यह आरती भूख और अभाव से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ आर्थिक स्थिरता और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है।
तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Aarti)
माँ अन्नपूर्णा आरती का महत्व (Importance of Maa Annapurna Aarti)
माँ अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय देवी हैं, जो जगदंबा के एक स्वरूप के रूप में संसार का भरण-पोषण करती हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है—अन्न प्रदान करने वाली देवी। उनके आशीर्वाद से ही सृष्टि का संतुलन बना रहता है और जीवन की आवश्यकताएँ पूर्ण होती हैं।
जो भक्त नित्य श्रद्धा और भक्ति भाव से माँ अन्नपूर्णा की आरती करता है, उसे उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनकी कृपा से उसके घर में कभी भी अन्न, धन और समृद्धि की कमी नहीं होती। माँ अन्नपूर्णा की आरती करने से दुःख, दरिद्रता और कष्ट दूर होते हैं, और घर-परिवार में सदा सुख-शांति बनी रहती है। तो आइए, माँ अन्नपूर्णा की आरती का पाठ करें और उनके दिव्य आशीर्वाद का लाभ प्राप्त करें।
सोमवार की आरती (Somvaar ki Aarti)
अन्नपूर्णा जी की आरती (Annapurna ji ki aarti)
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम ।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम ।
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम ।
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
देवि देव! दयनीय दशा में, दया-दया तब नाम ।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल, शरण रूप तब धाम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या, श्री क्लीं कमला काम ।
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी, वर दे तू निष्काम ॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम ।
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