श्री आदिमाता अशुभनाशिनी स्तोत्रम् एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसमें आदिमाता जगदंबा की महिमा और कृपा का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र विशेष रूप से जीवन में उपस्थित सभी अशुभ प्रभावों, बाधाओं और नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए जाना जाता है। भक्त इस स्तोत्र का श्रद्धा के साथ पाठ करके माता से कृपा और आशीर्वाद की याचना करते हैं, जिससे उनके जीवन में शुभता, सुख और शांति का संचार होता है।
स्तोत्र का महत्व (Importance of Stotra)
- यह स्तोत्र पापनाशिनी चण्डिका देवी की स्तुति करता है, जो भक्तों के समस्त पापों और कष्टों का नाश करती हैं।
- देवी को त्रिमूर्ति माता के रूप में वर्णित किया गया है, जो पतिव्रता, प्रेमत्राता और तपमालिनी स्वरूप में भक्तों के दुखों का नाश करती हैं।
- देवी के महिषासुरमर्दिनी रूप का विशेष उल्लेख है, जो समस्त बाधाओं और शत्रुओं का नाश करती हैं।
- इस स्तोत्र का पाठ भक्तों के मनोबल को मजबूत करता है और उन्हें आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
श्री आदिमाता अशुभनाशिनी स्त्रोत्र (Shri Adimata Ashubhnashini Stotra):
प्रणवमाते गतित्राते गयःत्राते भर्गमालिनी |
पापनाशिनी चण्डिके श्रीगायत्रि नमोSस्तु ते || १ ||
त्रिमूर्तिमाते पतिव्रते प्रेमत्राते तपमालिनी |
दु:खनाशिनी चण्डिके अनसूये नमोSस्तु ते || २ ||
भावस्था त्वं नामाधारा नादस्था मन्त्रमालिनी |
अशुभनाशिनी चण्डिके महिषासुरमर्दिनि नमोSस्तु ते || ३ ||
सर्वबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्य अखिलेश्वरी |
एवमेव त्वया कार्यं अस्मद् वैरिविनाशनम् || ४ ||
पिशाचदैत्यदुर्मान्त्रिकादि-सर्वशत्रुविनाशिनि |
ॐ नमश्चण्डिकायै नमश्चण्डिकायै नमश्चण्डिकायै
रक्ष रक्ष परमेश्वरि || ५ ||
रोगानशेषान् अपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलान् अभीष्टान् |
ॐ नमश्चण्डिकायै नमश्चण्डिकायै नमश्चण्डिकायै
क्षमस्व मे परमेश्वरि || ६ ||
त्वां आश्रितानां न विपन्नराणां त्वां आश्रिता ह्याश्रेयतां प्रयान्ति |
ॐ नमश्चण्डिकायै नमश्चण्डिकायै नमश्चण्डिकायै
प्रसीद मे परमेश्वरि || ७ ||
अष्टादशभुजे त्रिधे श्रीदुर्गे सिंहवाहिनी |
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि शुभंकरे नमोSस्तु ते || ८ ||
बिभिषण उवाच
पापोSहं पापकर्माSहं पापात्मा पापसंभवः |
त्राहि मां आदिमाते सर्वपापहरा भव || ९ ||
|| इति निरुद्र महाविद्या शरणं तरति ||
पाठ के लाभ (Benefits of the lesson)
- इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जीवन के सभी प्रकार के अशुभ प्रभाव और संकट समाप्त हो जाते हैं।
- देवी की कृपा से भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
- यह स्तोत्र भक्तों के जीवन में समृद्धि, सफलता और सुख की प्राप्ति सुनिश्चित करता है।
- देवी की शक्ति से सभी प्रकार के पाप और भय समाप्त होते हैं तथा जीवन में सौभाग्य का संचार होता है।
इस प्रकार, श्री आदिमाता अशुभनाशिनी स्तोत्रम् का श्रद्धापूर्वक पाठ भक्तों के जीवन में शुभता, समृद्धि और शांति लाता है। यह स्तोत्र देवी की महिमा का गुणगान करते हुए भक्तों को उनके संरक्षण और आशीर्वाद की अनुभूति कराता है।