
जनून, रहस्य और पौराणिक ऊर्जा — चौसठ योगिनी माता मंदिर आगर-मालवा में कुछ ऐसा ही अनुभव कराता है। यह लेख रोचक और रोमांचक अंदाज़ में लिखा गया है ताकि आप मंदिर की आत्मा महसूस कर सकें: इसका परिचय, इतिहास, वास्तुकला, प्रमुख देवता-देवियाँ, पूजा-पाठ, त्यौहार, यात्रा-जानकारी और आसपास देखने लायक स्थान — सब कुछ वास्तविक स्रोतों के आधार पर।
परिचय — एक खुला आकाश और देवी की मंडली (Introduction—An Open Sky and a Circle of Goddesses)
चौसठ योगिनी मंदिर परम्परागत योगिनी मन्दिरों जैसा ही है: गोल चकर में प्राकृतिक चबूतरे और छोटी-छोटी मण्डपों की पंक्ति — 64 (या आस-पास की संख्या) योगिनियों के लिए बने आसनों/घरो के साथ। यह मंदिर सूईगाँव गाँव के पास, नलखेड़ा-रोड पर, आगरा नगर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर घने खेतों और खैर के पेड़ों के बीच स्थित है।
इतिहास — कितनी पुरानी और क्यों खास? (History – How old and why is it special?)

स्थानीय और आधिकारिक सूचनाओं के अनुसार यह एक प्राचीन मंदिर है — जिले की आधिकारिक जानकारी में इसे ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के रूप में दर्शाया गया है और बताया गया है कि यह सुगीगाँव के पास, नलखेड़ा मार्ग पर जंगल के भीतर स्थित है। यहाँ का सटीक निर्माण-वर्ष अभी तक निश्चित नहीं है, लेकिन इसे प्राचीन हिन्दू-तांत्रिक परंपराओं से जुड़ा माना जाता है।
माँ तुलजा भवानी मंदिर, आगर-मालवा (Maa Tulja Bhavani Mandir, Agar-Malwa)
वास्तुकला — खोल कर रख दी गई छत, गोल संरचना और छोटी-छोटी कीर्तियाँ (Architecture – hipped roof, circular structure and small niches)
योगिनी मंदिरों की विशिष्टता यह है कि वे आम तौर पर खुले आकाश वाले होते हैं — यानी मन्दिर का आंगन ऊपर खुला रहता है। चौसठ योगिनी मंदिर वृत्ताकार दीवारों से बना है जिनमें 64 खांचें होती हैं, हर खांचे में एक योगिनी की मूर्ति या चिह्न होता है। आगरा-मालवा के इस मंदिर की रचना भी पारंपरिक योगिनी-आकृति के अनुरूप मानी जाती है — गोलाकार परिधि, आंतरिक खुला आंगन और चारों ओर छोटे-छोटे मण्डप।
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मन्दिर के भीतर — मुख्य देवता और अन्य देव-देवियाँ (Inside the temple – the main deity and other gods and goddesses)
यह मंदिर ‘चौसठ योगिनी माता’ के नाम से प्रसिद्ध है — यानी मुख्य रूप से योगिनी-देवियों (महाशक्तियों) की साधना और पूजा का केन्द्र। स्थानीय श्रद्धा के अनुसार यहां माता-आस्था प्रबल है और स्थानिक रूप में देवी (माँ) की उपासना होती है।
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पूजा-पाठ, आरती और भजन (Worship, Aarti and Bhajan)
- यहाँ सुबह-शाम आरती होती है और स्थानीय पुजारी पूजा करवाते हैं।
- विशेष अवसरों (खासतौर पर नवरात्रि) पर मंदिर में भजन-कीर्तन, विशेष आरती और स्थानीय मेले/भंडारे होते हैं।
मंदिर में होने वाले कार्यक्रम और त्यौहार (Events and festivals held at the temple)
- प्रमुख: नवरात्रि — विशेष पूजा, रात्रि भजन और श्रद्धालुओं का सैलाब।
- स्थानीय मेलों/समारोह: त्योहारों और मेलों के दौरान यह स्थल और भी आकर्षक हो जाता है।
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मंदिर के खुलने-बंद होने का समय (Opening and closing times of the temple)
आम तौर पर यह मंदिर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है। इसलिए भ्रमण की योजना बनाते समय सुबह से शाम तक को मानक समय मानें और स्थानीय पुजारी से पुष्टि कर लें।
आसपास देखने-लायक स्थान (Places to visit nearby)
- आसपास के गाँवों और छोटे मंदिरों में लोक-धार्मिक आस्था से जुड़े स्थल।
- आगरा-मालवा शहर में तालाब और अन्य धार्मिक स्थान।
बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर, आगर मालवा (Baba Baijnath Mahadev Temple, Agar Malwa)
मंदिर कब जाएँ — सबसे अच्छा समय और सुझाव (When to visit the temple – best time and tips)
- सर्वोत्तम मौसम: अक्टूबर से मार्च (सर्दियों का माह) — इस समय मौसम सुहावना रहता है।
- त्योहार: नवरात्रि के समय आने पर उत्सव का अनुभव जीवंत होता है।
- सुझाव: आरामदायक जूते, पानी और मौसम अनुसार इंतज़ाम करें।
मंदिर तक कैसे पहुँचे (How to reach the temple)
- नज़दीकी गांव: सुगीगाँव — मंदिर गाँव से लगभग 1 किलोमीटर दूर है।
- सड़क द्वारा: आगरा नगर सड़क मार्ग से जुड़ा है। टैक्सी या बस से सुगीगाँव पहुँचकर मंदिर तक जाया जा सकता है।
- नज़दीकी रेलवे स्टेशन: उज्जैन (~68 किमी)।
- नज़दीकी हवाई अड्डा: इंदौर (देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट) ~126 किमी।
मंदिर का पता (Full Address)
चौसठ योगिनी माता मंदिर, सुगीगाँव के पास, नलखेड़ा रोड, आगरा-मालवा जिला, मध्यप्रदेश, भारत।
चौसठ योगिनी मंदिर, आगर मालवा की तस्वीरें (Images of Chausth Yogini temple, Agar Malwa)
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