जैन धर्म में नेमिनाथ भगवान चौबीसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ से पहले के तेईसवें तीर्थंकर माने जाते हैं। उनका जन्म सोरठ (गुजरात) के शौरिपुर में हुआ था। उन्हें अरिष्टनेमि या नेमिनाथ के नाम से भी जाना जाता है। उनके जीवन से जुड़ी शिक्षाएँ करुणा, अहिंसा और त्याग पर आधारित हैं। नेमिनाथ सलोक (शलोक) विशेष रूप से Read More
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