श्री चित्रगुप्त जी की आरती का महत्व (Importance of Shri Chitragupta ji’s Aarti)
श्री चित्रगुप्त जी की आरती का पाठ करने से भक्तों को धर्म के रक्षक भगवान चित्रगुप्त का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)
भगवान चित्रगुप्त को हमारे कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाला देवता माना जाता है। उनकी आरती का पाठ करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है। यह माना जाता है कि आरती करने से भगवान चित्रगुप्त कृपा करते हैं और हमें सच्चाई एवं न्याय के मार्ग पर चलने का आशीर्वाद देते हैं। इस आरती के माध्यम से हम अपने कर्मों का परिशोधन करते हुए उनसे क्षमा याचना करते हैं और एक श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
चंद्र दोष निवारण मंत्र (Chandra Dosh Nivaran Mantra)
Chitragupta ji’s aarti(चित्रगुप्त जी की आरती )
ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥
विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तनसुखदायी ।
भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवनयश छायी ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत, पीताम्बरराजै ।
मातु इरावती, दक्षिणा, वामअंग साजै ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक, प्रभुअंतर्यामी ।
सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन, प्रकटभये स्वामी ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
कलम, दवात, शंख, पत्रिका, करमें अति सोहै ।
वैजयन्ती वनमाला, त्रिभुवनमन मोहै ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
विश्व न्याय का कार्य सम्भाला, ब्रम्हाहर्षाये ।
कोटि कोटि देवता तुम्हारे, चरणनमें धाये ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
नृप सुदास अरू भीष्म पितामह, यादतुम्हें कीन्हा ।
वेग, विलम्ब न कीन्हौं, इच्छितफल दीन्हा ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
दारा, सुत, भगिनी, सबअपने स्वास्थ के कर्ता ।
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी, तुमतज मैं भर्ता ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
बन्धु, पिता तुम स्वामी, शरणगहूँ किसकी ।
तुम बिन और न दूजा, आसकरूँ जिसकी ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
जो जन चित्रगुप्त जी की आरती, प्रेम सहित गावैं ।
चौरासी से निश्चित छूटैं, इच्छित फल पावैं ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥
न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी, पापपुण्य लिखते ।
‘नानक’ शरण तिहारे, आसन दूजी करते ॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे ॥
चंद्र बीज मंत्र (Chandra Beej Mantra)
चंद्रमा गायत्री मंत्र (Chandrama Gayatri Mantra)
ॐ सोम सोमाय नमः मंत्र (Om Som Somaya Namah Mantra)
रुद्र गायत्री मंत्र (Rudra Gayatri Mantra)
सरस्वती गायत्री मंत्र (Saraswati Gayatri Mantra)
शान्ताकारं मंत्र – श्री विष्णु स्तुति (Shantakaram Mantra – Shri Vishnu Stuti)
निर्वाण षटकम् (Nirvana Shatakam)
स्वास्तिक मंत्र (Swastik Mantra)
अर्गला स्तोत्रम् (Argala stotram)