सोमवार व्रत आरती के माध्यम से भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
बगलामुखी मूल मंत्र (Baglamukhi Mool mantra):
सोमवार व्रत आरती का महत्व (Importance of Monday Vrat Aarti)
भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए सोमवार का दिन विशेष माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ महादेव की पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है।
कनकधारा स्तोत्र (Kanakdhara stotra)
भगवान शिव की आरती का प्रभाव (Effect of Lord Shiva’s Aarti)
- सोमवार के दिन शिव जी की आरती करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
- शिव आराधना से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- नियमित रूप से भगवान शिव की आरती करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है।
श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiva Panchakshara Stotra)
भगवान शिव की अनुकंपा प्राप्त करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए, प्रत्येक सोमवार को श्रद्धा और भक्ति से “ॐ जय शिव ओंकारा” आरती का पाठ करें।
श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र (Shri Hanuman Vadvanal Stotra)
सोमवार की आरती: ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगें ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जग कर्ता जगभर्ता जग संहारकर्ता ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
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