“ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र चंद्र देव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जो मानसिक शांति, सकारात्मकता और जीवन में संतुलन लाने में सहायक होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो चंद्र दोष, मानसिक तनाव, नींद की समस्या, या भावनात्मक अस्थिरता से परेशान हैं। इस मंत्र का जाप सोमवार को शिवलिंग के सामने करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। यदि इस मंत्र का सही विधि से जाप किया जाए, तो यह जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि प्रदान करता है।
भीष्म कृत श्रीकृष्ण स्तुति (Bhishma Krita Shree Krishna Stuti)
मंत्र:
ॐ सोम सोमाय नमः
अर्थ: “मैं चंद्र देव (सोम) को नमन करता हूँ।”
श्री कृष्ण स्तुति (Shree Krishna Stuti)
ॐ सोम सोमाय नमः मंत्र के लाभ (Benefits of Chanting the Mantra)
1. मानसिक शांति और शीतलता:
चंद्रमा मन और भावनाओं का अधिपति ग्रह माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से मानसिक तनाव, चिंता, और क्रोध कम होता है।
2. मन की स्थिरता और एकाग्रता:
जो लोग पढ़ाई या ध्यान करते हैं, उनके लिए यह मंत्र बहुत लाभकारी होता है। यह स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाता है।
3. भावनात्मक संतुलन:
यह मंत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो भावनात्मक अस्थिरता, अवसाद (डिप्रेशन), और मानसिक कमजोरी का सामना कर रहे हैं।
4. चंद्र दोष निवारण:
यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो (जैसे कि चंद्र ग्रहण, राहु-चंद्र योग, या चंद्रमा का नीच का होना), तो इस मंत्र का जाप करने से सुधार होता है।
5. नींद की समस्या (अनिद्रा) का समाधान:
यदि किसी को अच्छी नींद नहीं आती या बार-बार बुरे सपने आते हैं, तो इस मंत्र के जाप से राहत मिलती है।
6. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार:
चंद्रमा जल तत्व से जुड़ा हुआ ग्रह है, इसलिए इसका जाप शरीर में ठंडक और जल संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
7. रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य:
इस मंत्र के जाप से पारिवारिक और वैवाहिक संबंधों में मधुरता आती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनके रिश्तों में तनाव रहता है।
रुद्र गायत्री मंत्र (Rudra Gayatri Mantra)
ॐ सोम सोमाय नमः मंत्र जाप की विधि (How to Chant the Mantra)
1. जाप का सही समय (Best Time to Chant the Mantra)
- सोमवार (Monday) का दिन चंद्र देव और भगवान शिव दोनों को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन जाप करना सर्वोत्तम है।
- रात्रि के समय इस मंत्र का जाप करना अधिक प्रभावी माना जाता है, क्योंकि चंद्रमा रात्रि का स्वामी है।
- पूर्णिमा (Purnima) के दिन इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर (Shiv Stuti: Ashutosh Shashank Shekhar)
2. जाप की संख्या (How Many Times to Chant?)
- 11, 21, 51, या 108 बार तुलसी या चंद्र मणि माला से जाप करें।
- मंत्र सिद्धि के लिए 40 दिनों तक प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
3. जाप की विधि (Proper Method to Chant)
✔ सोमवार को शिवलिंग के सामने बैठकर इस मंत्र का जाप करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।
✔ स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
✔ सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
✔ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
✔ सामने चंद्र देव या शिवलिंग की मूर्ति/चित्र रखें।
✔ शिवलिंग पर जल, दूध और चावल अर्पित करें।
✔ गाय के दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
✔ शुद्ध भाव और श्रद्धा से मंत्र जाप करें।
श्री कुबेर अष्ट लक्मी मंत्र (Shree Kuber Ashta Lakshmi Mantra)
कौन इस मंत्र का जाप करे? (Who Should Chant This Mantra?)
✔ जिनकी कुंडली में चंद्र दोष हो।
✔ जो मानसिक तनाव, चिंता, डिप्रेशन, या भावनात्मक अस्थिरता से जूझ रहे हों।
✔ जिनकी स्मरण शक्ति कमजोर हो या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो।
✔ जिनकी रिश्तों में समस्याएं हो रही हों।
✔ जिन्हें नींद की समस्या हो।
✔ जिनका चंद्रमा कमजोर हो और जिन्हें अधिक लाभ चाहिए।
यदा यदा हि धर्मस्य श्लोक (Yada Yada hi Dharmasya Sloka)
ॐ नमो हनुमते भय भंजनाय मंत्र (Om Namo Hanumate Bhaybhanjanaya Mantra)
33 कोटि का वास्तविक अर्थ और पौराणिक दृष्टिकोण
गणपति अथर्वशीर्षम (Ganapathy Atharvaseersham)
गणेश गायत्री मंत्र (Ganesh Gayatri Mantra)
तुलसी जी की आरती (Tulsi ji ki aarti)
सन्तोषी माता आरती (Santoshi Mata Aarti)