी भी बड़ी संख्या में आते हैं, जिससे यह स्थान और भी जीवंत हो उठता है।
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जंगल और प्राकृतिक सौंदर्य (Nature & Landscape)

ख्योनी का जंगल साल, सागौन, तेंदू, बांस, बेल, आंवला और जामुन जैसे पेड़ों से भरा हुआ है।
यहाँ के घुमावदार रास्ते, ऊँची-नीची पहाड़ियाँ और झरनों की मधुर ध्वनि मन को मंत्रमुग्ध कर देती है।
बरसात के मौसम में जब जंगल हरियाली की चादर ओढ़ लेता है, तब यह दृश्य किसी चित्रकार की जीवंत पेंटिंग जैसा प्रतीत होता है।
ट्रेकिंग और जंगल सफारी (Trekking & Jungle Safari)
अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं, तो ख्योनी अभयारण्य आपके लिए एक बेहतरीन जगह है।
यहाँ आप जंगल सफारी या ट्रेकिंग का मज़ा ले सकते हैं।
ख्योनी के अंदर कई पगडंडियाँ हैं जो आपको जंगल की गहराइयों में ले जाती हैं — जहाँ केवल पक्षियों की आवाज़ें और पत्तों की सरसराहट सुनाई देती है।
यह अनुभव आपको प्रकृति के साथ जुड़ने का एक अनोखा एहसास देता है।
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समय और प्रवेश शुल्क (Timings & Entry Fee)
खुलने का समय: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
सफारी समय:
- सुबह 6:00 बजे से 10:00 बजे तक
- शाम 3:00 बजे से 6:00 बजे तक
प्रवेश शुल्क: लगभग ₹50 प्रति व्यक्ति (विदेशी पर्यटक के लिए ₹300 तक)
सफारी शुल्क: ₹1000–₹1500 (वाहन और गाइड सहित, समय और सीजन के अनुसार बदल सकता है)
सुझाव: मानसून के दौरान (जुलाई–सितंबर) में कभी-कभी सफारी बंद रहती है, इसलिए यात्रा से पहले समय की पुष्टि कर लें।
ख्योनी पहुँचने का रास्ता (How to Reach)
निकटतम शहर: देवास (लगभग 45 किमी)
निकटतम रेलवे स्टेशन: देवास रेलवे स्टेशन
निकटतम हवाई अड्डा: इंदौर एयरपोर्ट (लगभग 85 किमी)
सड़क मार्ग: देवास या सीहोर से टैक्सी या निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से सफर करते समय रास्ते में हरे-भरे खेत और छोटे गाँव एक अलग ही ग्रामीण सौंदर्य का अनुभव कराते हैं।
घूमने का सही समय (Best Time to Visit)
ख्योनी अभयारण्य घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है।
इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, और वन्यजीव भी अधिक सक्रिय दिखाई देते हैं।
मानसून के बाद यहाँ की हरियाली और झरनों की सुंदरता अपने चरम पर होती है।
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आसपास के दर्शनीय स्थल (Nearby Attractions)
अगर आप ख्योनी घूमने आए हैं, तो इसके आसपास भी कई दिलचस्प स्थान हैं जिन्हें जरूर देखना चाहिए
- देवास टेकरी (माँ चामुंडा और तुलजा भवानी मंदिर) – लगभग 45 किमी दूर, देवास शहर की पहचान।
- सीहोर का हनुमान टेकरा मंदिर – सुंदर वातावरण और धार्मिक महत्त्व वाला स्थान।
- इंदौर शहर – आधुनिकता और परंपरा का संगम, यहाँ राजवाड़ा, सराफा बाज़ार और कांच मंदिर प्रसिद्ध हैं।
- उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर) – ख्योनी से लगभग 100 किमी दूर, भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक।
यात्रा गाइड (Travel Guide)
रहने की व्यवस्था: ख्योनी के पास कुछ इको-कैंप और फॉरेस्ट रेस्ट हाउस हैं। पहले से बुकिंग करवाना उचित रहता है।
स्थानीय भोजन: आसपास के गाँवों में देसी व्यंजन जैसे दाल-बाटी, मक्का रोटी, और सब्जियाँ उपलब्ध हैं।
यात्रा सुझाव:
- हल्के कपड़े और पानी की बोतल साथ रखें।
- कैमरा या दूरबीन जरूर लें।
- जंगल सफारी के दौरान शांति बनाए रखें और गाइड के निर्देशों का पालन करें।
- बारिश के मौसम में वाहन के लिए चार-पहिया ड्राइव बेहतर रहता है।
पता और गूगल मैप (Address & Google Map)
पता:
ख्योनी वन्यजीव अभयारण्य,
ख्योनी गाँव, तहसील तोंकखुर्द,
जिला देवास, मध्य प्रदेश – 455001
खियोनी वन्यजीव अभयारण्य, देवास की तस्वीरें (Images of Kheoni Wildlife Sanctuary, Dewas)
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निष्कर्ष (Conclusion)
ख्योनी वन्यजीव अभयारण्य केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह प्रकृति की गोद में शांति और रोमांच दोनों का संगम है।
यदि आप शहर के शोरगुल से दूर किसी शांत, रहस्यमयी और सुंदर जगह की तलाश में हैं, तो ख्योनी अभयारण्य आपकी यात्रा सूची में अवश्य होना चाहिए।
यहाँ हर पेड़, हर आवाज़ और हर हवा का झोंका आपको यही कहता है —
“प्रकृति से जुड़ो, क्योंकि वही जीवन का असली रूप है।”
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