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विष्णुपुरण नगपतनी कृता श्रीकृष्ण स्तोत्रं (Vishnupuran Nagapatni Kruta-Srikrishna Stotram)

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“नागपत्नीकृत श्रीकृष्ण स्तोत्र” विष्णुपुराण में वर्णित एक अत्यंत करुणामय और प्रभावशाली स्तुति है, जिसे कालिय नाग की पत्नियों (नागपत्नियों) ने श्रीकृष्ण की करुणा और क्षमा प्राप्त करने के लिए गाया था। यह स्तोत्र उस प्रसंग से संबंधित है जब श्रीकृष्ण ने यमुनाजल में रह रहे विषैले कालिय नाग को पराजित कर उसे अपने चरणों से Read More

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विश्व शांति स्तोत्र (Vishwa Shanti Stotra)

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“श्री विश्व शांति स्तोत्र” एक दिव्य और प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसकी रचना का उद्देश्य सर्वव्यापी शांति, सुरक्षा, साधना-संरक्षण और धर्म की रक्षा करना है। यह स्तोत्र मुख्य रूप से तंत्र, योग, और साधना मार्ग के अनुयायियों को समर्पित है, जो दुष्ट शक्तियों, विघ्नों, द्वेष और पापवृत्तियों से रक्षा प्राप्त करने के लिए इसका पाठ करते Read More

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विविधदेवस्तोत्राणि (Vividh Dev Stotrani)

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“श्री विविध देव स्तोत्राणि” देवी-देवताओं के विभिन्न स्तोत्रों का एक दिव्य और प्रभावशाली संग्रह है, जो सनातन परंपरा में श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत है। इस संग्रह में प्रमुख रूप से भगवान गणेश, भगवती पार्वती, भगवान विष्णु, भगवान शिव, और अन्य देवताओं की स्तुतियाँ संकलित हैं, जिन्हें शास्त्रों और पुराणों में अत्यंत पुण्यदायक माना गया Read More

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विश्वावसु गन्धव स्तोत्र (Vishwavasu Gandharv Stotra)

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“श्री विश्वावसु गंधर्व कवच स्तोत्र” एक अत्यंत शक्तिशाली और दुर्लभ तांत्रिक स्तोत्र है, जिसका मूल उद्देश्य है – विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करना, स्त्री वशीकरण की सिद्धि प्राप्त करना, भग-भाग्य (विवाह सौभाग्य), ऐश्वर्य, संतान, प्रेम एवं वैवाहिक सुख की प्राप्ति। यह कवच स्वयं भगवान शिव द्वारा पार्वती जी को उपदेश रूप में Read More

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विप्रपत्नी करिता कृष्णा स्तोत्र (Viprapatni Krita Krishna Stotra)

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यह स्तोत्र उन ब्राह्मण पत्नियों द्वारा रचा गया है, जिन्होंने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से प्रभावित होकर उनकी भक्ति में समर्पित जीवन जीया। यह स्तुति दर्शाती है कि किस प्रकार एक भक्त – चाहे वह किसी भी जाति, लिंग या अवस्था का हो – यदि श्रद्धा और भक्ति से भगवान की शरण में आता है, Read More

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विपरीत प्रत्यंगिरा स्तोत्र (Vipareet Pratyangira Stotra)

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माँ विपरीत प्रत्यंगिरा देवी भद्रकाली या महाकाली का अत्यंत उग्र, शक्तिशाली और रहस्यमयी स्वरूप मानी जाती हैं। यह स्तोत्र उनके अत्यंत प्रभावशाली रूप की स्तुति है, जो अदृश्य शत्रुओं, काले जादू, तांत्रिक क्रियाओं और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है। जब कोई व्यक्ति दिखावे में मित्रता निभाता है, लेकिन भीतर से ईर्ष्या, द्वेष और Read More

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विपरीत प्रत्यंगिरा महाविधा (Viprit Pratyangira Mahavidya Stotra)

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विपरीत प्रत्यंगिरा महाविद्या स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और रहस्यमयी स्तोत्र है, जो देवी प्रत्यंगिरा को समर्पित है। यह स्तोत्र मुख्यतः उन साधकों के लिए रचा गया है जो तंत्र बाधा, काला जादू, भूत-प्रेत, शत्रु बाधा, अदृश्य आक्रमण या मानसिक-आध्यात्मिक संकटों से घिरे होते हैं। यह स्तोत्र देवी प्रत्यंगिरा की विपरीत शक्ति रूप का आह्वान करता Read More

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विनायक स्तोत्र (Vinayak Stotra)

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“श्री विनायक स्तोत्र” भगवान गणेश को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसमें उनके विविध नामों, स्वरूपों और दिव्य गुणों की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र विशेष रूप से विघ्नों को दूर करने, बाधाओं का नाश करने, और सफलता तथा शांति की प्राप्ति के लिए भक्तों द्वारा श्रद्धा से पढ़ा जाता है। इस स्तोत्र Read More

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विंध्यवासिनी स्तोत्र (Vindhyvasini Stotra)

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“श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र” एक अत्यंत शक्तिशाली देवी स्तुति है जो माँ विंध्यवासिनी देवी की महिमा का गुणगान करती है। यह स्तोत्र देवी के विविध स्वरूपों, शक्तियों और गुणों का वर्णन करते हुए भक्त को उनकी शरण में आने का आह्वान करता है। माँ विंध्यवासिनी, जिन्हें दुर्गा का अवतार माना जाता है, का निवास स्थान विंध्य Read More

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वासुदेवकृत कृष्ण स्तोत्र (Vasudevkrit Krishna Stotra)

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“वासुदेवकृतं कृष्ण स्तोत्र” एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसकी रचना स्वयं भगवान वसुदेव ने अपने पुत्र श्रीकृष्ण की दिव्य महिमा का स्तवन करते हुए की थी। यह स्तोत्र श्रीकृष्ण के निर्गुण और सगुण, दोनों रूपों का वर्णन करता है और उन्हें परम ब्रह्म, अनंत, अव्यक्त, अदृश्य, तथा प्रकृति से परे परमात्मा के रूप में प्रस्तुत Read More