श्री कुंजबिहारी जी की आरती का महत्व (Importance of Shri Kunjbihari Ji’s Aarti)
आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra)
यह आरती विशेष रूप से उन भक्तों के लिए शुभ मानी जाती है जो प्रेम, आनंद और शांति की तलाश में हैं। इसके नियमित पाठ से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
श्री विश्वकर्मा आरती (Shri Vishwakarma Aarti)
ऐसा कहा जाता है कि कोई भी पूजा आरती के बिना पूर्ण नहीं होती। उत्तर भारत में श्री कुंजबिहारी जी, अर्थात भगवान श्री कृष्ण की आरती का विशेष महत्व है। उनकी आरती के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। श्री कुंजबिहारी जी की आरती से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं और सभी प्रकार के दुख एवं परेशानियां दूर हो जाती हैं।
चित्रगुप्त जी की आरती (Chitragupta ji ki Aarti)
श्री कुंजबिहारी आरती (Shri Kunjbihari Aarti)
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली।।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै।
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा।
बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच,
चरन छवि श्री बनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू।
चहुँ दिसि गोपी ग्वाल धेनू।
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
शीतला माता की आरती (Shitala Mata ki Aarti)
श्री कुंजबिहारी आरती (Shri Kunjbihari Aarti)
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