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यदा यदा हि धर्मस्य श्लोक (Yada Yada hi Dharmasya Sloka)

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“यदा यदा हि धर्मस्य” श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय (ज्ञान योग) का सातवां और आठवां श्लोक है। अध्याय का नाम: गणपति अथर्वशीर्षम (Ganapathy Atharvaseersham) तुलसी जी की आरती (Tulsi ji ki aarti) श्लोक का संदर्भ: भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि जब-जब संसार में धर्म का ह्रास होता है और अधर्म का विस्तार होता है, Read More