श्रीकृष्ण जी की आरती का नित्य पाठ भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है। यह मन को शांति प्रदान करता है और जीवन में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
शनिदेव जी की आरती (Shanidev ji ki Aarti)
श्रीकृष्ण आरती का महत्व (Importance of Shri Krishna Aarti)
श्रीकृष्ण, जिन्हें भक्त प्रेम से कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से पुकारते हैं, अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि जो भी प्रेमपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण को स्मरण करता है, वे उसे कभी नहीं छोड़ते।
आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hridaya Stotra)
यहां श्रीकृष्ण जी की मंगलमय आरती प्रस्तुत की जा रही है। प्रतिदिन श्रीकृष्ण भगवान की आरती करने से सांसारिक एवं आध्यात्मिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही, घर-परिवार में लक्ष्मी जी का वास होता है।
शीतला माता की आरती (Shitala Mata ki Aarti)
श्रीकृष्ण जी की आरती (Shree Krishna ji ki Aarti)
ओम जय श्री कृष्ण हरे,
प्रभु जय श्री कृष्ण हरे।
भक्तन के दुख सारे
पल में दूर करे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
ओम जय श्री कृष्ण हरे,
प्रभु जय श्री कृष्ण हरे।
भक्तन के दुख सारे,
पल में दूर करे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
परमानंद मुरारी, मोहन गिरधारी,
प्रभु मोहन गिरधारी।
जय रास बिहारी,
जय जय गिरधारी।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
कर कंचन कटि कंचन, श्रुति कुंडल माला
प्रभु श्रुति कुंडल माला।
मोर मुकुट पीताम्बर,
सोहे बनमाला.जय जय।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
दीन सुदामा तारे दरिद्रों के दुख टारे,
प्रभु दरिद्रों के दुख टारे।
जग के फंद छुड़ाए,
भव सागर तारे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
हिरण्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे,
प्रभु नरहरि रूप धरे।
पाहन से प्रभु प्रगटे,
यम के बीच परे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
केसी कंस विदारे नल कुबर तारे,
प्रभु नल कुबर तारे।
दामोदर छवि सुंदर,
भगतन के प्यारे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे,
प्रभु नटवर छवि सोहे।
फन फन नाचा करते,
नागन मन मोहे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
राजा उग्रसेन पाये माता शोक हरे,
प्रभु माता शोक हरे।
द्रुपद सुता पत राखी, करुणा लाज भरे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
ओम जय श्री कृष्ण हरे,
प्रभु जय श्री कृष्ण हरे।
भक्तन के दुख सारे,
पल में दूर करे।।
।। ओम जय श्री कृष्ण हरे ।।
श्री कुंजबिहारी आरती (Shri Kunjbihari Aarti)
शनिदेव जी की आरती (Shanidev ji ki Aarti)
हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji ki Aarti)
सूर्यदेव आरती (Suryadev Aarti)
काली जी की आरती (Kali ji ki aarti)