बालाजी की आराधना से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की कठिनाइयों का समाधान मिलता है।
श्री बालाजी आरती का महत्व (Importance of Shri Balaji Aarti)
श्री बालाजी की आरती अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। जो भक्त नित्य श्रद्धा भाव से इस आरती का पाठ या श्रवण करते हैं, उन पर बालाजी की विशेष कृपा बनी रहती है। बालाजी अपने भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
विशेष रूप से, जो भक्त शनिवार और मंगलवार के दिन श्री बालाजी की आरती करते हैं, उन्हें शीघ्र ही बालाजी की कृपा प्राप्त होती है। यह आरती शनि दोष को शांत करने में भी सहायक मानी जाती है। आइए, श्री बालाजी की आरती का पाठ करें।
बालाजी आरती (Bala ji aarti)
ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी ।
दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
बाल समय में तुमने, रवि को भक्ष लियो ।
देवन स्तुति किन्ही, तुरतहिं छोड़ दियो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
कपि सुग्रीव राम संग, मैत्री करवाई।
अभिमानी बलि मेटयो, कीर्ति रही छाई ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये ।
कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
शक्ति लगी लक्ष्मण को, भारी सोच भयो ।
लाय संजीवन बूटी, दुःख सब दूर कियो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
रामहि ले अहिरावण, जब पाताल गयो ।
ताहि मारी प्रभु लाय, जय जयकार भयो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
राजत मेहंदीपुर में, दर्शन सुखकारी ।
मंगल और शनिश्चर, मेला है जारी ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
श्री बालाजी की आरती, जो कोई नर गावे ।
कहत इन्द्र हर्षित, मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥