
भारत की भूमि सदैव दिव्य शक्तियों, संतों और लोक-देवताओं से भरी रही है। इन्हीं पूजनीय लोकदेवताओं में एक नाम अत्यंत श्रद्धा से लिया जाता है — श्री बाबा मोहन राम।
भक्त उन्हें भगवान विष्णु का अवतार तथा भगवान कृष्ण (मोहन) और भगवान राम के संयुक्त गुणों का प्रतीक मानते हैं। उनके नाम में ही यह दिव्यता समाहित है –
“बाबा” विष्णु का संकेत है,
“मोहन” कृष्ण का नाम है,
“राम” भगवान राम का स्वरूप है।
इसीलिए वे त्रिदेव-स्वरूप माने जाते हैं।
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बाबा मोहन राम का परिचय (Introduction to Baba Mohan Ram)
लोकमान्यता के अनुसार बाबा मोहन राम का इतिहास लगभग 350 वर्ष पुराना है। वे एक सिद्ध पुरुष और लोकदेवता माने जाते हैं, जिन्होंने मनुष्यों के कष्ट दूर करने का वचन लिया था।
कहा जाता है कि उनकी साधना और तपस्या इतनी शक्तिशाली थी कि कठिन से कठिन बाधाएँ भी उनकी कृपा से दूर हो जाती थीं।
नन्दू भगत को दर्शन (Appearance to Nandu Bhagat)
मान्यता के अनुसार बाबा मोहन राम ने पहली बार नन्दू भगत को दर्शन दिए।
उन्होंने नन्दू भगत को यह वचन दिया कि वे आने वाले समय में हर उस व्यक्ति की सहायता करेंगे जो सच्चे मन से उनका स्मरण करेगा।
नन्दू भगत के वंशज आज भी इस परंपरा को निभाते हैं और भक्तों की समस्याओं का समाधान करने में उनकी सहायता करते हैं।
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खोली धाम (काली खोली) – मुख्य मंदिर (Kholi Dham (Kali Kholi) – Main Temple)
बाबा मोहन राम का मुख्य मंदिर राजस्थान के अलवर जिले के मिलकपुर गाँव में स्थित है।
यह स्थान दिल्ली एनसीआर से लगभग 60 से 70 किलोमीटर की दूरी पर है।
पहाड़ों के बीच स्थित इस पवित्र स्थान को खोली धाम कहा जाता है, जहाँ काली खोली नामक गुफा है। माना जाता है कि यहीं पर बाबा ने साधना की थी।
खोली धाम की विशेषताएँ:
• काली खोली गुफा – साधना स्थल
• मंदिर में अखंड ज्योति
• भक्तों द्वारा सेवा-कार्य
• दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़
• बड़े पैमाने पर लगने वाले मेले और भजन-कीर्तन
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बाबा मोहन राम का दिव्य स्वरूप (The divine form of Baba Mohan Ram)
भक्त मानते हैं कि बाबा मोहन राम में तीन शक्तियाँ विद्यमान हैं –
विष्णु की पालन शक्ति,
कृष्ण का प्रेम और करुणा,
राम का धर्म, सत्य और पराक्रम।
इसलिए उन्हें संयुक्त दिव्य अवतार माना जाता है।
भक्ति और पूजा-पद्धति (Devotion and worship)
बाबा मोहन राम की पूजा किसी कठोर नियम से बंधी नहीं है।
भक्ति का मुख्य आधार है – सच्ची श्रद्धा, सेवा और सद्भाव।
भक्त आमतौर पर यह करते हैं:
• बाबा मोहन राम की चालीसा का पाठ
• घी का दीपक जलाना
• धूप, फूल और नारियल चढ़ाना
• सेवा: मंदिर की सफाई, दान, पशुओं की देखभाल
• काली खोली तक पैदल यात्रा
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भक्तों का विश्वास है कि बाबा सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य सुनते हैं।
वार्षिक मेले और दर्शन (Annual fairs and darshan)
खोली धाम में वर्षभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
मेले के समय लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
भजन-कीर्तन, झंडा चढ़ाना, प्रसाद, दान-सेवा और अखंड ज्योति के दर्शन – यह सब इसकी विशेषता है।
बाबा मोहन राम की कृपा (Grace of Baba Mohan Ram)
भक्तों की आस्था है कि बाबा मोहन राम
• रोग-पीड़ा दूर करते हैं
• घर-परिवार में शांति लाते हैं
• बाधाएँ और नकारात्मक ऊर्जा हटाते हैं
• व्यापार और कार्य में उन्नति देते हैं
• मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं
ये विश्वास पीढ़ियों से चली आ रही लोक-भक्ति पर आधारित हैं।
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निष्कर्ष (Conclusion)
श्री बाबा मोहन राम एक सिद्ध संत, लोकदेवता और दिव्य शक्ति के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं।
मिलकपुर स्थित खोली धाम आज भी लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
उनकी भक्ति सेवा, सत्य, करुणा और प्रेम पर आधारित है — यही उन्हें अद्भुत और अद्वितीय बनाता है।
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