इस शुभ अवसर पर माँ लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की आरती करें और अपने घर में सुख, समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य का आह्वान करें।
ॐ दुं दुर्गायै नमः (Om Dum Durgayei Namaha)
धनतेरस का महत्व (Importance of Dhanteras)
धनतेरस हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने परिवार की समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं।
धनतेरस की परंपराएँ (Traditions of Dhanteras)
- इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और अन्य धातु की वस्तुएं खरीदने की परंपरा है, क्योंकि इसे घर में धन और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है।
- भगवान धनवंतरि, जो आयुर्वेद के प्रवर्तक माने जाते हैं, की पूजा कर स्वस्थ जीवन की कामना की जाती है।
- इस दिन घरों में दीप जलाने की परंपरा है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति बनी रहती है।
इस पावन दिन पर श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की आरती करें और घर में खुशहाली का स्वागत करें।
ॐ अन्तरिक्षाय नमः मंत्र (Om Antarikshaya Namah Mantra)
धनवंतरि भगवान की आरती (Worship of Lord Dhanvantari)
ओम जय धनवंतरि देवा, जय धनवंतरि देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
जय धनवंतरि देवा।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
जय धनवंतरि देवा।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
जय धनवंतरि देवा।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
जय धनवंतरि देवा।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
जय धनवंतरि देवा ।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का चेरा।।
जय धनवंतरि देवा।।
धनवंतरिजी की आरती जो कोई जन गावे।
रोग-शोक न आवे, सुख-समृद्धि पावे।।
जय धनवंतरि देवा।।
गर्भ रक्षा महामंत्र (Garbha Raksha Mantra)
धनतेरस की पूजा विधि (Method of worship of Dhanteras)
धनतेरस के शुभ अवसर पर माँ लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की विधिपूर्वक पूजा करने से घर में धन, समृद्धि और स्वास्थ्य का वास होता है। इस दिन दीप जलाकर, फूल अर्पित करके और मंत्रों का जाप करके विशेष पूजा की जाती है।
गर्भ संस्कार मंत्र (Garbh Sanskar Mantra)
पूजा की विधि (Method of worship)
🔴 सबसे पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
🔴 पूजा स्थान पर लाल चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
🔴 माँ लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की प्रतिमा या चित्र को एक स्वच्छ चौकी पर स्थापित करें।
🔴 घी का दीपक जलाएं और धूपबत्ती प्रज्वलित करें।
🔴 माँ लक्ष्मी को फल, मिठाई और पंचमेवा अर्पित करें।
🔴 अक्षत (चावल) और पुष्प चढ़ाकर श्रद्धा भाव से पूजा करें।
🔴 मंत्र जाप करें और भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
🔴 भक्ति भाव से आरती करें और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
🔴 अंत में धन, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।
ॐ बागेश्वराय वीर वीराय हूँ फट स्वाहा (Om Bageshwaraya VeerVeeraya Hum Fat Swaha)
महत्वपूर्ण सावधानियाँ (Important Precautions)
🔴 पूजा के समय सफेद या पीले रंग के वस्त्र धारण करें, ये शुभ माने जाते हैं।
🔴 पूजा मन से करें, मनोभाव पवित्र रखें और पूरी श्रद्धा के साथ अनुष्ठान करें।
🔴 पूजा के उपरांत प्रसाद का वितरण करें और परिवार के सदस्यों के साथ इसे ग्रहण करें।
इस प्रकार, विधिपूर्वक धनतेरस की पूजा करने से माँ लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वास होता है।
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