निर्माण, उद्योग और शिल्प में उन्नति का आशीर्वाद
भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम इंजीनियर और दिव्य वास्तुकार माना जाता है। इसलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन कारखानों, फैक्ट्रियों, दुकानों और कार्यालयों में मशीनों व औजारों की विशेष पूजा की जाती है।
रिद्धि सिद्धि प्रदाये श्री विघ्नेश्वराय नम: (Riddhi Siddhi Pradaye Shri Vighneshwaray Namah)
श्री विश्वकर्मा जी की आरती का महत्व
जो भी व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान विश्वकर्मा जी की आरती करता है, उसे सुख, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नित्य आरती करने से व्यक्ति को धन-बल, ज्ञान और विवेक का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यापार में उन्नति होती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। विशेष रूप से निर्माण, उद्योग और शिल्प से जुड़े लोगों के लिए यह आरती अत्यंत शुभ मानी जाती है, क्योंकि इससे कार्य में सिद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
ओम सिद्धि वराय नमः (Om Siddhi Varaya Namah)
श्री विश्वकर्मा आरती
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत सगरी हरी ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपति पावे ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥
ॐ अर्यमायै नमः (Om Aryamayai Namah)
वाराही गायत्री मंत्र (Varahi Gayatri Mantra)
Om Varahi Namaha (ॐ वाराही नमः)
Om Varahaya Namaha (ॐ वराहाय नमः)